श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के धनकर गांव के जंगल से बदमाशों के द्वारा जिन 3 चरवाहों का अपहरण किया गया था. वह शनिवार को बदमाशों के चंगुल से छूटकर विजयपुर पहुंच गए हैं. पुलिस को इस बात की जानकारी तक नहीं थी. छूटकर आए चरवाहों ने बताया कि, वह बदमाशों के चंगुल से भागकर यहां आए हैं. अब पुलिस इन चरवाहों से पूछताछ कर रही है. ताकि, बदमाशों के बारे में पता लगाया जा सके.
बदमाशों के चंगुल से छूटे चरवाहे: बदमाशों के चंगुल से छूट कर भागे अपहृत गुड्डा बघेल, भरतू और रामस्वरूप यादव ने बताया कि, 8 हथियार धारी बदमाशों ने उनका अपहरण शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात जंगल से किया था, 7 लोगों के पास बंदूक एक के पास लाठी और कट्टा था. जिनके दम पर वह मारते-पीटते हुए धोरेट सरकार के जंगल से होते हुए कूनो के जंगल में लेकर गए थे.
खाने में देते थे एक रोटी: अपहृत ने बताया कि, बदमाशों ने हमारी आंखों पर पट्टी बांध दी थी. जब हम थक कर रुक जाते तो वहां में लाठी डंडों से बेरहमी से पीटते थे. हम डर के मारे दम लगा कर चलते थे. वह जहां भी रुकते हमारे हाथ पैरों को बांध देते थे. वह हमें चंबल नदी पार करवा कर राजस्थान के अरोरा के पहाड़पर लेकर गए. फिर एक-दो दिन रहने के बाद वहीं हमें कूनों के जंगल में वापस लाए. शनिवार को सुबह वह दिन में सो रहे थे. तब हम घायल रामस्वरूप को कंधे पर बिठाकर चुपचाप वहां से भाग आए. जब उनसे पूछा गया कि, खाने में क्या देते थे, तो अपहरण से मुक्त हुए गुड्डा ने बताया कि, रोजाना एक रोटी देते थे. सब्जी नहीं मिलती थी. एक रोटी से पेट नहीं भरता था. उनके पास बंदूकें थी. कुछ भी कहने पर वह हमें बेरहमी से मारते थे. इसलिए एक रोटी खाकर पानी पी लेते थे.
बेरहमी से पीटा: जिन 3 चरवाहों का अपहरण बदमाशों के द्वारा किया गया था. उनमें से रामस्वरूप यादव सबसे ज्यादा बुजुर्ग थे. जो 2 दिन चलने के बाद थक हार गए तो बदमाशों ने उन्हें पहले बेरहमी से पीटा. बाद में जब मारपीट के बाद भी वह ठीक से नहीं चल पा रहे थे तो बदमाशों ने उनके पैरों की उंगलियों के नाखूनों में आग लगा दी. इससे उनके नाखून और पैर जल गए. इसके अलावा उनकी आंख और नाक में भी चोटें आई हैं. जिन्हें विजयपुर से गंभीर हालत में उपचार के लिए ग्वालियर के लिए रेफर किया गया है. घायल रामस्वरूप यादव का कहना है कि, मुझे बहुत मारा है मेरी नाक से खून आ गया आंखों में भी चोट के निशान हैं.