नई दिल्ली : भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. चुनाव की प्रक्रिया पांच जुलाई से शुरू हो गई है. नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई है. 20 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 22 जुलाई तक नाम वापस लिए जा सकते हैं. छह अगस्त को मतदान होगा और छह अगस्त को ही नतीजे आ जाएंगे.
संवैधानिक प्रावधान - संविधान के अनुच्छेद 66 के प्रावधानों के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जो दोनों सदनों-लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों से बना होता है - एक मत दे सकता है. उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सांसद, राज्यसभा में मनोनीत 12 सांसद और लोकसभा के 543 सांसद वोट डाल सकते हैं. इस तरह के कुल 788 लोग वोट डाल सकते हैं. संविधान के अनुच्छेद 68 में कहा गया है कि निवर्तमान उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए, जो इस मामले में 10 अगस्त, 2022 को समाप्त हो रही है.
नामांकन प्रक्रिया - चुनाव में खड़े होने के लिए किसी भी व्यक्ति को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और कम से कम 20 संसद सदस्यों को समर्थक के रूप में नामित कराना होता है. उपराष्ट्रपति का प्रत्याशी बनने के लिए 15 हजार रुपए की जमानत राशि जमा करनी होती है. नामांकन के बाद फिर निर्वाचन अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करता है और योग्य उम्मीदवारों के नाम बैलट में शामिल किए जाते हैं. प्रत्याशी निर्वाचन अधिकारी को लिखित में नोटिस देकर नाम वापस भी ले सकता है. एक उम्मीदवार अधिकतम चार नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है. 19 जुलाई नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है. नामांकन पत्रों की जांच 20 जुलाई को होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 22 जुलाई है.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए गुप्त मतदान - संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का जिक्र है. इसके प्रावधानों के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जो दोनों सदनों - लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों से बना होता है. इसमें वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से होती है आसान शब्दों में इस चुनाव के मतदाता को वरीयता के आधार पर वोट देना होता है. मसलन वह बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद के उम्मीदवार को एक, दूसरी पसंद को दो और इसी तरह से अन्य प्रत्याशियों के आगे अपनी प्राथमिकता नंबर के तौर पर लिखता है. ये पूरी प्रक्रिया गुप्त मतदान पद्धति से होती है. मतदाता को अपनी वरीयता सिर्फ रोमन अंक के रूप में लिखनी होती है. इसे लिखने के लिए भी चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए खास पेन का इस्तेमाल करना होता है.
मतदान कहां होता है? - राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव नियम 1974 के नियम 8 के अनुसार, चुनाव के लिए चुनाव संसद भवन में लिया जाएगा. इस मामले में सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दलों दोनों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है. यदि सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दल दोनों अपने-अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारते हैं जैसा कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए किया है और यदि मतदान की आवश्यकता है तो 6 अगस्त (शनिवार) को नई दिल्ली में संसद भवन के रूम नंबर 63 में मतदान होगा और अगले उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को शपथ लेंगे.
ये भी पढ़ें - निर्वाचन आयोग ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की