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शादी में बारातियों के साथ-साथ चली पुलिस, 70 साल बाद दलित दूल्हा चढ़ा घोड़ी पर

छतनपुरा के काकनपुरा गांव में 70 साल बाद कोई दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा. पुलिस ने परिवार की मांग पर बारातियों को पूरी सुरक्षा दी. बहरहाल पूरे गांव में इस शादी की धूम मच गई.

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Published : Apr 20, 2019, 11:58 AM IST

70 साल बाद दलित दूल्हा चढ़ा घोड़ी पर

छतरपुर। जिले के काकनपुरा गांव में दलित परिवार में शादी हुई, लेकिन यहां दबंगों के डर से परिवार ने पुलिस अधिकारियों से शादी के लिए सुरक्षा की मांग की थी, ताकि उनके परिवार में होने वाली शादी में दूल्हा घोड़ी पर चढ़ सके. परिवारवालों को डर था कि कहीं दबंग उनके साथ मारपीट ना कर दें. इसी वजह से उन्होंने लिखित में एक शिकायती आवेदन टीआई सहित एसपी और कलेक्टर महोदय को दिया.

70 साल बाद दलित दूल्हा चढ़ा घोड़ी पर


बता दें कि दूल्हे शशि कुमार के पिता और उसके ताऊ का कहना है कि 70 साल से भी अधिक वर्ष हो गए, लेकिन आज तक यहां कोई भी दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं चढ़ा है. लेकिन उनका मन था कि उनका बेटा घोड़ी पर चढ़कर ही अपनी दुल्हन को लेने जाए. मगर उन्हें डर था कि उनके बेटे के साथ कोई दबंग मारपीट ना कर दे. इसी वजह से उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी. वहीं दूल्हे की मां मुनिया बाई का कहना है कि उसे अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही थी. इसके पहले दबंग गांव के कई बारातों एवं दलित परिवार के दूल्हों के घोड़ी चढ़ने पर उसके साथ मारपीट कर चुके हैं.

शादी को मिली पूरी सुरक्षा
बहरहाल मामला संज्ञान में आते ही पुलिस हरकत में आई और दलित परिवार के आवेदन पर पुलिसवाले बारात की सुरक्षा में तैनात हो गए. पुलिस की निगहबानी में बारात निकलने पर गांववालों में भी ये चर्चा का विषय बन गया. पुलिस बल सहित टीआई खुद घुड़चढ़ी और गांव में घूमने वाली राछ में बारातियों के साथ-साथ रहे और उन्हें सुरक्षा प्रदान करते रहे.


आजादी के 70 साल बाद भी बुंदेलखंड क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आज भी यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में सामंतशाही किस कदर हावी है. एक दलित दूल्हे का घोड़ी पर चढ़ना दबंगों को इतना नागवार गुजरता है कि वह गांव के लोगों के साथ मारपीट तक कर देते हैं.

छतरपुर। जिले के काकनपुरा गांव में दलित परिवार में शादी हुई, लेकिन यहां दबंगों के डर से परिवार ने पुलिस अधिकारियों से शादी के लिए सुरक्षा की मांग की थी, ताकि उनके परिवार में होने वाली शादी में दूल्हा घोड़ी पर चढ़ सके. परिवारवालों को डर था कि कहीं दबंग उनके साथ मारपीट ना कर दें. इसी वजह से उन्होंने लिखित में एक शिकायती आवेदन टीआई सहित एसपी और कलेक्टर महोदय को दिया.

70 साल बाद दलित दूल्हा चढ़ा घोड़ी पर


बता दें कि दूल्हे शशि कुमार के पिता और उसके ताऊ का कहना है कि 70 साल से भी अधिक वर्ष हो गए, लेकिन आज तक यहां कोई भी दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं चढ़ा है. लेकिन उनका मन था कि उनका बेटा घोड़ी पर चढ़कर ही अपनी दुल्हन को लेने जाए. मगर उन्हें डर था कि उनके बेटे के साथ कोई दबंग मारपीट ना कर दे. इसी वजह से उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी. वहीं दूल्हे की मां मुनिया बाई का कहना है कि उसे अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही थी. इसके पहले दबंग गांव के कई बारातों एवं दलित परिवार के दूल्हों के घोड़ी चढ़ने पर उसके साथ मारपीट कर चुके हैं.

शादी को मिली पूरी सुरक्षा
बहरहाल मामला संज्ञान में आते ही पुलिस हरकत में आई और दलित परिवार के आवेदन पर पुलिसवाले बारात की सुरक्षा में तैनात हो गए. पुलिस की निगहबानी में बारात निकलने पर गांववालों में भी ये चर्चा का विषय बन गया. पुलिस बल सहित टीआई खुद घुड़चढ़ी और गांव में घूमने वाली राछ में बारातियों के साथ-साथ रहे और उन्हें सुरक्षा प्रदान करते रहे.


आजादी के 70 साल बाद भी बुंदेलखंड क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आज भी यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में सामंतशाही किस कदर हावी है. एक दलित दूल्हे का घोड़ी पर चढ़ना दबंगों को इतना नागवार गुजरता है कि वह गांव के लोगों के साथ मारपीट तक कर देते हैं.

Intro: छतरपुर !आजादी के 70 साल बाद घोड़ी पर चढ़ा दलित दूल्हा गांव में आज तक किसी भी दलित की नही निकाली गई राछ! दूल्हा एवं उसके पिता ने थाना सहित जिले के अन्य अधिकारियों से की थी सुरक्षा की माँग!आज शशि कुमार की जानी थी बारात इसी के चलते परिवार के लोगों ने की थी सुरक्षा की मांग!

परिजनों को था डर गांव के कुछ दबंग कर सकते है मारपीट इसके पहले भी दबंग गांव इस प्रकार की घटनाओं को दे चुके अंजाम!

जिले के हरपालपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में एक अजीब नजारा देखने को मिला गांव में बारात जाने से पहले होने वाली घुड़चढ़ि(राछ/गांवो में दूल्हे को घोड़े पर बैठकर घुमाते है)पुलिस पहरा देते हुए नजर आई गांव से निकले वाली यह राछ लोगों के लिए चौंकाने वाली थी!


Body: छतरपुर जिले के काकन पुरा गांव में होने वाली एक दलित परिवार की शादी आज अचानक सुर्खियों में आ गई दरअसल दलित परिवार ने थाने सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन देते हुए सूचित किया था कि उनके लड़के शशि कुमार की आज शादी है और लड़के की घुड़चढ़ी होनी है गांव में कुछ दबंगों का खौफ है आज तक दबंगों के कारण कोई भी दलित दूल्हा घोड़ी नहीं चढ़ा है यही वजह थी तूने डर था कहीं दबंग उनके साथ मारपीट ना कर दे इसी वजह से उन्होंने लिखित में एक शिकायती आवेदन टी आई सहित एसपी एवं कलेक्टर महोदय को दिया था!

मामला संज्ञान में आते हैं पुलिस हरकत में आई और दलित परिवार के आवेदन के अनुसार गांव में बारात की सुरक्षा करने के लिए पहुंचे किसी प्रकार का माहौल ना बिगड़े इसलिए पुलिस बल सहित टीआई स्वयं घुड़चढ़ि सहित गांव में घूमने वाली राछ मैं बारातियों के साथ साथ रहे और उन्हें सुरक्षा प्रदान करते रहे!

दूल्हा शशि कुमार ने बताया कि दबंग इससे पहले भी गांव में कई बार शादियों में मारपीट कर चुके हैं यही वजह है कि उसने अपने पिता के साथ खुद शिकायती आवेदन देते हुए अपनी शादी में सुरक्षा की मांग की है शशि कुमार का कहना है कि उसे इस बात का डर है कि कहीं उसके साथ कोई अपमानजनक बात ना हो जाए!

बाइट_शशि कुमार

शशीकांत के पिता एवं उसके ताऊ का कहना है कि 70 साल से भी अधिक वर्ष होने के बाद आज तक यहां कोई भी दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं चढ़ा है और उन्हें डर था कि उनके बेटे के साथ कोई दबंग मारपीट ना कर दे इसी वजह से उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी!

बाइट_रतन लाल_दूल्हे के ताऊ

वहीं दूल्हे की मां मुनिया बाई का कहना है कि उसे अपने बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही है इसके पहले दबंग गांव के कई बारातों एवं दलित दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर उसके साथ मारपीट कर चुके हैं!

बाइट_मुलिया दूल्हे की माँ!

वहीं समाजसेवी राम स्वरूप हर बार ने बताया कि इस गांव में आजादी से लेकर आज तक कोई भी दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं चढ़ा है इसको लेकर गांव के सभी बूढ़े बुजुर्ग कुछ समाजसेवी एवं पुलिस प्रशासन मौके पर है फिलहाल स्थिति सामान्य है!

बाइट_रामस्वरूप अहिरवार_समाज सेवी

वहीं हरपालपुर की आई रामबाबू चौधरी का कहना है कि एक दलित परिवार द्वारा उन्हें सूचना दी गई थी कि उनके घुड़चढ़ी कार्यक्रम के दौरान दबंगों द्वारा उनके साथ मारपीट करने की संभावना है जिसके चलते हम सभी लोग उसकी सुरक्षा को लेकर मौके पर है फिलहाल स्थिति सामान्य है ऐसी कोई भी घटना नहीं घटी है!

बाइट_टीआई रामबाबू चौधरी








Conclusion:आजादी के 70 साल बाद भी बुंदेलखंड क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती है कि आज भी बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सामंत शाही किस कदर हावी है एक दलित दूल्हे का दबंगों द्वारा घोड़ी पर चढ़ना इतना नागवार है कि वह गांव के लोगों के साथ मारपीट तक कर देते हैं ऐसे में अपनी सुरक्षा की गुहार लगाते हुए दलित परिवार ने जिले के तमाम बड़े पुलिस अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है!
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