ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड में बंदर और लंगूरों की संख्या में आई रिकॉर्ड कमी, जानिए वजह

उत्तराखंड में बंदर और लंगूरों की संख्या में बड़ी कमी देखने को मिली है. वन विभाग द्वारा बंदरों और लंगूरों की प्रदेश भर में गणना की गई थी. इसमें पाया गया कि साल 2015 के मुकाबले साल 2021 में हजारों बंदरों की संख्या में कमी (Number of monkeys decreased in Uttarakhand) देखने को मिली है.

Record reduction in the number of monkeys and langurs in Uttarakhand
उत्तराखंड में बंदर और लंगूरों की संख्या में आई रिकॉर्ड कमी
author img

By

Published : Apr 29, 2022, 3:30 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बंदरों और लंगूरों की संख्या में बड़ी कमी देखने को मिली है. वन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बंदरों और लंगूरों की संख्या में 2015 के मुकाबले साल 2021 में बंदरों की संख्या में 24.55 फीसदी की कमी आई है, जबकि लंगूरों में 31.14 फीसदी की कमी देखने को मिली है.

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि उत्तराखंड में बंदर और लंगूर खेती के लिए हमेशा एक बड़ा संकट रहे हैं. किसानों की तरफ से भी लगातार खेती में बंदरों द्वारा नुकसान किए जाने की शिकायत की जाती रही है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार की तरफ से बंदरों की संख्या को कम करने के लिए नसबंदी (sterilization of monkeys) अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के बाद साल 2015 की तुलना में 2021 के दौरान बंदरों और लंगूरों की संख्या में हजारों की कमी आई है.

उत्तराखंड में तेजी से कम हुए बंदर-लंगूर.

वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) ने बताया कि 1780 वन कर्मियों ने मिलकर बंदरों और लंगूरों की गणना की है. साल 2021 में हुई गणना में बंदरों की संख्या 1,10,481 और लंगूरों की संख्या 37,735 दर्ज की गई. जबकि साल 2015 में बंदरों की संख्या 1,46,432 थी, जबकि लंगूरों की संख्या 54,804 थी. कुल मिलाकर बंदरों की संख्या में 24.55 फीसदी की कमी आई है, जबकि लंगूरों में 31.14 फीसदी की कमी देखने को मिली है.

कहां कितने बंदर
कहां कितने बंदर

वन मंत्री ने बताया कि विभाग की तरफ से भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India) के फॉर्मूले के आधार पर बंदरों की गणना की गई है. नसबंदी अभियान के बाद से अच्छी बात यह है कि काफी बड़ी संख्या में बंदर और लंगूर की संख्या में कमी पाई गई है. उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 42,761 बंदरों और लंगूरों की नसबंदी गई है, जिसमें 23,768 नर बंदर और 18,993 मादा बंदर शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - जानिए कहां बंदरों की आएगी शामत, 'लंगूरों से होगा मुकाबला

इसके साथ वन विभाग प्रदेश में दो बंदर वन बनाने जा रहा है. एक बंदर वन केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (Central Zoo Authority of India) द्वारा हल्द्वानी में 107 हेक्टेयर में बनाया जा रहा है. दूसरा हरिद्वार में 25 हेक्टेयर में बंदर वन बनाया जाना प्रस्तावित है. ऐसा होने से बंदरों की संख्या को तेजी से कम किया जा सकेगा.

देहरादून: उत्तराखंड में बंदरों और लंगूरों की संख्या में बड़ी कमी देखने को मिली है. वन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बंदरों और लंगूरों की संख्या में 2015 के मुकाबले साल 2021 में बंदरों की संख्या में 24.55 फीसदी की कमी आई है, जबकि लंगूरों में 31.14 फीसदी की कमी देखने को मिली है.

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि उत्तराखंड में बंदर और लंगूर खेती के लिए हमेशा एक बड़ा संकट रहे हैं. किसानों की तरफ से भी लगातार खेती में बंदरों द्वारा नुकसान किए जाने की शिकायत की जाती रही है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार की तरफ से बंदरों की संख्या को कम करने के लिए नसबंदी (sterilization of monkeys) अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के बाद साल 2015 की तुलना में 2021 के दौरान बंदरों और लंगूरों की संख्या में हजारों की कमी आई है.

उत्तराखंड में तेजी से कम हुए बंदर-लंगूर.

वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) ने बताया कि 1780 वन कर्मियों ने मिलकर बंदरों और लंगूरों की गणना की है. साल 2021 में हुई गणना में बंदरों की संख्या 1,10,481 और लंगूरों की संख्या 37,735 दर्ज की गई. जबकि साल 2015 में बंदरों की संख्या 1,46,432 थी, जबकि लंगूरों की संख्या 54,804 थी. कुल मिलाकर बंदरों की संख्या में 24.55 फीसदी की कमी आई है, जबकि लंगूरों में 31.14 फीसदी की कमी देखने को मिली है.

कहां कितने बंदर
कहां कितने बंदर

वन मंत्री ने बताया कि विभाग की तरफ से भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India) के फॉर्मूले के आधार पर बंदरों की गणना की गई है. नसबंदी अभियान के बाद से अच्छी बात यह है कि काफी बड़ी संख्या में बंदर और लंगूर की संख्या में कमी पाई गई है. उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 42,761 बंदरों और लंगूरों की नसबंदी गई है, जिसमें 23,768 नर बंदर और 18,993 मादा बंदर शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - जानिए कहां बंदरों की आएगी शामत, 'लंगूरों से होगा मुकाबला

इसके साथ वन विभाग प्रदेश में दो बंदर वन बनाने जा रहा है. एक बंदर वन केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (Central Zoo Authority of India) द्वारा हल्द्वानी में 107 हेक्टेयर में बनाया जा रहा है. दूसरा हरिद्वार में 25 हेक्टेयर में बंदर वन बनाया जाना प्रस्तावित है. ऐसा होने से बंदरों की संख्या को तेजी से कम किया जा सकेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.