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कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल हुईं सुष्मिता को मिला राज्यसभा का तोहफा

तृणमूल कांग्रेस ने सुष्मिता देव को राज्यसभा के लिए नामित किया है. सुष्मिता देव 2009 से सक्रिय राजनीति में हैं. वह भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं. कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कि उनके निजी संबंध सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हमेशा अच्छे रहे हैं और आगे भी अच्छे रहेंगे.

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Published : Sep 14, 2021, 4:05 PM IST

Updated : Sep 14, 2021, 8:07 PM IST

सुष्मिता देव
सुष्मिता देव

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस ने सुष्मिता देव को राज्यसभा के लिए नामित किया है. सुष्मिता देव हाल ही में कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हुई थीं.

टीएमसी ने ट्विटर पर सुष्मिता देव को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने की जानकारी दी. इस फैसले पर टीएमसी ने ट्वीट किया, महिलाओं को सशक्त बनाने और राजनीति में उनकी अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ममता बनर्जी का विजन हमारे समाज को और अधिक मजबूती देगी.

वहीं, राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर सुष्मिता देव ने ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा, मुझे राज्यसभा के लिए नामित करने के लिए मैं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का धन्यवाद करती हूं. इससे एक बात स्पष्ट है कि ममता बनर्जी चाहती हैं कि संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो. मुझे जो भी काम दिया जाएगा मैं पूरी ज़िम्मेदारी के साथ करूंगी.

सुष्मिता देव 16 अगस्त को कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गई थीं. उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के कुछ ही घंटे बाद टीएमसी का दामन थाम लिया था. हालांकि, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सुष्मिता देव ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से कोई शिकायत नहीं है और न ही उन्हें राहुल गांधी या सोनिया गांधी से ही कोई शिकायत है.

सुष्मिता बंगाल-असम के बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखती हैं. उनके परिवार का संबंध असम के दूसरे सबसे बड़े शहर सिलचर से है. इस परिवार की राजनीतिक यात्रा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानी सतींद्र मोहन देव के साथ शुरू हुई, जिन्होंने बाद में राज्य में मंत्री के रूप में कार्य किया.

बाद में उनके बेटे संतोष मोहन देव ने भी इसका अनुसरण किया. संतोष मोहन देव सिलचर से 1980 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए. वे 1986 से 1988 तक केंद्रीय पर्यटन और संचार राज्य मंत्री थे और उसके बाद एक साल तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का पद संभाला. 1991 में वे केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी थे. जिसके पहले वे एक वर्ष के लिए लोक लेखा समिति के अध्यक्ष थे.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस से इस्तीफा देकर टीएमसी में शामिल हुईं सुष्मिता देव, जानें इसके मायने

सुष्मिता देव 2009 से सक्रिय राजनीति में हैं. पेशे से वकील सुष्मिता टेम्स वैली यूनिवर्सिटी लंदन और किंग्स कॉलेज लंदन यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा हैं. उन्होंने 2009 में सफलतापूर्वक नगर पालिका चुनाव लड़कर सक्रिय राजनीति में कदम रखा और 2011 में विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में सुष्मिता देव ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता.

यह भी पढ़ें- टीएमसी में मिलेगी सुष्मिता देव को बड़ी जिम्मेदारी, बोलीं-संगठन में काम करने की इच्छा

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस ने सुष्मिता देव को राज्यसभा के लिए नामित किया है. सुष्मिता देव हाल ही में कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हुई थीं.

टीएमसी ने ट्विटर पर सुष्मिता देव को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने की जानकारी दी. इस फैसले पर टीएमसी ने ट्वीट किया, महिलाओं को सशक्त बनाने और राजनीति में उनकी अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ममता बनर्जी का विजन हमारे समाज को और अधिक मजबूती देगी.

वहीं, राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर सुष्मिता देव ने ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा, मुझे राज्यसभा के लिए नामित करने के लिए मैं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का धन्यवाद करती हूं. इससे एक बात स्पष्ट है कि ममता बनर्जी चाहती हैं कि संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो. मुझे जो भी काम दिया जाएगा मैं पूरी ज़िम्मेदारी के साथ करूंगी.

सुष्मिता देव 16 अगस्त को कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गई थीं. उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के कुछ ही घंटे बाद टीएमसी का दामन थाम लिया था. हालांकि, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सुष्मिता देव ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से कोई शिकायत नहीं है और न ही उन्हें राहुल गांधी या सोनिया गांधी से ही कोई शिकायत है.

सुष्मिता बंगाल-असम के बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखती हैं. उनके परिवार का संबंध असम के दूसरे सबसे बड़े शहर सिलचर से है. इस परिवार की राजनीतिक यात्रा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानी सतींद्र मोहन देव के साथ शुरू हुई, जिन्होंने बाद में राज्य में मंत्री के रूप में कार्य किया.

बाद में उनके बेटे संतोष मोहन देव ने भी इसका अनुसरण किया. संतोष मोहन देव सिलचर से 1980 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए. वे 1986 से 1988 तक केंद्रीय पर्यटन और संचार राज्य मंत्री थे और उसके बाद एक साल तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का पद संभाला. 1991 में वे केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी थे. जिसके पहले वे एक वर्ष के लिए लोक लेखा समिति के अध्यक्ष थे.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस से इस्तीफा देकर टीएमसी में शामिल हुईं सुष्मिता देव, जानें इसके मायने

सुष्मिता देव 2009 से सक्रिय राजनीति में हैं. पेशे से वकील सुष्मिता टेम्स वैली यूनिवर्सिटी लंदन और किंग्स कॉलेज लंदन यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा हैं. उन्होंने 2009 में सफलतापूर्वक नगर पालिका चुनाव लड़कर सक्रिय राजनीति में कदम रखा और 2011 में विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में सुष्मिता देव ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता.

यह भी पढ़ें- टीएमसी में मिलेगी सुष्मिता देव को बड़ी जिम्मेदारी, बोलीं-संगठन में काम करने की इच्छा

Last Updated : Sep 14, 2021, 8:07 PM IST
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