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एक्सपर्ट ने की भविष्यवाणी, फरवरी में पीक पर होगी ओमीक्रोन के कारण तीसरी लहर

कोरोना का ओमीक्रोन वैरिएंट जिस तेजी से भारत में पैर फैला रहा है, उससे तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है. नैशनल COVID-19 सुपरमॉडल कमेटी ने अनुमान लगाया है कि फरवरी में तीसरी लहर पीक पर होगी. हालांकि दूसरी लहर के मुकाबले मामले कम होंगे.

Omicron driven third wave
Omicron driven third wave
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Published : Dec 18, 2021, 8:29 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 11:23 AM IST

नई दिल्ली : नेशनल COVID-19 सुपरमॉडल कमेटी ने चेतावनी दी है कि नए साल की शुरुआत में ओमीक्रोन के कारण तीसरी लहर आ सकती है. कमेटी के प्रमुख विद्यासागर ने कहा कि लोगों में मौजूद इम्यूनिटी के कारण ओमीक्रोन के कारण आने वाली तीसरी लहर कोरोना की दूसरी लहर से हल्की होगी. मगर तीसरी लहर जरूर आएगी. अगर ओमीक्रोन ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की जगह ली तो कोरोना के मामले बढ़ेंगे. अभी भारत में रोजाना औसतन 7500 केस सामने आ रहे हैं.

आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि जब तीसरी लहर में दूसरी लहर से ज्यादा केस रोजाना आने की आशंका नहीं है. उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की पीक के दौरान रोजाना 1.7 से 1.8 लाख मामले सामने आएंगे, जो दूसरी लहर की आधी है. पैनल के अन्य सदस्य, मनिंदा अग्रवाल ने बताया कि भारत में प्रति दिन एक लाख से दो लाख मामलों की उम्मीद है.

प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि भारत सरकार 1 मार्च से व्यापक तौर से वैक्सीनेशन अभियान चला रही है. अभी तक करीब 85 फीसद व्यस्क वैक्सीन की फर्स्ट डोज ले चुके हैं, जबकि 55 प्रतिशत व्यस्कों को दोनों डोज दिया जा चुका है. यानी अब एक आबादी का बहुत छोटा हिस्सा अभी तक कोरोना के संपर्क में नहीं आया है.

ओमीक्रोन वायरस भारत में कैसा व्यवहार कर रहा है, इसकी जांच नहीं हुई है. ओमीक्रोन वैक्सीनेशन और स्वाभाविक से बनी इम्यूनिटी को कितना नुकसान पहुंचाता है, अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है. प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि ओमीक्रोन का असर दो बातों पर निर्भर करेगा. पहला कोरोना का यह डेल्टा वैरिएंट से मिली इम्यूनिटी को कितना दरकिनार करेगा. दूसरा वैक्सीन से मिली प्रतिरक्षा पर इसका असर कैसा रहेगा.

उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के बाद मेडिकल सेक्टर में तैयारियां बढ़ गई हैं. इसलिए तीसरी लहर के बुरे दौर में भी भारत में प्रति दिन दो लाख से अधिक मामले नहीं होंगे.

(एएनआई इनपुट)

नई दिल्ली : नेशनल COVID-19 सुपरमॉडल कमेटी ने चेतावनी दी है कि नए साल की शुरुआत में ओमीक्रोन के कारण तीसरी लहर आ सकती है. कमेटी के प्रमुख विद्यासागर ने कहा कि लोगों में मौजूद इम्यूनिटी के कारण ओमीक्रोन के कारण आने वाली तीसरी लहर कोरोना की दूसरी लहर से हल्की होगी. मगर तीसरी लहर जरूर आएगी. अगर ओमीक्रोन ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की जगह ली तो कोरोना के मामले बढ़ेंगे. अभी भारत में रोजाना औसतन 7500 केस सामने आ रहे हैं.

आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि जब तीसरी लहर में दूसरी लहर से ज्यादा केस रोजाना आने की आशंका नहीं है. उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की पीक के दौरान रोजाना 1.7 से 1.8 लाख मामले सामने आएंगे, जो दूसरी लहर की आधी है. पैनल के अन्य सदस्य, मनिंदा अग्रवाल ने बताया कि भारत में प्रति दिन एक लाख से दो लाख मामलों की उम्मीद है.

प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि भारत सरकार 1 मार्च से व्यापक तौर से वैक्सीनेशन अभियान चला रही है. अभी तक करीब 85 फीसद व्यस्क वैक्सीन की फर्स्ट डोज ले चुके हैं, जबकि 55 प्रतिशत व्यस्कों को दोनों डोज दिया जा चुका है. यानी अब एक आबादी का बहुत छोटा हिस्सा अभी तक कोरोना के संपर्क में नहीं आया है.

ओमीक्रोन वायरस भारत में कैसा व्यवहार कर रहा है, इसकी जांच नहीं हुई है. ओमीक्रोन वैक्सीनेशन और स्वाभाविक से बनी इम्यूनिटी को कितना नुकसान पहुंचाता है, अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है. प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि ओमीक्रोन का असर दो बातों पर निर्भर करेगा. पहला कोरोना का यह डेल्टा वैरिएंट से मिली इम्यूनिटी को कितना दरकिनार करेगा. दूसरा वैक्सीन से मिली प्रतिरक्षा पर इसका असर कैसा रहेगा.

उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के बाद मेडिकल सेक्टर में तैयारियां बढ़ गई हैं. इसलिए तीसरी लहर के बुरे दौर में भी भारत में प्रति दिन दो लाख से अधिक मामले नहीं होंगे.

(एएनआई इनपुट)

Last Updated : Dec 22, 2021, 11:23 AM IST
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