आगर मालवा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत संचालित महिला स्वसहायता समूहों के साथ चर्चा की. वीडियो कान्फ्रेंसिंग में जिले से 16 समूह सदस्यों ने एनआईसी केन्द्र के माध्यम से भाग लिया. वेबकास्ट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 6500 समूह की महिला सदस्यों ने मुख्यमंत्री को सुना.
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कोरोना काल के दौरान संक्रमण की रोकथाम के लिए आजीविका मिशन और समूहों द्वारा किए गए कार्य और सहयोग की सराहना की. साथ ही मास्क, सैनेटाइजर और पीपीई किट निर्माण करने और ग्रामीण समुदाय को कोरोना के प्रति जागरुक करने में समूह की दीदियों का अहम योगदान माना. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूहों को मास्क निर्माण और पीपीई किट के निर्माण का और कार्य देने जा रहा हूं. साथ ही साथ स्कूल निर्माण, स्कूल और आंगनबाड़ी में राशन का वितरण का कार्य भी स्व-सहायता समूहों से करवाया जाएगा. इसके अलावा मनरेगा से अभिसरण कर समूहों को नर्सरी निर्माण, गौशाला संचालन, पशु शेड, फलदार वृक्षों का रोपण, खेत तालाब निर्माण जैसे कार्यों से जोड़ा जाएगा. इसी तरह आदिवासी कल्याण विभाग से भी समूहों को जोड़कर लाभ दिया जाएगा इसकी तैयारी की जा रही है. पशुपालन सहित अन्य विभागों से भी अभिसरण कर महिलाओं को और कार्य दिलवाया जाएगा. इस काम के लिए समूहों को बैंक लिंकेज के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि आपके सहयोग से मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह मध्यप्रदेश को आत्म निर्भर बनाने का सपना देखा है. जब हम मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएंगे तो ही भारत देश आत्मनिर्भर बनेगा. इस सपने को साकार करने के लिए आप स्वयं आजीविका उत्पाद तैयार करें, उसे बेचने की व्यवस्था सरकार करेगी. हमें आत्मनिर्भर बनना है तो स्वयं के उत्पाद तैयार करने पड़ेंगे. आप समूह की बहनें ये काम कर मध्यप्रदेश की तस्वीर बदल सकती हैं. मुख्यमंत्री ने वचन दिया कि हम स्व-सहायता समूहों को पूरी क्षमता के साथ खड़ा करेंगे. सरकार समूहों को सहयोग करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान एनआईसी सेंटर में स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंजली जोसेफ और ग्रामीण आजीविका मिशन से जिला परियोजना प्रबंधक रीना कुमारी भी मौजूद रहीं इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा गया.