जबलपुर। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा 2022 परीक्षा के फाइनल का रिजल्ट जारी कर दिया है. यूपीएससी की इस परीक्षा में जहां उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा की इशिता किशोर ने देश में टॉप किया है. वहीं मध्यप्रदेश की स्वाति शर्मा ने 15वां स्थान हासिल किया है. स्वाति शर्मा जबलपुर के धनवंतरी नगर इलाके की रहने वाली है. यूपीएससी का रिजल्ट आने के बाद से ही स्वाति के घर में खुशी का माहौल है. बेटी की कामयाबी देख मां की आंखों में आंसू आ गए.
तीसरे प्रयास में मिली सफलता: स्वाति शर्मा का यह तीसरा प्रयास था. पहले और दूसरे प्रयास में उनको सफलता नहीं मिली थी. मात्र 12 नंबर से भी यूपीएससी के सिलेक्शन से चूक गई थी, लेकिन उन्होंने तीसरा प्रयास किया. स्वाति का कहना है कि उन्होंने इसके लिए बहुत पढ़ाई की है. स्वाति का कहना है की परीक्षा में सफलता के लिए अभ्यास बहुत जरूरी है. प्री, मेंस और इंटरव्यू तीनों के लिए बहुत अभ्यास करना बहुत जरूरी है. पिछली बार जब स्वाति शर्मा ने एग्जाम दिया था. तब भी मात्र 12 अंकों से परीक्षा पास नहीं कर पाई थी. उस वक्त उन्हें लग रहा था कि अब वे यूपीएससी पास नहीं कर पाएंगी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तीसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी और देश में 15वीं रैंक हासिल की.
घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं: बता दें स्वाति शर्मा जबलपुर के धनवंतरी इलाके में रहती है. इनके पिताजी ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में हैं और इनका परिवार सतना का वाला है. स्वाति ने जबलपुर के ही संजीवनी नगर के एक निजी स्कूल में पढ़ाई की है. स्वाति की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन उन्होंने लगातार कोशिश करके भारत की सबसे बड़ी परीक्षा को पास कर लिया है. पूरे भारत में यूपीएससी में 15वीं रैंक हासिल की है. स्वाति शर्मा का कहना है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहती है और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार को रोकना चाहती हैं.
बेटी की कामयाबी ने मां को किया भावुक: स्वाति शर्मा की मां एक सामान्य घरेलू महिला हैं. उनका कहना है कि हमारे घर में कोई भी इतना पढ़ा-लिखा नहीं था. मां ने बताया कि ना ही हमने कभी ऐसा सोचा था कि परिवार का कोई सदस्य इतनी ऊंचाई पर पहुंचेगा. सामान्य तरीके से जैसे बच्चों को पढ़ाया जाता था, उसी तरीके से भी अपने बच्चों को पढ़ा रही थी. आज उनकी बेटी देश की सबसे बड़ी परीक्षा को निकालकर इस मुकाम पर पहुंची है, यह सोचकर ही वे भावुक हो जाती हैं.