भीमवरम (आंध्र प्रदेश) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को यहां महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती पर उनकी 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया. 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह के तहत 15 टन वजन की इस प्रतिमा को तीन करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. इसे भीमावरम के एएसआर नगर में नगर निगम पार्क में क्षत्रिय सेवा समिति द्वारा स्थापित किया गया है.
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जन्म जयंती और रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ को पूरे वर्ष मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज जहां देश आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है तो साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती का अवसर भी है. संयोग से इसी समय देश की आज़ादी के लिए हुई रम्पा क्रांति के 100 साल भी पूरे हो रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी का संग्राम केवल कुछ वर्षों का, कुछ इलाकों का, या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है. ये इतिहास, भारत के कोने-कोने और कण-कण के त्याग, तप और बलिदानों का इतिहास है.
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आंध्र प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीमावरम में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह में हिस्सा लिया। इस मौके पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/szQ4mW6Dix
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आंध्र प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीमावरम में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह में हिस्सा लिया। इस मौके पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/szQ4mW6Dix
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2022आंध्र प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीमावरम में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह में हिस्सा लिया। इस मौके पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/szQ4mW6Dix
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पीएम ने कहा कि सीताराम राजू गारू के जन्म से लेकर उनके बलिदान तक, उनकी जीवन यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणा है. उन्होंने अपना जीवन आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए, उनके सुख-दुःख के लिए और देश की आज़ादी के लिए अर्पित कर दिया. पीएम ने कहा कि आंध्र प्रदेश वीरों और देशभक्तों की धरती है. यहां पिंगली वेंकैया जैसे स्वाधीनता नायक हुये, जिन्होंने देश का झण्डा तैयार किया. ये कन्नेगंटी हनुमंतु, कन्दुकूरी वीरेसलिंगम पंतुलु और पोट्टी श्रीरामूलु जैसे नायकों की धरती है.
उन्होंने कहा कि आज अमृतकाल में इन सेनानियों के सपनों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी हम सभी देशवासियों की है. हमारा नया भारत इनके सपनों का भारत होना चाहिए. एक ऐसा भारत- जिसमें गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़ा, आदिवासी सबके लिए समान अवसर हों. पीएम ने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार, देश में आदिवासी गौरव और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आदिवासी संग्रहालय बनाए जा रहे हैं. आंध्र प्रदेश के लंबसिंगी में 'अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल जन- जातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय' भी बनाया जा रहा है.
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Prime Minister Narendra Modi unveiled a bronze statue of freedom fighter Alluri Sitarama Raju, at a special program on his 125th birth anniversary celebrations, in Bhimavaram, Andhra Pradesh. pic.twitter.com/jsEMoVctKM
— ANI (@ANI) July 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 4, 2022Prime Minister Narendra Modi unveiled a bronze statue of freedom fighter Alluri Sitarama Raju, at a special program on his 125th birth anniversary celebrations, in Bhimavaram, Andhra Pradesh. pic.twitter.com/jsEMoVctKM
— ANI (@ANI) July 4, 2022
मोदी ने अल्लूरी सीताराम राजू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह शुरुआती आयु में ही देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे और उन्होंने आदिवासी कल्याण एवं देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया तथा वह कम उम्र में शहीद हो गए. प्रधानमंत्री ने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि अल्लूरी भारत की संस्कृति, आदिवासी पहचान और मूल्यों के प्रतीक थे. अल्लूरी ने ब्रितानी शासकों को चुनौती दी थी कि वह उन्हें रोककर दिखाए. उन्होंने कहा, 'जब हमारे युवा, आदिवासी, महिलाएं और दलित देश का नेतृत्व करेंगे तो नए भारत का निर्माण कोई नहीं रोक सकता.'
मोदी ने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लूरी सीताराम राजू से मिली प्रेरणा देश को अनंत ऊंचाइयों पर ले जाएगी. मैं आंध्र प्रदेश में जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं. हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को भूले नहीं हैं, हम उन्हें भूलेंगे नहीं और हम उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे.' प्रधानमंत्री ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि जिस तरह बड़ी संख्या में युवा स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए थे, उसी तरह अब युवाओं को देश के सपनों को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्किल इंडिया मिशन के जरिए आज आदिवासी कला-कौशल को नई पहचान मिल रही है. 'वोकल फॉर लोकल' आदिवासी कला कौशल को आय का साधन बना रहा है. दशकों पुराने कानून जो आदिवासी लोगों को बांस जैसी वन-उपज को काटने से रोकते थे, हमने उन्हें बदलकर वन-उपज पर अधिकार दिए. उन्होंने कहा कि मण्यम वीरुडु अल्लूरी सीताराम राजू ने, अंग्रेजों से अपने संघर्ष के दौरान दिखाया कि - 'दम है तो मुझे रोक लो'. पीएम ने कहा कि आज देश भी अपने सामने खड़ी चुनौतियों से, कठिनाइयों से इसी साहस के साथ, 130 करोड़ देशवासी, एकता के साथ, सामर्थ्य के साथ हर चुनौती को कह रहे हैं- 'दम है तो हमें रोक लो'.
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बी.बी. हरिचंदन, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिल्म अभिनेता के. चिरंजीवी और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे. उन्होंने भी राजू को पुष्पांजलि अर्पित की. मोदी ने अल्लूरी के भतीजे अल्लूरी श्रीराम राजू और अल्लूरी के करीबी लेफ्टिनेंट मल्लू डोरा के बेटे बोडी डोरा का अभिनंदन किया. 'मन्यम वीरदु' (वन नायक) के नाम से लोकप्रिय सीताराम राजू को उनके उपनाम अल्लूरी से भी जाना जाता है. उनका जन्म चार जुलाई, 1897 को तत्कालीन विशाखापत्तनम जिले के पंडरंगी गांव में हुआ था.
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