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यूपी में प्रियंका गांधी को 'आधी आबादी' से आस लेकिन कांग्रेस कहां से लाएगी इतने उम्मीदवार ? - priyanka gandhi on women vote bank

प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी महिला उम्मीदवारों को टिकट देने का ऐलान तो कर दिया है लेकिन इस ऐलान को हकीकत के धरातल पर उतारने के लिए कांग्रेस को पत्थर पर लकीर खींचनी होगी. मौजूदा वक्त में जो कांग्रेस का हाल है उसे देखते हुए ये मुश्किल ही लगता है. आखिर क्यों ? जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

priyanka gandhi
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Published : Oct 20, 2021, 8:23 PM IST

हैदराबाद : प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की घोषणा करके यूपी चुनाव से पहले एक नया दांव तो चल दिया है लेकिन इस ऐलान को हकीकत का अमलीजामा पहनाना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर है. कांग्रेस के सामने कई सवाल है जिनका जवाब फिलहाल ना पार्टी के पास है और ना ही प्रियंका गांधी के पास.

टिकट के लिए मांगे गए आवेदन- प्रियंका

प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरा बस चलता तो मैं 50 प्रतिशत टिकट दे देती. यूपी में आरक्षण बढ़ेगा तो देश भी बढ़ेगा. फिलहाल टिकट को लेकर हमने आवेदन पत्र मांगे हुए हैं. अगले महीने की 15 तारीख तक आवेदन खुला रहेगा. 40 फीसदी टिकट का फैसला उन्नाव की उस लड़की के लिए यह निर्णय है जिसको जलाकर मारा गया. यह निर्णय हाथरस की उस लड़की के लिए है जिसे न्याय नहीं मिला. लखीमपुर में एक लड़की मिली उसने बोला प्रधानमंत्री बनना चाहती हूं उसके लिए है ये निर्णय. यह निर्णय सोनभद्र में उस महिला के लिए है जिसका नाम किस्मत है, जिसने अपने लोगों के लिए आवाज उठाई. ये यूपी की हर एक महिला के लिए है जो यूपी के आगे बढ़ाना चाहती हैं.

प्रियंका ने किया ऐलान- 40% महिलाओं को देंगे टिकट
प्रियंका ने किया ऐलान- 40% महिलाओं को देंगे टिकट

मंगलवार को 'लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ' के बैनर के पास बैठकर प्रियंका गांधी ने ये ऐलान किया था. प्रियंका ने कहा कि महिलाओं को अधिकार दिलाकर और भी सशक्त बनाना उनका मकसद है. लेकिन उनके इस ऐलान के बाद कई सवाल उठ रहे हैं जिनके जवाब खुद कांग्रेस भी तलाश रही है.

इतने उम्मीदवार कहां से लाएगी कांग्रेस ?

अकेले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की बात करें तो यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं. 40 फीसदी के हिसाब से 160 महिला उम्मीदवारों को टिकट देना होगा. लेकिन सवाल है कि कांग्रेस इतनी महिला उम्मीदवार कहां से लाएगी. इतने उम्मीदवार तो कांग्रेस उस वक्त भी चुनावी रण में नहीं उतार पाई थी जब यूपी में उसके पल्ले बहुत कुछ था. लेकिन बीते 7 साल में यूपी में ही नहीं देशभर में कांग्रेस की जो दुर्गति हुई है वो किसी से छिपी नहीं है.

प्रियंका गांधी कहां से लाएंगी इतने उम्मीदवार ?
प्रियंका गांधी कहां से लाएंगी इतने उम्मीदवार ?

बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना पड़ा था और पार्टी ने सिर्फ 105 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 355 उम्मीदवारों को टिकट दिया था. कांग्रेस 2012 में 28 सीटें जीत पाई और 2017 में सिर्फ 7 सीटों पर सिमट गई. लोकसभा चुनाव में हाल और बुरा रहा. 2014 में सिर्फ राहुल और सोनिया अपनी सीट जीत पाए, जबकि 2017 में तो राहुल भी अमेठी हार गए और सोनिया गांधी यूपी से इकलौती कांग्रेस सांसद बनकर लोकसभा पहुंची.

सवाल है कि जब पार्टी के पास सभी विधानसभा सीटों पर उतारने के लिए भी उम्मीदवार नहीं हैं तो 40 फीसदी महिला उम्मीदवार कहां से आएंगे ? सियासी जानकारों के मुताबिक यूपी में फिलहाल कांग्रेस का कोई आधार नहीं बचा है, इसलिए ऐसा कोई भी फैसला कोई असर डालने वाला नहीं है.

सिर्फ यूपी में ही 40 फीसदी महिलाओं को टिकट क्यों ?
सिर्फ यूपी में ही 40 फीसदी महिलाओं को टिकट क्यों ?

सिर्फ चुनावी शिगूफा है

अगले साल 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन प्रियंका की जुबां पर सिर्फ यूपी की महिलाओं की फिक्र है. वो यूपी की महासचिव हैं, इस नाते यूपी की बात करना तो बनता है लेकिन जब सियासत में बात महिलाओं के अधिकार और हिस्सेदारी की हो तो फिर ये बात किसी राज्य विशेष के दायरे में बंधकर नहीं की जा सकती है.

कई सियासी जानकार मानते हैं कि ये सिर्फ और सिर्फ सियासी शिगूफा है. इस शिगूफे में कांग्रेस को कुछ उम्मीद नजर आ रही है. दरअसल कांग्रेस के इस फैसले में महिलाओं की भागीदारी कम और सत्ता में हिस्सेदारी का पुट ज्यादा नजर आता है. जानकार मानते हैं कि पंजाब से लेकर छत्तीसगढ़ और राजस्थान तक जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां इस तरह का कोई ऐलान नहीं होता. और ना ही उन राज्यों में कांग्रेस ऐसा ऐलान करती है जहां वो मुख्य विपक्षी दल है. ऐसे राज्यों में उसके वोट बैंक पर असर भी पड़ सकता था लेकिन ये सारी कवायद सिर्फ और सिर्फ यूपी चुनाव के लिए हो रही है. जहां कांग्रेस के पल्ले कुछ भी नहीं है.

2017 में किस पार्टी ने कितने उम्मीदवारों को दिया टिकट
2017 में किस पार्टी ने कितने उम्मीदवारों को दिया टिकट

मायावती ने भी ट्वीट कर कांग्रेस के इस फैसले को नौटंकी करार दिया है. मायावती ने कहा कि जैसेपंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस को दलितों की याद आई है वैसे ही यूपी चुनाव से पहले उसे महिलाओं की याद आई है.

महिलाओं की पैरोकार प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव ?

प्रियंका गांधी सियासत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात तो कहती हैं लेकिन सवाल है कि क्या प्रियंका गांधी खुद चुनाव लड़ेंगी ? इस सवाल का जवाब हां में देना कांग्रेस और प्रियंका दोनों के लिए पत्थर पर लकीर खींचने से भी ज्यादा मुश्किल है. खुद प्रियंका गांधी इस सवाल के जवाब में कहती हैं कि मैं इसपर फैसला लूंगी लेकिन अभी चुनाव में वक्त है.

क्या प्रियंका गांधी भी लड़ेगी चुनाव ?
क्या प्रियंका गांधी भी लड़ेगी चुनाव ?

कांग्रेस की मौजूदा हाल की सबसे ज्यादा जानकारी खुद कांग्रेस को ही है, ऐसे में पार्टी के स्टार की सियासी ओपनिंग इस दौर में करवाने का खतरा पार्टी मोल नहीं लेगी. सियासी जानकार मानते हैं कि कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार की दिक्कत यही है कि वो चुनाव जीतकर सत्ता तो हासिल करना चाहते हैं लेकिन विधायक का चुनाव उनके लेवल का नहीं है. प्रियंका गांधी यूपी चुनाव में ताल ठोककर कुंद पड़े संगठन में जान भी फूंक सकती हैं और विरोधियों को एक कड़ा संदेश भी दे सकती हैं. लेकिन कांग्रेस और गांधी परिवार को खेलने से पहले हारने का डर सताने लगता है.

अब क्यों आई आधी आबादी की याद ?

मौजूदा वक्त में यूपी विधानसभा में सिर्फ 44 महिला विधायक हैं, यानि सिर्फ 10 फीसदी. इनमें से भी 37 बीजेपी की विधायक हैं. जबकि सपा की 2, बसपा की 2, कांग्रेस की 2 और अपना दल की सिर्फ एक महिला विधायक हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 43 महिलाओं को टिकट दिया था. जबकि कांग्रेस ने सिर्फ 12 महिलाओं को टिकट दिया था. सवाल है कि प्रियंका गांधी को अब महिलाओं की याद क्यों आई है ?

कुछ सियासी जानकार मानते हैं कि मौजूदा सियासी स्थिति में कांग्रेस के पास ना किसी जाति विशेष का वोट है और ना किसी धर्म का. इसी को देखते हुए रीता बहुगुणा जोशी से लेकर जितिन प्रसाद और ललितेश त्रिपाठी जैसे कई चेहरे कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं. बीजेपी से लेकर सपा और बसपा से लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी तक ने जाति और धर्म के आधार पर वोट बैंक पर अपनी ताल ठोक रखी है. ऐसे में जाति और धर्म के मामले में कांग्रेस फिलहाल ठन-ठन गोपाल है, सिर्फ महिलाएं बचीं थी और प्रियंका गांधी ने आधी आबादी के वोट बैंक को भुनाना ही बेहतर समझा. कुछ जानकार मानते हैं कि यूपी में कांग्रेस के पास कुछ भी खोने को नहीं है ऐसे में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने का फैसला कुछ ना कुछ फायदा तो देकर ही जाएगा.

2017 में कौन कितनी सीटें जीता
2017 में कौन कितनी सीटें जीता

यूपी में महिला वोट बैंक

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कोई ब्राह्मणों वोट बैंक को रिझाने में जुटा है तो कोई पिछड़ों की बात कर रहा है, कोई युवाओं को अपने पाले में लाना चाहता है तो किसी की नजर अल्पसंख्यक वोट बैंक पर है. इसी बीच प्रियंका गांधी ने उस आधी आबादी यानि महिलाओं का ट्रंप कार्ड चला है, जिसकी बात फिलहाल ना कोई कर रहा है और अतीत के पन्नों में भी साइलेंट वोटर मानी जा रही महिलाओं की बात गिने-चुने मौकों पर ही होती हैं.

महिला मतदाताओं पर कांग्रेस की नजर
महिला मतदाताओं पर कांग्रेस की नजर

यूपी में कुल 14.40 करोड़ मतदाता हैं इनमें से 7.79 करोड़ पुरुष और 6.61 करोड़ महिला मतदाता हैं. इस लिहाज से यूपी में महिला मतदाता 45 फीसदी के आस-पास है और प्रियंका ने इन्हीं महिलाओं को लेकर अपनी चाल चली है. कई सियासी जानकार प्रियंका की इस चाल की तारीफ कर रहे है, प्रियंका की इस घोषणा के समर्थक मानते हैं कि यूपी चुनाव से पहले प्रियंका ने सबसे पहले एक नैरेटिव को सेट कर ही दिया है. प्रियंका के फैसले के बाद कई लोग इसे कांग्रेस की और दुर्गति करने वाला फैसला बता रहे हैं लेकिन कुछ जानकार मानते हैं कि हार-जीत बाद की बात है लेकिन प्रियंका ने ये कदम उस समय उठाया है जब बीजेपी के अलावा इस तरह के कदम उठाने की हिमाकत कोई नहीं कर सकता है.

ये भी पढ़ें :बहुत कठिन है डगर प्रियंका गांधी की, कैसे साबित होंगी कांग्रेस की खेवनहार ?

हैदराबाद : प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की घोषणा करके यूपी चुनाव से पहले एक नया दांव तो चल दिया है लेकिन इस ऐलान को हकीकत का अमलीजामा पहनाना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर है. कांग्रेस के सामने कई सवाल है जिनका जवाब फिलहाल ना पार्टी के पास है और ना ही प्रियंका गांधी के पास.

टिकट के लिए मांगे गए आवेदन- प्रियंका

प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरा बस चलता तो मैं 50 प्रतिशत टिकट दे देती. यूपी में आरक्षण बढ़ेगा तो देश भी बढ़ेगा. फिलहाल टिकट को लेकर हमने आवेदन पत्र मांगे हुए हैं. अगले महीने की 15 तारीख तक आवेदन खुला रहेगा. 40 फीसदी टिकट का फैसला उन्नाव की उस लड़की के लिए यह निर्णय है जिसको जलाकर मारा गया. यह निर्णय हाथरस की उस लड़की के लिए है जिसे न्याय नहीं मिला. लखीमपुर में एक लड़की मिली उसने बोला प्रधानमंत्री बनना चाहती हूं उसके लिए है ये निर्णय. यह निर्णय सोनभद्र में उस महिला के लिए है जिसका नाम किस्मत है, जिसने अपने लोगों के लिए आवाज उठाई. ये यूपी की हर एक महिला के लिए है जो यूपी के आगे बढ़ाना चाहती हैं.

प्रियंका ने किया ऐलान- 40% महिलाओं को देंगे टिकट
प्रियंका ने किया ऐलान- 40% महिलाओं को देंगे टिकट

मंगलवार को 'लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ' के बैनर के पास बैठकर प्रियंका गांधी ने ये ऐलान किया था. प्रियंका ने कहा कि महिलाओं को अधिकार दिलाकर और भी सशक्त बनाना उनका मकसद है. लेकिन उनके इस ऐलान के बाद कई सवाल उठ रहे हैं जिनके जवाब खुद कांग्रेस भी तलाश रही है.

इतने उम्मीदवार कहां से लाएगी कांग्रेस ?

अकेले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की बात करें तो यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं. 40 फीसदी के हिसाब से 160 महिला उम्मीदवारों को टिकट देना होगा. लेकिन सवाल है कि कांग्रेस इतनी महिला उम्मीदवार कहां से लाएगी. इतने उम्मीदवार तो कांग्रेस उस वक्त भी चुनावी रण में नहीं उतार पाई थी जब यूपी में उसके पल्ले बहुत कुछ था. लेकिन बीते 7 साल में यूपी में ही नहीं देशभर में कांग्रेस की जो दुर्गति हुई है वो किसी से छिपी नहीं है.

प्रियंका गांधी कहां से लाएंगी इतने उम्मीदवार ?
प्रियंका गांधी कहां से लाएंगी इतने उम्मीदवार ?

बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना पड़ा था और पार्टी ने सिर्फ 105 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 355 उम्मीदवारों को टिकट दिया था. कांग्रेस 2012 में 28 सीटें जीत पाई और 2017 में सिर्फ 7 सीटों पर सिमट गई. लोकसभा चुनाव में हाल और बुरा रहा. 2014 में सिर्फ राहुल और सोनिया अपनी सीट जीत पाए, जबकि 2017 में तो राहुल भी अमेठी हार गए और सोनिया गांधी यूपी से इकलौती कांग्रेस सांसद बनकर लोकसभा पहुंची.

सवाल है कि जब पार्टी के पास सभी विधानसभा सीटों पर उतारने के लिए भी उम्मीदवार नहीं हैं तो 40 फीसदी महिला उम्मीदवार कहां से आएंगे ? सियासी जानकारों के मुताबिक यूपी में फिलहाल कांग्रेस का कोई आधार नहीं बचा है, इसलिए ऐसा कोई भी फैसला कोई असर डालने वाला नहीं है.

सिर्फ यूपी में ही 40 फीसदी महिलाओं को टिकट क्यों ?
सिर्फ यूपी में ही 40 फीसदी महिलाओं को टिकट क्यों ?

सिर्फ चुनावी शिगूफा है

अगले साल 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन प्रियंका की जुबां पर सिर्फ यूपी की महिलाओं की फिक्र है. वो यूपी की महासचिव हैं, इस नाते यूपी की बात करना तो बनता है लेकिन जब सियासत में बात महिलाओं के अधिकार और हिस्सेदारी की हो तो फिर ये बात किसी राज्य विशेष के दायरे में बंधकर नहीं की जा सकती है.

कई सियासी जानकार मानते हैं कि ये सिर्फ और सिर्फ सियासी शिगूफा है. इस शिगूफे में कांग्रेस को कुछ उम्मीद नजर आ रही है. दरअसल कांग्रेस के इस फैसले में महिलाओं की भागीदारी कम और सत्ता में हिस्सेदारी का पुट ज्यादा नजर आता है. जानकार मानते हैं कि पंजाब से लेकर छत्तीसगढ़ और राजस्थान तक जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां इस तरह का कोई ऐलान नहीं होता. और ना ही उन राज्यों में कांग्रेस ऐसा ऐलान करती है जहां वो मुख्य विपक्षी दल है. ऐसे राज्यों में उसके वोट बैंक पर असर भी पड़ सकता था लेकिन ये सारी कवायद सिर्फ और सिर्फ यूपी चुनाव के लिए हो रही है. जहां कांग्रेस के पल्ले कुछ भी नहीं है.

2017 में किस पार्टी ने कितने उम्मीदवारों को दिया टिकट
2017 में किस पार्टी ने कितने उम्मीदवारों को दिया टिकट

मायावती ने भी ट्वीट कर कांग्रेस के इस फैसले को नौटंकी करार दिया है. मायावती ने कहा कि जैसेपंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस को दलितों की याद आई है वैसे ही यूपी चुनाव से पहले उसे महिलाओं की याद आई है.

महिलाओं की पैरोकार प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव ?

प्रियंका गांधी सियासत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात तो कहती हैं लेकिन सवाल है कि क्या प्रियंका गांधी खुद चुनाव लड़ेंगी ? इस सवाल का जवाब हां में देना कांग्रेस और प्रियंका दोनों के लिए पत्थर पर लकीर खींचने से भी ज्यादा मुश्किल है. खुद प्रियंका गांधी इस सवाल के जवाब में कहती हैं कि मैं इसपर फैसला लूंगी लेकिन अभी चुनाव में वक्त है.

क्या प्रियंका गांधी भी लड़ेगी चुनाव ?
क्या प्रियंका गांधी भी लड़ेगी चुनाव ?

कांग्रेस की मौजूदा हाल की सबसे ज्यादा जानकारी खुद कांग्रेस को ही है, ऐसे में पार्टी के स्टार की सियासी ओपनिंग इस दौर में करवाने का खतरा पार्टी मोल नहीं लेगी. सियासी जानकार मानते हैं कि कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार की दिक्कत यही है कि वो चुनाव जीतकर सत्ता तो हासिल करना चाहते हैं लेकिन विधायक का चुनाव उनके लेवल का नहीं है. प्रियंका गांधी यूपी चुनाव में ताल ठोककर कुंद पड़े संगठन में जान भी फूंक सकती हैं और विरोधियों को एक कड़ा संदेश भी दे सकती हैं. लेकिन कांग्रेस और गांधी परिवार को खेलने से पहले हारने का डर सताने लगता है.

अब क्यों आई आधी आबादी की याद ?

मौजूदा वक्त में यूपी विधानसभा में सिर्फ 44 महिला विधायक हैं, यानि सिर्फ 10 फीसदी. इनमें से भी 37 बीजेपी की विधायक हैं. जबकि सपा की 2, बसपा की 2, कांग्रेस की 2 और अपना दल की सिर्फ एक महिला विधायक हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 43 महिलाओं को टिकट दिया था. जबकि कांग्रेस ने सिर्फ 12 महिलाओं को टिकट दिया था. सवाल है कि प्रियंका गांधी को अब महिलाओं की याद क्यों आई है ?

कुछ सियासी जानकार मानते हैं कि मौजूदा सियासी स्थिति में कांग्रेस के पास ना किसी जाति विशेष का वोट है और ना किसी धर्म का. इसी को देखते हुए रीता बहुगुणा जोशी से लेकर जितिन प्रसाद और ललितेश त्रिपाठी जैसे कई चेहरे कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं. बीजेपी से लेकर सपा और बसपा से लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी तक ने जाति और धर्म के आधार पर वोट बैंक पर अपनी ताल ठोक रखी है. ऐसे में जाति और धर्म के मामले में कांग्रेस फिलहाल ठन-ठन गोपाल है, सिर्फ महिलाएं बचीं थी और प्रियंका गांधी ने आधी आबादी के वोट बैंक को भुनाना ही बेहतर समझा. कुछ जानकार मानते हैं कि यूपी में कांग्रेस के पास कुछ भी खोने को नहीं है ऐसे में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने का फैसला कुछ ना कुछ फायदा तो देकर ही जाएगा.

2017 में कौन कितनी सीटें जीता
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यूपी में महिला वोट बैंक

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कोई ब्राह्मणों वोट बैंक को रिझाने में जुटा है तो कोई पिछड़ों की बात कर रहा है, कोई युवाओं को अपने पाले में लाना चाहता है तो किसी की नजर अल्पसंख्यक वोट बैंक पर है. इसी बीच प्रियंका गांधी ने उस आधी आबादी यानि महिलाओं का ट्रंप कार्ड चला है, जिसकी बात फिलहाल ना कोई कर रहा है और अतीत के पन्नों में भी साइलेंट वोटर मानी जा रही महिलाओं की बात गिने-चुने मौकों पर ही होती हैं.

महिला मतदाताओं पर कांग्रेस की नजर
महिला मतदाताओं पर कांग्रेस की नजर

यूपी में कुल 14.40 करोड़ मतदाता हैं इनमें से 7.79 करोड़ पुरुष और 6.61 करोड़ महिला मतदाता हैं. इस लिहाज से यूपी में महिला मतदाता 45 फीसदी के आस-पास है और प्रियंका ने इन्हीं महिलाओं को लेकर अपनी चाल चली है. कई सियासी जानकार प्रियंका की इस चाल की तारीफ कर रहे है, प्रियंका की इस घोषणा के समर्थक मानते हैं कि यूपी चुनाव से पहले प्रियंका ने सबसे पहले एक नैरेटिव को सेट कर ही दिया है. प्रियंका के फैसले के बाद कई लोग इसे कांग्रेस की और दुर्गति करने वाला फैसला बता रहे हैं लेकिन कुछ जानकार मानते हैं कि हार-जीत बाद की बात है लेकिन प्रियंका ने ये कदम उस समय उठाया है जब बीजेपी के अलावा इस तरह के कदम उठाने की हिमाकत कोई नहीं कर सकता है.

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