मुंबई : महाराष्ट्र के ठाणे वन संभाग (Maharashtra's Thane forest division) ने 'एम्बरग्रीस' ( Ambergis ) की खेप जब्त की है, जिसकी कीमत 26 करोड़ रुपये बताई गई है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
उप वन संरक्षक (ठाणे) गजेंद्र हीरे ने बताया कि ठाणे वन संभाग ने पिछले कुछ दिनों में छापेमारी के दौरान 27 किलोग्राम एम्बरग्रीस जब्त की और इस संबंध में मुंबई से पांच लोगों को गिरफ्तार किया.
'एम्बरग्रीस' भूरे रंग का मोम जैसा एक पदार्थ होता है जो स्पर्म व्हेल के पेट में बनता है. व्हेल के उल्टी करने के बाद यह पदार्थ समुद्र के पानी में तैरता हुआ पाया जाता है. इत्र बनाने में इस्तेमाल होने वाली एम्बरग्रीस की बिक्री प्रतिबंधित है.
अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान यह प्रकाश में आया कि इन लोगों ने कर्नाटक से यह खेप मंगवाई थी. अधिकारी ने बताया कि विस्तृत जांच के लिए एक विशेष टीम पड़ोसी राज्य जाएगी.
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से चार मुंबई के निवासी हैं, जबकि एक कर्नाटक का रहने वाला है. उन्होंने बताया कि आरोपी को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.
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क्या होता है एम्बरग्रीस
व्हेल के शरीर से निकलने वाले अपशिष्ट को कई वैज्ञानिक उल्टी बताते हैं, तो कई इसे मल बताते हैं. कई बार यह पदार्थ रेक्टम के जरिए बाहर आता है, लेकिन कभी-कभी पदार्थ बड़ा होने पर व्हेल इसे मुंह से उगल देती है. वैज्ञानिक भाषा में इसे एम्बरग्रीस कहते हैं. व्हेल की आंतों से निकलने वाला एम्बरग्रीस काले या स्लेटी रंग का ठोस, मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ है. यह पदार्थ व्हेल के शरीर के अंदर उसकी रक्षा करता है.चीन में एम्बरग्रीस का इस्तेमाल यौन क्षमता बढ़ाने वाली दवाइयां बनाने में होता है, जबकि अरब देशों में इससे इत्र (परफ्यूम) तैयार किया जाता है.