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भारत में बढ़ेगी ड्रोन पायलटों की संख्या, सर्टिफिकेशन प्रक्रिया में बदलाव

भारत में अधिक से अधिक ड्रोन का निर्माण हो, इसके लिए सरकार ने अपनी नीति में परिवर्तन किया है. अधिक से अधिक ड्रोन पालयटों की संख्या बढ़े, इसके लिए भी सर्टिफिकेशन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों और किसानों से बात की. पेश है वरिष्ठ संवाददाता सौरभा शर्मा की एक रिपोर्ट. (use of drones in agriculture).

drones, concept photo
ड्रोन, कॉन्सेप्ट फोटो
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Published : May 17, 2022, 5:54 PM IST

नई दिल्ली : कृषि क्षेत्र में ड्रोन नीति का किस तरह से बेहतर उपयोग हो सकता है, इसे लेकर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियाा ने किसानों और नवोदित एंट्रेप्रेन्योर से बात की. उन्होंने कहा कि भारत अब बदल रहा है और नई तकनीक के प्रयोग से हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने ड्रोन तकनीक पर विस्तार से चर्चा की. (use of drones in agriculture).

जब उनसे ड्रोन स्कूलों की संख्या और उनके द्वारा वसूली जाने वाली मोटी फीस पर ध्यान दिलाया गया, तो उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या बढ़ने वाली है, तो जाहिर तौर पर उनकी फीस भी घटेगी. सिंधिया ने कहा, 'अभी ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए 23 डायरेक्टॉरेट जनरल सिविल एविएशन सर्टिफाइड स्कूल हैं. अगले चार से पांच महीने में इन स्कूलों की संख्या बढ़ने वाली है. मैं आपको भरोसा दे सकता हूं कि फीस भी घटेगी.'

उन्होंने आगे कहा कि हमने 12 मंत्रालयों को उनके कामकाज के लिए ड्रोन का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि ड्रोन का खेती, भू-सर्वेक्षण और खनन सर्वे में एरिया की मैपिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है. कोरोना के समय में ड्रोन ने किस तरह से भूमिका निभाई, इसके बारे में बताते हुए सिंधिया ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों में इसके जरिए ही वैक्सीन शीघ्रता से पहुंचाई गई थी. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि इसका कितना महत्व और कितनी उत्पादकता है.

सिंधिया ने कहा कि भारत तकनीक के क्षेत्र में पीएम मोदी की दूरगामी सोच के आधार पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत अब किसी का पिछलग्गू नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का नेतृत्व करते हुए दिख रहा है, जैसा कि पहले के समय में था. सिंधिया ने कहा कि देश को अधिक से अधिक ड्रोन पायलट की जरूरत है, इसलिए सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'अब डीजीसीए सिर्फ ड्रोन स्कूल के लिए सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे. और यह स्कूल पायलट को सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे. हमने इससे संबंद्ध नौकरशाही की प्रक्रिया को हटा दिया है.'

भारत में ड्रोन उत्पादन को बढा़ने के लिए इस महीने मंत्रालय ने पीएलआई स्कीम के लिए दूसरी बार आवेदन प्रक्रिया की शुरूआत की है. कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में प्रयुक्त होने वाले ड्रोन बनाने वालों को सरकार सब्सिडी भी प्रदान कर रही है. इस कार्यक्रम में कुछ किसानों और इंजीनियरों ने ड्रोन के जरिए समय बचत का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा कि पेस्टिसाइड्स छिड़काव में पहले काफी समय लग जाता था, साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी खतरा रहता था, लेकिन ड्रोन ने इन कमियों को दूर कर दिया है.

ये भी पढे़ं : अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरंग रोधी और ड्रोन रोधी गतिविधियों को नियमित करें : एडीजीपी जम्मू

नई दिल्ली : कृषि क्षेत्र में ड्रोन नीति का किस तरह से बेहतर उपयोग हो सकता है, इसे लेकर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियाा ने किसानों और नवोदित एंट्रेप्रेन्योर से बात की. उन्होंने कहा कि भारत अब बदल रहा है और नई तकनीक के प्रयोग से हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने ड्रोन तकनीक पर विस्तार से चर्चा की. (use of drones in agriculture).

जब उनसे ड्रोन स्कूलों की संख्या और उनके द्वारा वसूली जाने वाली मोटी फीस पर ध्यान दिलाया गया, तो उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या बढ़ने वाली है, तो जाहिर तौर पर उनकी फीस भी घटेगी. सिंधिया ने कहा, 'अभी ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए 23 डायरेक्टॉरेट जनरल सिविल एविएशन सर्टिफाइड स्कूल हैं. अगले चार से पांच महीने में इन स्कूलों की संख्या बढ़ने वाली है. मैं आपको भरोसा दे सकता हूं कि फीस भी घटेगी.'

उन्होंने आगे कहा कि हमने 12 मंत्रालयों को उनके कामकाज के लिए ड्रोन का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि ड्रोन का खेती, भू-सर्वेक्षण और खनन सर्वे में एरिया की मैपिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है. कोरोना के समय में ड्रोन ने किस तरह से भूमिका निभाई, इसके बारे में बताते हुए सिंधिया ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों में इसके जरिए ही वैक्सीन शीघ्रता से पहुंचाई गई थी. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि इसका कितना महत्व और कितनी उत्पादकता है.

सिंधिया ने कहा कि भारत तकनीक के क्षेत्र में पीएम मोदी की दूरगामी सोच के आधार पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत अब किसी का पिछलग्गू नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का नेतृत्व करते हुए दिख रहा है, जैसा कि पहले के समय में था. सिंधिया ने कहा कि देश को अधिक से अधिक ड्रोन पायलट की जरूरत है, इसलिए सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'अब डीजीसीए सिर्फ ड्रोन स्कूल के लिए सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे. और यह स्कूल पायलट को सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे. हमने इससे संबंद्ध नौकरशाही की प्रक्रिया को हटा दिया है.'

भारत में ड्रोन उत्पादन को बढा़ने के लिए इस महीने मंत्रालय ने पीएलआई स्कीम के लिए दूसरी बार आवेदन प्रक्रिया की शुरूआत की है. कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में प्रयुक्त होने वाले ड्रोन बनाने वालों को सरकार सब्सिडी भी प्रदान कर रही है. इस कार्यक्रम में कुछ किसानों और इंजीनियरों ने ड्रोन के जरिए समय बचत का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा कि पेस्टिसाइड्स छिड़काव में पहले काफी समय लग जाता था, साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी खतरा रहता था, लेकिन ड्रोन ने इन कमियों को दूर कर दिया है.

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