नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें COVID-19 महामारी के बीच वायु प्रदूषण की जांच के लिए इस साल काली पूजा, दिवाली समारोह और कुछ अन्य उत्सवों के दौरान पश्चिम बंगाल में सभी पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने साेमवार काे पश्चिम बंगाल में पटाखा फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए इको फ्रेंडली और गुणवत्ता 'मध्यम' वाले ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दे दी है.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि इस साल काली पूजा, दीपावली समारोह और कुछ अन्य उत्सवों के दौरान राज्य में सभी पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट में फैसले को दी गई चुनौती
बता दें कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दो याचिकाओं में दावा किया गया है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पारित पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश पूरी तरह गलत था, जबकि पश्चिम बंगाल में शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों में अनुमेय सीमा में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी है.
पश्चिम बंगाल स्थित पटाखा संघ के अध्यक्ष और इस तरह के एक अन्य समूह द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कम से कम 30 प्रतिशत कम प्रदूषण उत्सर्जन वाले हरे पटाखे स्थानीय बाजार में पेश किए गए हैं. ये पर्यावरण के अनुकूल हैं. गौतम रॉय और सुदीप भौमिक की ओर से दायर दो याचिकाओं में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी.
पढ़ें : दिल्ली के बाद राजस्थान और ओडिशा में लगी पटाखों पर पाबंदी