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बुरहानपुर: जल संकट से निपटने के लिए पर्यावरण विशेषज्ञों से ली जा रही है राय

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Published : Mar 28, 2019, 9:57 PM IST

बुरहानपुर में जल संकट के हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन अभी से अलर्ट हो गया है. आने वाले दिनों में पानी की पूर्ति को देखते हुए प्रशासन इसके अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है.  भूमिगत जल स्त्रोत के  प्रोत्साहन के लिए प्रशासन ने जल और पर्यावरण विशेषज्ञों की टीम से जल संरक्षण को लेकर चर्चा की.

बुरहानपुर

बुरहानपुर। जिले में जल संकट के हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन अभी से अलर्ट हो गया है. आने वाले दिनों में पानी की पूर्ति को देखते हुए प्रशासन इसके अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है. भूमिगत जल स्त्रोत के प्रोत्साहन के लिए प्रशासन ने जल और पर्यावरण विशेषज्ञों की टीम से जल संरक्षण को लेकर चर्चा की.

जल सकंट

जल और पर्यावरण विशेषज्ञों ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर कुंडी भंडारा की बारीकियों को समझा. इसके लिए विरान पड़ी सतपुड़ा पहाड़ियों को फिर से हरा भरा करने के लिए वृक्षारोपण प्रोजेक्ट तैयार किए गये हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व में इस सतपुड़ा पर्वत पर हरियाली होने से पेड़ों के जरिए रिसने वाला पानी कुंडी भंडारे में संग्रहित होता था. लेकिन कटे पड़ों के बाद इलाके में जल संकट गहराता गया. दम तोड़ते विश्व की अद्वितीय संरचना कुंडी भंडारा को वृक्षारोपण के जरिये दोबारा पहले जैसा किया जा सकता है.

बता दें कि भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने के लिए बारिश के सीजन में ऐतिहासिक कुंडी भंडारा से लगी सतपुडा पहाड़ियों में वृक्षारोपण कराया जाएगा. जिससे कुंडी भंडारा और आसपास के इलाकों में जमीन का जलस्तर बढ़ने में मदद मिलेगी.

बुरहानपुर। जिले में जल संकट के हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन अभी से अलर्ट हो गया है. आने वाले दिनों में पानी की पूर्ति को देखते हुए प्रशासन इसके अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है. भूमिगत जल स्त्रोत के प्रोत्साहन के लिए प्रशासन ने जल और पर्यावरण विशेषज्ञों की टीम से जल संरक्षण को लेकर चर्चा की.

जल सकंट

जल और पर्यावरण विशेषज्ञों ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर कुंडी भंडारा की बारीकियों को समझा. इसके लिए विरान पड़ी सतपुड़ा पहाड़ियों को फिर से हरा भरा करने के लिए वृक्षारोपण प्रोजेक्ट तैयार किए गये हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व में इस सतपुड़ा पर्वत पर हरियाली होने से पेड़ों के जरिए रिसने वाला पानी कुंडी भंडारे में संग्रहित होता था. लेकिन कटे पड़ों के बाद इलाके में जल संकट गहराता गया. दम तोड़ते विश्व की अद्वितीय संरचना कुंडी भंडारा को वृक्षारोपण के जरिये दोबारा पहले जैसा किया जा सकता है.

बता दें कि भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने के लिए बारिश के सीजन में ऐतिहासिक कुंडी भंडारा से लगी सतपुडा पहाड़ियों में वृक्षारोपण कराया जाएगा. जिससे कुंडी भंडारा और आसपास के इलाकों में जमीन का जलस्तर बढ़ने में मदद मिलेगी.

Intro:बुरहानपुर में जल संकट के हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं, भविष्य में पानी की जरूरत को देखते हुए भूमिगत जल स्त्रोत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने इंदौर से आई जल एवं पर्यावरण विशेषज्ञों की टीम से जल संरक्षण प्रोजेक्ट पर चर्चा की, इस चर्चा में बारिश के समय भूमिगत जलस्तर कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस दौरान कलेक्टर उमेश कुमार, निगमायुक्त भगवानदास भूमरकर, डीएफओ सुधांशु यादव सहित जिला पंचायत सीईओ मौजूद थे, बता दें कि भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने के लिए बारिश के सीजन में 401 वर्ष पुराने ऐतिहासिक कुंडी भंडारा से लगी सतपुडा पहाड़ियों में वृक्षारोपण कराया जाएगा, जिससे कुंडी भंडारा और आसपास का भूमिगत जलस्तर बढ़ने लगेगा और क्षेत्र में पानी की समस्या काफी हद तक कम होगी, साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी कार्य होगा, जिसके बाद वन विभाग ने पहाड़ियों पर वृक्षारोपण की अनुमति दी है।


Body:जल एवं पर्यावरण विशेषज्ञों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर कुंडी भंडारा को बारीकी से समझा हैं, और विरान पड़ी सतपुड़ा पहाड़ियों को देखने के बाद वृक्षारोपण का प्रोजेक्ट तैयार किया हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व में इस सतपुड़ा पर्वत पर हरियाली होने से पेड़ों के जरिए रिसने वाला पानी कुंडी भंडारे का प्रभाव बनाए रखता था, इसलिए वृक्षारोपण के माध्यम से दम तोड़ते विश्व की अद्वितीय संरचना कुंडी भंडारा को पुनः यथावत स्थिति में लाया जा सकता है, वृक्षारोपण से जल स्तर बढ़ने के साथ ही पर्यावरण शुद्ध होगा।


Conclusion:

बाईट 01:- भगवानदास भूमरकर, निगमायुक्त बुरहानपुर।
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