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कोरोना मामले में इजाफा : सुप्रीम कोर्ट में 7 जनवरी से वर्चुअल सुनवाई

देश में कोरोना और ओमीक्रोन के मामलों में वृद्धि होने से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 7 जनवरी से वर्चुअल सुनवाई (virtual hearings) करेगा. पढ़िए पूरी खबर...

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Jan 6, 2022, 8:21 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोरोना और ओमीक्रोन के मामलों में बढ़ोत्तरी की वजह से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 7 जनवरी से वर्चुअल सुनवाई (virtual hearings) होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने सभी न्यायाधीशों को अपने आवासीय कार्यालयों से काम करने का फैसला किया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को एक सर्कुलर के माध्यम से कहा है कि 10 जनवरी से केवल बहुत जरूरी मामलों, फ्रेश मैटर, बेल मैटर्स, डिटेंशन और तय तारीख के केस सूचीबद्ध किए जाएंगे.

यह सर्कुलर ओमीक्रोन वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आया है. दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 15,000 से अधिक मामले सहित भारत में कुल मिलाकर 90,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

बता दें कि जब पहला लॉकडाउन लगाया गया था तो अदालत ने भी इसी तरह का रुख अपनाया था और न्यायाधीशों द्वारा अपने आवासीय कार्यालयों के माध्यम से केवल अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई की जा रही थी. धीरे-धीरे अदालत ने सप्ताह के दो दिन शारीरिक सुनवाई शुरू की और न्यायाधीशों ने अदालत के कमरों से सुनवाई शुरू कर दी थी और इसके बाद अदालत के कमरों में सीमित संख्या में अधिवक्ताओं को अनुमति दी गई थी.

ये भी पढ़ें - Omicron surge: केंद्र ने नौ राज्यों को जांच बढ़ाने का दिया सुझाव

हालांकि इसकी वजह से वकीलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था क्योंकि उनकी आय प्रभावित हुई थी. धीरे-धीरे चीजें पटरी पर आने लगीं और वकीलों को विभिन्न बार एसोसिएशनों द्वारा आर्थिक मदद दी जाने लगी थी. वहीं बहुत से पीड़ित लोग भी होते हैं क्योंकि सभी प्रकार के मामले अदालत के समक्ष सूचीबद्ध नहीं होते हैं इससे उनके मामले में देरी होती है.

नई दिल्ली : देश में कोरोना और ओमीक्रोन के मामलों में बढ़ोत्तरी की वजह से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 7 जनवरी से वर्चुअल सुनवाई (virtual hearings) होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने सभी न्यायाधीशों को अपने आवासीय कार्यालयों से काम करने का फैसला किया है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को एक सर्कुलर के माध्यम से कहा है कि 10 जनवरी से केवल बहुत जरूरी मामलों, फ्रेश मैटर, बेल मैटर्स, डिटेंशन और तय तारीख के केस सूचीबद्ध किए जाएंगे.

यह सर्कुलर ओमीक्रोन वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आया है. दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 15,000 से अधिक मामले सहित भारत में कुल मिलाकर 90,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

बता दें कि जब पहला लॉकडाउन लगाया गया था तो अदालत ने भी इसी तरह का रुख अपनाया था और न्यायाधीशों द्वारा अपने आवासीय कार्यालयों के माध्यम से केवल अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई की जा रही थी. धीरे-धीरे अदालत ने सप्ताह के दो दिन शारीरिक सुनवाई शुरू की और न्यायाधीशों ने अदालत के कमरों से सुनवाई शुरू कर दी थी और इसके बाद अदालत के कमरों में सीमित संख्या में अधिवक्ताओं को अनुमति दी गई थी.

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हालांकि इसकी वजह से वकीलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था क्योंकि उनकी आय प्रभावित हुई थी. धीरे-धीरे चीजें पटरी पर आने लगीं और वकीलों को विभिन्न बार एसोसिएशनों द्वारा आर्थिक मदद दी जाने लगी थी. वहीं बहुत से पीड़ित लोग भी होते हैं क्योंकि सभी प्रकार के मामले अदालत के समक्ष सूचीबद्ध नहीं होते हैं इससे उनके मामले में देरी होती है.

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