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मदन महल पहाड़ी के विस्थापितों पर क़हर बन कर टूट रही है गर्मी, अस्थाई आवास में 6 महीने के मासूम की हुई मौत - heat in jabalpur

जबलपुर में भीषण गर्मी के कहर ने जिले में एक 6 माह के मासूम की जान ले ली, जिला प्रशासन का कहना है कि बच्चे की मौत लू से हुई भी है या नहीं, उसकी सच्चाई पीएम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगी. प्रशासन की मानें तो बच्चे का तिलहरी विस्थापित बस्ती में ननिहाल है और वह कल ही अपनी मां के साथ तेंदूखेड़ा से आया था उसी दौरान वह बीमार हो गया.

मदन महल पहाड़ी के विस्थापित
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Published : Jun 6, 2019, 5:03 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 7:12 PM IST

जबलपुर। भीषण गर्मी के कहर ने जिले में एक 6 माह के मासूम की जान ले ली. मदन महल पहाड़ी से विस्थापित किए गए करीब 2200 कब्जे धारियों को तिरपाल और बांस बल्ली के सहारे तिलहरी क्षेत्र में विस्थापितों कर दिया गया, जिसमें रह रहे एक परिवार के 6 माह के मासूम की गर्मी से मौत हो गई.


दुनिया को अलविदा कह चुका 6 माह का यह मासूम 40 डिग्री तापमान से लड़ न सका. इस मासूम की मौत का जिम्मेदार जितनी कुदरत है, उतना ही जिला प्रशासन. दरअसल हाईकोर्ट के निर्देश पर बीते साल अक्टूबर माह में जबलपुर की मदन महल पहाड़ी से तिलहरी में 200 से ज्यादा परिवारों को विस्थापित किया गया था. उन्हीं में से एक 6 माह का बच्चा भी था.


पुलिस प्रशासन ने जितनी फुर्ती से इनके आशियाने को तोड़ने में समय लगाया था, अगर उतनी ही तेजी से उन्हें बसाया जाता तो आज यह मासूम जिंदा होता. लगातार 4 दिनों से 45 डिग्री के ऊपर चल रहा शहर का पारा दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. बिना किसी छत के त्रिपाल के सहारे रह रहे इन विस्थापित लोगों के लिए प्रशासन ने अभी तक कोई भी व्यवस्था नहीं की है.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
कल तक जो मासूम आंगन में हंस खेल रहा था उसे वह अचानक आज अलविदा कह गया. परिजनों का तो रो-रो कर बुरा हाल है कि इन्हें कैसे नरकीय जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा है इसका अंदाजा यहां के हालातों को देख लगाया जा सकता है.

क्या कहता है प्रशासन
वहीं लू से हुई मासूम की मौत पर जिला प्रशासन का कहना है कि बच्चे की मौत लू से हुई भी है या नहीं, उसकी सच्चाई पीएम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगी. प्रशासन की मानें तो बच्चे का तिलहरी विस्थापित बस्ती में ननिहाल है और वह कल ही अपनी मां के साथ तेंदूखेड़ा से आया था उसी दौरान वह बीमार हो गया.

भीषण गर्मी का कहर

प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते अब इंदौर समेत मालवा अंचल का तापमान भी 43 डिग्री को पार कर रहा है, आमतौर पर ठंडा रहने वाले प्रदेश के पश्चिमी इलाके में बीते 7 साल बाद ऐसी भीषण गर्मी पड़ रही है जिसके चलते लोग खासे परेशान हैं. प्रदेश में प्री मानसून के पूर्व नौतपा के दौरान से राजस्थान समेत आसपास के अन्य इलाकों से इन दिनों गर्म हवाएं प्रदेश का रुख कर रही हैं, नतीजतन मालवा- निमाड़ का जो तापमान अधिकतम 40 डिग्री होता था वह अब 43 से 45 डिग्री तक पहुंच रहा है. मौसम विज्ञानियों की मानें तो इस बार भी सामान्य बारिश होगी जो 97 फीसदी हो सकती है. हालांकि फिलहाल अंचल का तापमान 48 डिग्री से भी अधिक हो सकता है. जिसमें मानसून के पूर्व तक गर्मी से कोई राहत मिलने की संभावना भी नहीं है.

बुरहानपुर का हाल बेहाल
वहीं बुरहानपुर जिले में भी भीषण गर्मी का कहर जारी है, गुरुवार को यहां का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहा, जिसके चलते बाजार की सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिला. वहीं जिला अस्पताल के चिकित्सक बीडी गट्टानी ने भीषण गर्मी में मुंह को कपड़े से ढककर बाहर निकलने की और तेल तलन की चीजें नहीं खाने की सलाह दी है.

जबलपुर। भीषण गर्मी के कहर ने जिले में एक 6 माह के मासूम की जान ले ली. मदन महल पहाड़ी से विस्थापित किए गए करीब 2200 कब्जे धारियों को तिरपाल और बांस बल्ली के सहारे तिलहरी क्षेत्र में विस्थापितों कर दिया गया, जिसमें रह रहे एक परिवार के 6 माह के मासूम की गर्मी से मौत हो गई.


दुनिया को अलविदा कह चुका 6 माह का यह मासूम 40 डिग्री तापमान से लड़ न सका. इस मासूम की मौत का जिम्मेदार जितनी कुदरत है, उतना ही जिला प्रशासन. दरअसल हाईकोर्ट के निर्देश पर बीते साल अक्टूबर माह में जबलपुर की मदन महल पहाड़ी से तिलहरी में 200 से ज्यादा परिवारों को विस्थापित किया गया था. उन्हीं में से एक 6 माह का बच्चा भी था.


पुलिस प्रशासन ने जितनी फुर्ती से इनके आशियाने को तोड़ने में समय लगाया था, अगर उतनी ही तेजी से उन्हें बसाया जाता तो आज यह मासूम जिंदा होता. लगातार 4 दिनों से 45 डिग्री के ऊपर चल रहा शहर का पारा दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. बिना किसी छत के त्रिपाल के सहारे रह रहे इन विस्थापित लोगों के लिए प्रशासन ने अभी तक कोई भी व्यवस्था नहीं की है.

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
कल तक जो मासूम आंगन में हंस खेल रहा था उसे वह अचानक आज अलविदा कह गया. परिजनों का तो रो-रो कर बुरा हाल है कि इन्हें कैसे नरकीय जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा है इसका अंदाजा यहां के हालातों को देख लगाया जा सकता है.

क्या कहता है प्रशासन
वहीं लू से हुई मासूम की मौत पर जिला प्रशासन का कहना है कि बच्चे की मौत लू से हुई भी है या नहीं, उसकी सच्चाई पीएम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगी. प्रशासन की मानें तो बच्चे का तिलहरी विस्थापित बस्ती में ननिहाल है और वह कल ही अपनी मां के साथ तेंदूखेड़ा से आया था उसी दौरान वह बीमार हो गया.

भीषण गर्मी का कहर

प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते अब इंदौर समेत मालवा अंचल का तापमान भी 43 डिग्री को पार कर रहा है, आमतौर पर ठंडा रहने वाले प्रदेश के पश्चिमी इलाके में बीते 7 साल बाद ऐसी भीषण गर्मी पड़ रही है जिसके चलते लोग खासे परेशान हैं. प्रदेश में प्री मानसून के पूर्व नौतपा के दौरान से राजस्थान समेत आसपास के अन्य इलाकों से इन दिनों गर्म हवाएं प्रदेश का रुख कर रही हैं, नतीजतन मालवा- निमाड़ का जो तापमान अधिकतम 40 डिग्री होता था वह अब 43 से 45 डिग्री तक पहुंच रहा है. मौसम विज्ञानियों की मानें तो इस बार भी सामान्य बारिश होगी जो 97 फीसदी हो सकती है. हालांकि फिलहाल अंचल का तापमान 48 डिग्री से भी अधिक हो सकता है. जिसमें मानसून के पूर्व तक गर्मी से कोई राहत मिलने की संभावना भी नहीं है.

बुरहानपुर का हाल बेहाल
वहीं बुरहानपुर जिले में भी भीषण गर्मी का कहर जारी है, गुरुवार को यहां का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहा, जिसके चलते बाजार की सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिला. वहीं जिला अस्पताल के चिकित्सक बीडी गट्टानी ने भीषण गर्मी में मुंह को कपड़े से ढककर बाहर निकलने की और तेल तलन की चीजें नहीं खाने की सलाह दी है.

Intro:जबलपुर
महाकौशल अंचल में पड़ रही भीषण गर्मी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है।बात अगर जबलपुर की करें तो यहां गर्मी ने एक 6 माह के मासूम की जान ले ली। मदन महल पहाड़ी से विस्थापित किए गए करीब 2200 कब्जे धारियों को त्रिपाल और बांस बल्ली के सहारे तिलहरी क्षेत्र में विस्थापितों कर दिया गया। लेकिन 40 डिग्री के पारे की जंग 6 माह का मासूम जरूर हार गया।


Body:दुनिया को अलविदा कह चुका 6 माह का यह मासूम 40 डिग्री तापमान से लड़ ना सका इस मासूम की मौत का जिम्मेदार जितना कुदरत है उतना ही जिला का प्रशासन। दरअसल हाईकोर्ट के निर्देश पर बीते साल अक्टूबर माह में जबलपुर की मदन महल पहाड़ी से तिलहरी में 200 से ज्यादा परिवारों को विस्थापित किया गया था। उन्हीं में से एक 6 माह का बच्चा धनराज भी था। पुलिस प्रशासन ने जितनी फुर्ती से इनके आशियाना को तोड़ने में समय लगाया था अगर उतनी ही तेजी से उन्हें बसाया जाता तो आज यह मासूम जिंदा होता। लगातार 4 दिनों से 45 डिग्री के ऊपर चल रहा शहर का पारा ने कई 10 दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।बिना किसी छत के नेपाल के सहारे रह रहे इन विस्थापित लोगों के लिए प्रशासन ने अभी तक कोई भी व्यवस्था नहीं की है।


Conclusion:जो मासूम कल तक आंगन में हंस खेल रहा था उसे वह अचानक आज अलविदा कह गया। परिजनों का तो रो रो कर बुरा हाल है कि इन्हें कैसे नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा है इसका अंदाजा यहां के हालातों को देख लगाया जा सकता है।वही लू से हुई मासूम की मौत पर जिला प्रशासन का कहना है कि बच्चे की मौत लू से हुई भी है या नहीं उसकी सच्चाई पीएम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगी। प्रशासन की मानें तो बच्चे का तिलहरी विस्थापित बस्ती में ननिहाल है और वह कल ही अपनी मां के साथ तेंदूखेड़ा से आया था उसी दौरान वह बीमार हो गया।
बाईट.1-सलोनी सिडाना.....adm
Last Updated : Jun 6, 2019, 7:12 PM IST
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