ग्वालियर। मध्यप्रदेश में ट्रांसजेंडर को आरक्षण देने का फैसला शिवराज सरकार के गले की फांस बन गया है. ओबीसी महासभा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अपने हक और सम्मान ले लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेंगे. विधानसभा चुनावों में ट्रांसजेंडर्स के वोट पक्के करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा की गई घोषणा और निर्णय से प्रदेश में होने वाले आगामी चुनावों में बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है.
राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी: प्रदेश सरकार ने ट्रांसजेंडर को आरक्षण देने का निर्णय लिया है. यह आरक्षण उन्हें ओबीसी कोटे से देने का प्रावधान किया है. इस घोषणा के खिलाफ ओबीसी समाज में अभी से विरोध के स्वर उठने लगे हैं. ओबीसी समाज के अपमान की संज्ञा दी जा रही है. राष्ट्रीय ओबीसी महासभा ने चेतावनी दी है कि किन्नरों के साथ ओबीसी को शामिल करने का फैसला सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वापस नहीं लिया तो ओबीसी अपने मान सम्मान की रक्षा के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगी. एक बार फिर बीजेपी का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा सामने आ गया है.
ओबीसी वर्ग का अपमान: एमपी में सबसे अधिक 52 फीसदी ओबीसी है. जबकि देश में सबसे कम 14 फीसदी आरक्षण प्रदेश में ही मिल रहा है. अब 30 हजार ट्रांसजेंडर्स को भी इसी में से आरक्षण देकर हमारा ही हक मारने का प्रयास है, हालांकि हम ट्रांसजेंडर के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि वे भी समाज का हिस्सा हैं, लेकिन इस निर्णय के जरिये शिवराज सरकार ने ओबीसी को किन्नरों से जोड़कर ओबीसी वर्ग का अपमान किया है. अगर सरकार अपना आदेश तत्काल वापस नहीं लेती तो हम सड़क से लेकर संसद तक अपने सम्मान और शिवराज सरकार की विदाई तक लड़ेंगे. इसका बदला वह आगामी विधानसभा चुनाव में लेकर रहेंगे. यही कारण है कि ओबीसी महासभा ने गुरुवार को बैठक बुलाई है. इस बैठक में सरकार को सड़क से लेकर संसद घेरने की रणनीति बनाई जाएगी. ओबीसी महासभा के कोर कमेटी के सदस्य धर्मेंद्र कुशवाह का कहना है कि शिवराज सरकार ने ओबीसी वर्ग की तुलना किन्नरों से की है. यही कारण है कि पूरा ओबीसी वर्ग एकजुट होकर शिवराज सरकार को सबक सिखाने की प्लानिंग कर रहा है.
ओबीसी के समर्थन में कांग्रेस: वहीं इस आरक्षण को लेकर कांग्रेसी ओबीसी महासभा के समर्थन में उतर आई है. कांग्रेस के प्रदेश मीडिया उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि शिवराज सरकार अब ओबीसी वर्ग को भी गुमराह करने में लगी है. जिस तरीके से ट्रांसजेंडर को ओबीसी आरक्षण में शामिल किया है. कहीं ना कहीं ओबीसी वर्ग के हिस्से में कटौती की गई है. सरकार को ट्रांसजेंडरों के लिए अलग से श्रेणी बनाकर आरक्षण देना चाहिए, लेकिन शिवराज सरकार ओबीसी विरोधी सरकार है. हम उनके साथ खड़े हैं.
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ट्रांसजेंडर्स को ओबीसी आरक्षण का लाभ: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सोमवार को फैसला लिया है कि प्रदेश के सभी ट्रांसजेंडर्स को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. उन्हें यह लाभ ओबीसी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में से दिया जाएगा. इस घोषणा के बाद से ही ओबीसी वर्ग में इसके खिलाफ लामबंदी शुरू हो गई थी, लेकिन मंगलवार को सोशल मीडिया पर इस निर्णय के खिलाफ ओबीसी महासभा खुलकर सामने आ गयी है.
फैसले पर क्या बोलीं किन्नर गुरू सुरैया: वहीं इस फैसले के बाद किन्नर गुरू सुरैया नायक ने कहा है कि यदि हम नौकरी करने लगेंगे, तो दुआएं कौन देगा. बच्चों के लिए तरसने वाली महिलाओं की गोद कौन भरेगा. ईश्वर ने हमें दूसरों को दुआएं देने के लिए ही भेजा है, वही हमारा काम है. वे कहती हैं कि वैसे भी समाज में बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर युवक घूम रहे हैं. उनमें कई ऐसे हैं, जिनकी दो से तीन छोटी बहनें हैं, पहले सरकार उन्हें नौकरी दे. हमसे ज्यादा उन्हें नौकरी की जरूरत है.