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11 साल पुराने मारपीट मामले में दिग्विजय सिंह समेत 6 को सजा

मध्यप्रदेश में इंदौर के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने मारपीट और काले झंडे दिखाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रेम चंद गुड्डू को सजा सुनाई है. कोर्ट ने धारा 352 के तहत दिग्विजय सिंह सहित 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है. दोषियों को एक साल की कैद और 5-5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी गई है. इस मामले में कोर्ट ने सभी दोषियों को जमानत भी दे दी है.

digvijay singh
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Published : Mar 26, 2022, 9:06 PM IST

इंदौर. इंदौर की जिला अदालत ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू सहित छह नेताओं को सजा सुनाई है. 11 साल पुराने मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने दिग्विजय सिंह समेत 6 लोगों को काले झंडे दिखाने वालों को पीटने का दोषी करार दिया. अदालत ने दोषियों को एक-एक साल के सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. इस मामले में कोर्ट ने 3 आरोपियों को बरी कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने शनिवार देर शाम सभी दोषियों को 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. इससे पहले मीडिया से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने इस झूठा मामला बताया था.

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2011 का था मामला : मारपीट का यह मामला 17 जुलाई 2011 का है. तब दिग्विजय सिंह उज्जैन के दौरे पर गए थे. दिग्विजय सिंह उज्जैन में एक निजी होटल के उद्घाटन समारोह में आए थे. वहां बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को काला झंडा दिखाया था. काले झंडे दिखाने के विवाद में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई थी. इस दौरान भाजयुमो के नेता अमय आप्टे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में बीजेपी युवा मोर्चा ने जीवाजीगंज थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, तराना विधायक महेश परमार, अनंत नारायण मीणा सहित कांग्रेस के कई नेता आरोपी बनाए गए थे.

धारा 325 के तहत आया फैसला: मारपीट के मामले में इंदौर जिला कोर्ट आईपीसी की धारा 325 के तहत सजा सुनाई है. जिसमें जुर्माना भरने के बाद दोषियों को कोर्ट से जमानत मिल गई. कोर्ट ने 3 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है, जबकि 6 लोगों के खिलाफ सजा का ऐलान किया गया है.

पढ़ें : वीपी सिंह, मुफ्ती मोहम्मद सईद के दबाव के कारण छोड़े गए थे पांच आतंकी : आरिफ मोहम्मद खान

इंदौर. इंदौर की जिला अदालत ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू सहित छह नेताओं को सजा सुनाई है. 11 साल पुराने मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने दिग्विजय सिंह समेत 6 लोगों को काले झंडे दिखाने वालों को पीटने का दोषी करार दिया. अदालत ने दोषियों को एक-एक साल के सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. इस मामले में कोर्ट ने 3 आरोपियों को बरी कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने शनिवार देर शाम सभी दोषियों को 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. इससे पहले मीडिया से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने इस झूठा मामला बताया था.

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2011 का था मामला : मारपीट का यह मामला 17 जुलाई 2011 का है. तब दिग्विजय सिंह उज्जैन के दौरे पर गए थे. दिग्विजय सिंह उज्जैन में एक निजी होटल के उद्घाटन समारोह में आए थे. वहां बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को काला झंडा दिखाया था. काले झंडे दिखाने के विवाद में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई थी. इस दौरान भाजयुमो के नेता अमय आप्टे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में बीजेपी युवा मोर्चा ने जीवाजीगंज थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, तराना विधायक महेश परमार, अनंत नारायण मीणा सहित कांग्रेस के कई नेता आरोपी बनाए गए थे.

धारा 325 के तहत आया फैसला: मारपीट के मामले में इंदौर जिला कोर्ट आईपीसी की धारा 325 के तहत सजा सुनाई है. जिसमें जुर्माना भरने के बाद दोषियों को कोर्ट से जमानत मिल गई. कोर्ट ने 3 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है, जबकि 6 लोगों के खिलाफ सजा का ऐलान किया गया है.

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