भोपाल। 1984 भोपाल गैस पीड़ितों के लिए लड़ने वाले अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की. उन्होंने गैस पीड़ितों के इलाज के लिए लंबी लड़ाई लड़कर गैस राहत हॉस्पिटल खुलवाए.
भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को बेहतर दिलाने के लिए लड़ने वाले अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान सम्मानित किया जाएगा. भले ही अब्दुल जब्बार को आखिरी समय में बेहतर इलाज न मिल पाया हो लेकिन अब सरकार उन्हें वह सम्मान देने जा रही है, जिससे पूरा देश उन्हें हमेशा के लिए याद रखेगा.
भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए जीवन भर संघर्ष करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार का लंबी बीमारी के बाद 14 नवंबर 2019 को निधन हो गया था. इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत इंदिरा गांधी समाज सेवा पुरस्कार दिया था.
सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों और उससे प्रभावित लोगों के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे. अब्दुल जब्बार गैस पीड़ितों की परिजनों की आवाज बने. उन्होंने गैस त्रासदी पीड़ितों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए कई बार विरोध प्रदर्शन भी किए.
2 और 3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात भोपाल की यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था. जहरीली गैस की चपेट में आने से सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी थी और जो बचे उनके फेफड़े कमजोर हो गए थे, आखें खराब हो गईं और भी कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हो गए. हादसे में तकरीबन 15 हजार लोगों की जान गई थी.
अब्दुल जब्बार भोपाल गैस पीड़ितों के लिए सबसे बड़ी आवाज बनकर उभरे. भोपास गैस त्रासदी के बाद उन्होंने अपना सारा जीवन पीड़ितों की आवाज उठाने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए लड़ा.