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Sharad Purnima 2023 : आज रात भूलकर भी न करें ये काम, कब करें माता लक्ष्मी की पूजा जानिए इस खबर में - kojagiri purnima 2023

Sharad Purnima 2023 : शरद पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ व दान आदि करना शुभ माना जाता है. Sharad Purnima को कमला पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा दिन के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि Sharad Purnima के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने यमुना तट पर गोपियों के साथ महारास रचाया था. laxmi puja 2023 . Lunar eclipse . Chandra grahan . moon eclipse . eclipse . rice kheer remedies . kojagiri purnima 2023 .

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शरद पूर्णिमा चंद्र ग्रहण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 27, 2023, 8:37 AM IST

Updated : Oct 28, 2023, 8:50 AM IST

हैदराबाद : सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि एक बार आती है. पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ, व्रत, उपवास व दान आदि करना शुभ माना जाता है. वर्ष की सभी 12 पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व है. इस शरद पूर्णिमा का संबंध माता लक्ष्मी के साथ होने से इस पूर्णिमा का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है. आईए विस्तार में जानते हैं शरद पूर्णिमा और उसके महत्व के बारे में.

आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. शरद पूर्णिमा के पर्व को आमजन व साधु-सन्यासी सभी लोग इसको बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस पर्व शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, शरदोत्सव, कमला पूर्णिमा, रास पूर्णिमा, कौमुदी उत्सव आदि के नाम से भी जाना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा को 16 कलाओं का माना जाता है शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है. 16 कलाओं से युक्त चंद्रमा की किरणें रोग व शोक हरने वाली होती हैं, इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होता है इसके साथ ही वह सामान्य से बड़ा भी दिखाई देता है.

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चंद्र ग्रहण

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शरद पूर्णिमा चंद्र ग्रहण

शरद पूर्णिमा का मुहूर्त व महत्व
द्रिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 4:17 बजे से शुरू होकर 29 अक्टूबर की रात 1:53 तक रहेगी. शरद पूर्णिमा की रात को दुख-रोग हरने वाली माना जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है. इस दिन लोग अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा-पूजा और व्रत करते हैं. मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने यमुना के तट पर गोपियों के साथ महारास रचाया था, जिस कारण इस दिन रास उत्सव भी मनाया जाता है और लोग रात्रि जागरण कर भगवान का भजन-कीर्तन करते हैं. रात्रि जागरण के कारण ही इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं. kojagiri purnima 2023 . grahan october 2023

शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाएं या नहीं !
इस वर्ष शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ने के कारण ग्रहण से लगभग 10 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाएगा, इसलिए सभी पूजा-पाठ और कर्मकांड दोपहर 2:53 बजे के पहले हो जाने चाहिए इसलिए जो भी व्यक्ति माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करना चाहते हैं वह सूतक लगने के पहले ही पूजा-पाठ संपन्न कर लें. इसके साथ ही इस दिन किया जाने वाला मुख्य अनुष्ठान जिसमें चावल की खीर ( Rice kheer remedies ) को चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है, वह ग्रहण पड़ने के कारण करना शास्त्र सम्मत नहीं होगा. इसलिए भूलकर भी आज रात ये काम न करें. Lunar eclipse horoscope . Chandra grahan . Lunar eclipse horoscope . Chandra grahan . moon eclipse . eclipse . rice kheer remedies

हैदराबाद : सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि एक बार आती है. पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ, व्रत, उपवास व दान आदि करना शुभ माना जाता है. वर्ष की सभी 12 पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व है. इस शरद पूर्णिमा का संबंध माता लक्ष्मी के साथ होने से इस पूर्णिमा का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है. आईए विस्तार में जानते हैं शरद पूर्णिमा और उसके महत्व के बारे में.

आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. शरद पूर्णिमा के पर्व को आमजन व साधु-सन्यासी सभी लोग इसको बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस पर्व शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, शरदोत्सव, कमला पूर्णिमा, रास पूर्णिमा, कौमुदी उत्सव आदि के नाम से भी जाना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा को 16 कलाओं का माना जाता है शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है. 16 कलाओं से युक्त चंद्रमा की किरणें रोग व शोक हरने वाली होती हैं, इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होता है इसके साथ ही वह सामान्य से बड़ा भी दिखाई देता है.

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शरद पूर्णिमा का मुहूर्त व महत्व
द्रिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 4:17 बजे से शुरू होकर 29 अक्टूबर की रात 1:53 तक रहेगी. शरद पूर्णिमा की रात को दुख-रोग हरने वाली माना जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है. इस दिन लोग अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा-पूजा और व्रत करते हैं. मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने यमुना के तट पर गोपियों के साथ महारास रचाया था, जिस कारण इस दिन रास उत्सव भी मनाया जाता है और लोग रात्रि जागरण कर भगवान का भजन-कीर्तन करते हैं. रात्रि जागरण के कारण ही इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं. kojagiri purnima 2023 . grahan october 2023

शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाएं या नहीं !
इस वर्ष शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ने के कारण ग्रहण से लगभग 10 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाएगा, इसलिए सभी पूजा-पाठ और कर्मकांड दोपहर 2:53 बजे के पहले हो जाने चाहिए इसलिए जो भी व्यक्ति माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करना चाहते हैं वह सूतक लगने के पहले ही पूजा-पाठ संपन्न कर लें. इसके साथ ही इस दिन किया जाने वाला मुख्य अनुष्ठान जिसमें चावल की खीर ( Rice kheer remedies ) को चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है, वह ग्रहण पड़ने के कारण करना शास्त्र सम्मत नहीं होगा. इसलिए भूलकर भी आज रात ये काम न करें. Lunar eclipse horoscope . Chandra grahan . Lunar eclipse horoscope . Chandra grahan . moon eclipse . eclipse . rice kheer remedies

Last Updated : Oct 28, 2023, 8:50 AM IST
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