शिवपुरी। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की और उन्होंने कहा कि परिवार परामर्श केंद्र का काम न केवल अनुकरणीय है बल्कि प्रशंसनीय है. इसके साथ ही तथागत फाउंडेशन के द्वारा समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को मदद करने का जो काम किया जा रहा है. वह स्वागत योग्य है. परिवार परामर्श केंद्र और तथागत फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम को आयोजित किया, जिसके मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह रहे और अध्यक्षता एसपी राजेश सिंह चंदेल ने की.
कलेक्टर ने कहा कि शिवपुरी का केंद्र प्रदेश के सबसे उत्कृष्ट केंद्रों में से एक हैं. जिसे एसपी के नेतृत्व में टीम 31 ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है. इसलिए अब मैं इसे सुपर 31 का नया नाम देता हूं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना के साथ जो हमारी लड़ाई चल रही है, उसमें भी सुपर 31 टीम के साथ-साथ तथागत फाउंडेशन अपना सहयोग करे. क्योंकि वर्तमान में कोरोना सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि इस श्रेष्ठ परिवार परामर्श केंद्र को मेरा सतत सहयोग मिलता रहेगा.
जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया ने बताया कि यह केंद्र न केवल बिछड़े परिवारों को मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है बल्कि परिवारिक झगड़े, संपत्ति विवाद भी इसके माध्यम से आपसी सहयोग व सामंजस्य से सुलझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 400 प्रकरणों में समझाइश से समझौता हुआ है.
परामर्श केंद्र के साथ काम करना सौभाग्य की बात- एसपी
कार्यक्रम के अध्यक्ष एसपी राजेश सिंह चंदेल ने कहा ''मुझे गर्व हैं कि मैं प्रदेश के सबसे शानदार और उत्कृष्ट परिवार परामर्श केंद्र के साथ काम कर रहा हूं और इसका नेतृत्व का सौभाग्य मुझे मिला है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इस केन्द्र के सभी सदस्यों ने जिस मेहनत और लगन के साथ कुछ न लेते हुए सिर्फ समाज को देने का काम किया है. प्रदेश भर में ऐसी मिसाल मिलना बहुत मुश्किल है.''
पिता-पुत्री की आंखों से बहे आंसू
परिवार परामर्श केंद्र और तथागत फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में उस समय वेहद मार्मिक माहौल हो गया. जब पिता-पुत्री की आंखों से आंसू बहने लगे. दरअसल मामला कुछ यूं था कि एक बेहद गरीब मेहनतकस मजदूर, जो साइकिल पर सब्जी रखकर अपने सात बच्चों का परिवार बमुश्किल चलाता था. उसकी सबसे बड़ी बेटी, जो कि स्टेनोग्राफी का कोर्स कर रही थी, उसको फीस और कंप्यूटर की आवश्यकता थी. बेहद हैरान और परेशान पिता ने कई जगह कोशिश की, लेकिन उसे निराशा हाथ लगी. इसी बीच उसने परिवार परामर्श केंद्र के जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया से संपर्क किया और अपनी व्यथा सुनाई, जिन्होंने टीम 31 के सदस्यों के साथ और तथागत फाउंडेशन की सचिव पुष्पा खरे से भी चर्चा की और एसपी राजेश सिंह चंदेल को भी एक पिता की पीड़ा से अवगत कराया. इसके परिणाम स्वरूप परिवार परामर्श केंद्र के वरिष्ठ सदस्य समीर गांधी ने जहां उसकी फीस रुपए 11 हजार जमा करने की जिम्मेदारी ली. वहीं तथागत फाउंडेशन के द्वारा उसकी बेटी को नया कम्प्यूटर देना तय किया गया. इसी के चलते पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने बेहद मानवीयता का परिचय देते हुए अपनी ओर से मजदूर को चार पहिए का हाथ ठेला इसलिए भेंट किया गया ताकि वह अपने परिवार का न केवल बेहतर भरण पोषण कर सके, बल्कि अपनी बच्चियों को पढ़ा भी सके.