नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर हुई बातचीत में यूक्रेन-रूस युद्ध को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दृढ़ता से दोहराया और कहा कि दोनों पक्षों को अपने मतभेदों का स्थायी समाधान खोजने के लिए वार्ता और कूटनीति की ओर लौटना चाहिए. जेलेंस्की ने एक ट्वीट कर बताया कि उन्होंने जी20 में भारत की सफल अध्यक्षता के लिए मोदी को शुभकामनाएं दीं और साथ ही जी-20 मंच पर प्रस्तावित अपने शांति फार्मूले का उल्लेख करते हुए इसे लागू करने के लिए नई दिल्ली के समर्थन पर भरोसा जताया.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे उन भारतीय छात्रों की शिक्षा जारी रखने की व्यवस्था करें, जिन्हें इस वर्ष की शुरुआत में यूक्रेन से लौटना पड़ा था. ज्ञात हो कि यूक्रेन पर 24 फरवरी से शुरू हुए रूसी आक्रमण के बाद सैकड़ों भारतीय मेडिकल छात्र स्वदेश लौट आए थे. उनकी आगे की पढ़ाई को लेकर संसद सहित विभिन्न मंचों पर चिंता जताई जा चुकी है. पीएमओ ने कहा, 'दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बारे में भी विचारों का आदान-प्रदान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने युद्ध को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दृढ़ता से दोहराया और कहा कि दोनों पक्षों को अपने मतभेदों का स्थायी समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटना चाहिए.'
बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने किसी भी शांति प्रयास के लिए भारत के समर्थन से भी जेलेंस्की को अवगत कराया और प्रभावित नागरिक आबादी के लिए मानवीय सहायता जारी रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया. पीएमओ ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने जी-20 की अध्यक्षता के लिए भारत को शुभकामनाएं दीं. उसने कहा, 'प्रधानमंत्री ने भारत के जी-20 की अध्यक्षता की मुख्य प्राथमिकताओं के बारे में बताया, जिसमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विकासशील देशों की चिंताओं को आवाज देना शामिल है.' इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर भी चर्चा की.
जेलेंस्की ने कहा कि वह अपने शांति फार्मूले के कार्यान्वयन के लिए भारत की भागीदारी की उम्मीद करते हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बात की और जी-20 की सफल अध्यक्षता की कामना की. इसी मंच पर मैंने शांति फार्मूले की घोषणा की थी और अब मैं इसके कार्यान्वयन में भारत की भागीदारी की उम्मीद करता हूं. मैंने मानवीय सहायता और संयुक्त राष्ट्र में समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया.' फरवरी में संघर्ष शुरू होने के बाद से, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की से भी कई बार बात की है.
चार अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर हुई बातचीत में, मोदी ने कहा कि कोई सैन्य हल नहीं हो सकता है और भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है. भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और वह इस बात पर कायम है कि इस मुद्दे का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें - जेलेंस्की ने अमेरिकी कांग्रेस में कहा कि बाइडेन के साथ बैठक में 10-बिंदुओं वाले 'शांति सूत्र' का प्रस्ताव रखा
(पीटीआई-भाषा)