भोपाल। प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में सवर्ण आरक्षण लागू कर दिया है. अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश और शासकीय नौकरियों में 10 प्रतिशत कोटा मिलना शुरू हो जाएगा. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में समस्त विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
क्या है मामला-
- मध्यप्रदेश में सामान्य वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलेगा लाभ.
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन व्यक्तियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा, जिनके पास 5 एकड़ या उससे अधिक भूमि हो और भूमि की सीमा में खसरे में 3 साल से अंकित लगातार ऊसर, बंजर, पथरीली, बीहड़ भूमि शामिल नहीं होगी.
- वे व्यक्ति भी आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेंगे जिनके पास 1200 वर्ग फीट से अधिक आकार का आवासीय मकान/फ्लैट नगर निगम सीमा में है.
- नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्गफीट और नगर परिषद क्षेत्र में 1800 वर्ग फीट से ज्यादा आकार के आवासीय मकान/फ्लैट का स्वामित्व वाले व्यक्ति भी आरक्षण का लाभ लेने के पात्र नहीं होंगे.
- आय एवं सम्पत्ति का प्रमाण-पत्र तहसीलदार से अनिम्न श्रेणी के अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा.
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा, जो संवैधानिक रूप से अन्य पिछड़े वर्ग को प्राप्त आरक्षण की परिधि में नहीं आते हैं.
- निर्देश जारी होने के दिनांक से इस वर्ष प्रारंभ हो रहे शिक्षा सत्र से अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को छोड़कर प्रदेश की समस्त शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिये यह आरक्षण लागू होगा.
- जिन शिक्षण संस्थाओं में इस वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, वहां आरक्षण अगले शिक्षा सत्र से लागू होगा.
- आरक्षण का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन लोगों को मिलेगा, जिनके परिवार की कुल वार्षिक आय 8 लाख रूपये से अधिक नहीं होगी. इस सीमा में वेतन, कृषि, व्यवसाय आदि सभी स्रोतों की आय शामिल होगी.
- शासकीय नौकरियों के लिये भी यह आदेश जारी दिनांक से सीधी भर्ती की रिक्तियों पर लागू होगा.