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किसान की आत्महत्या मामले में प्रशासन पर परिजनों के आरोप, प्रशासन ने किए खारिज - जबलपुर में किसान ने की आत्महत्या

जबलपुर जिले के पनागर ग्रामीण क्षेत्र में एक किसान ने आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि किसान ने कर्ज और धान का भुगतान नहीं होने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली है, वहीं प्रशासन इन आरोपों को खारिज कर दिया है.

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Published : Jul 14, 2020, 4:40 AM IST

जबलपुर। जिले के पनागर ग्रामीण क्षेत्र में एक किसान ने 11 जुलाई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. परिजनों का आरोप है किसान लालू पटेल कर्ज तले दबा हुआ था, साथ ही उसकी प्रशासन ने उसकी धान को अमानक बताकर भुगतान रोक लिया था. हाल ही में उसने कर्ज के कारण 1 एकड़ जमीन भी बेची थी. इन तमाम दिक्कतों की वजह से लल्ला पटेल लंबे समय से परेशान चल रहा था इसीलिए किसान ने मौत को गले लगा लिया.

इधर प्रशासन का कहना है कि जांच में पता चला है कि मृतक के नाम पर कोई जमीन नहीं थी. हाल ही में उसके पिता ने एक बैंक का 3 लाख का कर्ज भी अदा कर दिया था. वहीं किसान की गेहूं को भी मानक कर दिया गया था. लिहाजा इस मामले में कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात गलत है.

जबलपुर में अभी भी सैकड़ों किसानों का गेहूं और धान का भुगतान बाकी है, किसान कर्ज लेकर नई फसल की बोनी कर रहा है. इसलिए किसानों में गुस्सा होना जायज है. बहरहाल प्रशासन इस आत्महत्या को खेती की वजह से नहीं मान रही है.

जबलपुर। जिले के पनागर ग्रामीण क्षेत्र में एक किसान ने 11 जुलाई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. परिजनों का आरोप है किसान लालू पटेल कर्ज तले दबा हुआ था, साथ ही उसकी प्रशासन ने उसकी धान को अमानक बताकर भुगतान रोक लिया था. हाल ही में उसने कर्ज के कारण 1 एकड़ जमीन भी बेची थी. इन तमाम दिक्कतों की वजह से लल्ला पटेल लंबे समय से परेशान चल रहा था इसीलिए किसान ने मौत को गले लगा लिया.

इधर प्रशासन का कहना है कि जांच में पता चला है कि मृतक के नाम पर कोई जमीन नहीं थी. हाल ही में उसके पिता ने एक बैंक का 3 लाख का कर्ज भी अदा कर दिया था. वहीं किसान की गेहूं को भी मानक कर दिया गया था. लिहाजा इस मामले में कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात गलत है.

जबलपुर में अभी भी सैकड़ों किसानों का गेहूं और धान का भुगतान बाकी है, किसान कर्ज लेकर नई फसल की बोनी कर रहा है. इसलिए किसानों में गुस्सा होना जायज है. बहरहाल प्रशासन इस आत्महत्या को खेती की वजह से नहीं मान रही है.

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