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रूस-यूक्रेन संघर्ष : यानुकोविच के बारे में जानें सबकुछ, जिसे पुतिन बनाना चाहते हैं यूक्रेन का राष्ट्रपति

रूस चाहता है कि यूक्रेन में जेलेंस्की की जगह विक्टर यानुकोविच को फिर से राष्ट्रपति बनाया जाए. यानुकोविच रूसी समर्थक नेता हैं. लेकिन यूक्रेन की जनता ने 2014 में उनके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था. यानुकोविच ने तब प्रदर्शनकारियों पर गोली चलवा दी थी. इसमें 88 यूक्रेनी मारे गए थे. आइए विस्तार से जानते हैं कौन हैं यानुकोविच.

victor yanukovych , putin
विक्टर यानुकोविच, पुतिन
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Published : Mar 2, 2022, 7:08 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 3:53 PM IST

हैदराबाद : रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध जारी है. कहा जा रहा है कि रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में रूस की ओर से एक और खबर आ रही है, जिसके अनुसार उसने जेलेंस्की को राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग रखी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस ने जेलेंस्की की जगह विक्टर यानुकोविच को राष्ट्रपति बनाए जाने की मांग की है. वह यूक्रेन के राष्ट्रपति रह चुके हैं.

विक्टर यानुकोविच, जेलेंस्की से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति थे. वह रूस समर्थक माने जाते हैं. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है. उसके बाद उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी से अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. उनका जन्म डोनेट बेसिन में हुआ था. इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने 20 साल तक अलग-अलग जगहों पर भारी उद्योग में काम किया.

यानुकोविच 2002 में यूक्रेन के प्रधानमंत्री बने थे. तत्कालीन राष्ट्रपति लियोनिद कुचमा ने उन्हें पीएम नियुक्त किया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिस समय उन्हें पीएम बनाया गया था, उस समय वह ठीक से यूक्रेनी भाषा भी नहीं बोलते थे. वह रूसी भाषा में अधिक सहज थे. पीएम बनने के दो साल बाद 2004 में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ. तब पुतिन ने यानुकोविच का समर्थन किया था. तब एक ऐसी परिस्थिति बनी जिसके कारण यानुकोविच की राह आसान हो गई.

लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान यूशचेंकों नाम के एक उम्मीदवार पर जानलेवा हमला हो गया था. इसके बाद वह रेस से बाहर हो गए. जाहिर है चुनाव के बाद यानुकोविच को विजयी घोषित कर दिया गया. लेकिन वहां की अदालत ने उनकी उम्मीदवारी पर ही सवाल खड़े कर दिए. और वह चुनाव हार गए.

इसके बाद 2010 में उन्होंने फिर से राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा. इस बार वह विजयी हो गए. जिस समय यानुकोविच विजयी घोषित किए गए थे, तब रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेददेव थे. तभी से यानुकोविच और रूस के बीच नजदीकी रही है. लेकिन यानुकोविच का घरेलू स्तर पर विरोध भी जारी था. 2010-14 तक वह विरोध झेलते रहे. यानुकोविच ने यूरोपीय देशों के साथ हुए समझौतों को खारिज कर दिया था. 2014 में उनके खिलाफ चल रहे प्रदर्शनकारियों पर उन्होंने गोली चलवाई थी. इसमें 88 लोगों के मारे जाने की खबरें आई थीं. इस घटना ने उनके खिलाफ माहौल को और अधिक गर्म कर दिया. उन्हें अंततः यूक्रेन छोड़ना पड़ा. उसके बाद 2014 से रूस विरोधी मानसिकता मुखर होकर सामने आने लगी.

क्या हैं आरोप

अलग-अलग मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अप्रैल 2014 में यानुकोविच अपने खिलाफ चल रहे प्रदर्शन से घबराकर कीव से भाग गए थे. लेकिन किस तरह भागे, आज तक यह जानकारी सामने नहीं आई है. कुछ रिपोर्ट बताते हैं कि वे यहां से सबसे पहले खारकीव पहुंचे थे. यहां से वह क्रीमिया पहुंचे. उसके बाद वे वहां से निकले. लेकिन तभी उनका एक वीडियो मैसेज आया था. इसमें वे यूक्रेन की जनता को कथित तौर पर 'डाकू' कहते हुए सुने गए थे. इससे यूक्रेन की जनता और अधिक उनके खिलाफ हो गई. कुछ रिपोर्ट बताते हैं कि यानुकोविच अभी बेलारूस में हैं.

ये भी पढ़ें : रूस-यूक्रेन संघर्ष : 'एक्शन मोड' में सोशल मीडिया

हैदराबाद : रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध जारी है. कहा जा रहा है कि रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में रूस की ओर से एक और खबर आ रही है, जिसके अनुसार उसने जेलेंस्की को राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग रखी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस ने जेलेंस्की की जगह विक्टर यानुकोविच को राष्ट्रपति बनाए जाने की मांग की है. वह यूक्रेन के राष्ट्रपति रह चुके हैं.

विक्टर यानुकोविच, जेलेंस्की से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति थे. वह रूस समर्थक माने जाते हैं. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है. उसके बाद उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी से अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. उनका जन्म डोनेट बेसिन में हुआ था. इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने 20 साल तक अलग-अलग जगहों पर भारी उद्योग में काम किया.

यानुकोविच 2002 में यूक्रेन के प्रधानमंत्री बने थे. तत्कालीन राष्ट्रपति लियोनिद कुचमा ने उन्हें पीएम नियुक्त किया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिस समय उन्हें पीएम बनाया गया था, उस समय वह ठीक से यूक्रेनी भाषा भी नहीं बोलते थे. वह रूसी भाषा में अधिक सहज थे. पीएम बनने के दो साल बाद 2004 में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ. तब पुतिन ने यानुकोविच का समर्थन किया था. तब एक ऐसी परिस्थिति बनी जिसके कारण यानुकोविच की राह आसान हो गई.

लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान यूशचेंकों नाम के एक उम्मीदवार पर जानलेवा हमला हो गया था. इसके बाद वह रेस से बाहर हो गए. जाहिर है चुनाव के बाद यानुकोविच को विजयी घोषित कर दिया गया. लेकिन वहां की अदालत ने उनकी उम्मीदवारी पर ही सवाल खड़े कर दिए. और वह चुनाव हार गए.

इसके बाद 2010 में उन्होंने फिर से राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा. इस बार वह विजयी हो गए. जिस समय यानुकोविच विजयी घोषित किए गए थे, तब रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेददेव थे. तभी से यानुकोविच और रूस के बीच नजदीकी रही है. लेकिन यानुकोविच का घरेलू स्तर पर विरोध भी जारी था. 2010-14 तक वह विरोध झेलते रहे. यानुकोविच ने यूरोपीय देशों के साथ हुए समझौतों को खारिज कर दिया था. 2014 में उनके खिलाफ चल रहे प्रदर्शनकारियों पर उन्होंने गोली चलवाई थी. इसमें 88 लोगों के मारे जाने की खबरें आई थीं. इस घटना ने उनके खिलाफ माहौल को और अधिक गर्म कर दिया. उन्हें अंततः यूक्रेन छोड़ना पड़ा. उसके बाद 2014 से रूस विरोधी मानसिकता मुखर होकर सामने आने लगी.

क्या हैं आरोप

अलग-अलग मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अप्रैल 2014 में यानुकोविच अपने खिलाफ चल रहे प्रदर्शन से घबराकर कीव से भाग गए थे. लेकिन किस तरह भागे, आज तक यह जानकारी सामने नहीं आई है. कुछ रिपोर्ट बताते हैं कि वे यहां से सबसे पहले खारकीव पहुंचे थे. यहां से वह क्रीमिया पहुंचे. उसके बाद वे वहां से निकले. लेकिन तभी उनका एक वीडियो मैसेज आया था. इसमें वे यूक्रेन की जनता को कथित तौर पर 'डाकू' कहते हुए सुने गए थे. इससे यूक्रेन की जनता और अधिक उनके खिलाफ हो गई. कुछ रिपोर्ट बताते हैं कि यानुकोविच अभी बेलारूस में हैं.

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Last Updated : Mar 3, 2022, 3:53 PM IST
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