हरिद्वार: मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद आज शनिवार 6 जनवरी को पहली बार एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचे, जहां निरंजनी अखाड़े ने सीएम मोहन यादव का सम्मान किया और उन्हें सनातन भूषण सम्मान से नवाजा.
निरंजनी अखाड़ा परिसर में हुए इस सम्मान समारोह में बड़ी संख्या में संतों और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शिरकत की थी. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी साधु-संतों को मध्य प्रदेश के उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ मेले के लिए आमंत्रण दिया.
पढ़ें- उत्तराखंड से अयोध्या के लिए शुरू होंगी बस सेवाएं, पर्वतीय क्षेत्रों की पुरानी बसें भी होंगी रिप्लेस
वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव बहुत आध्यात्मिक व्यक्ति है. इसीलिए पूरा सनातनी संत समाज सीएम यादव को अपना आशीर्वाद और साधुवाद देता है. अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज का कहना है कि इस समय अपने आप को मीडिया में बनाने रखने के लिए कुछ लोग प्रभु राम, भगवान कृष्ण और सनातन के बारे में अनाप-शनाप बयान दे रहे है. इसीलिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने तय किया है कि ऐसे लोगों को तनखैया घोषित किया जाए.
यहां बता दें कि सिख धर्म के अनुसार तनखैया का मतलब धार्मिक दुराचार का दोषी होता है. यदि कोई भी सिख धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे सिख संगत के समक्ष उपस्थित होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांगनी होती है. इसके बाद सिख संगत अपने हिसाब से दोषी तो दंड तय तय करती है.
पढ़ें- उत्तराखंड सचिवालय में गूंजा 'राम आएंगे' भजन, बैठक से पहले भक्तिमय दिखे धामी, PM मोदी ने किया है शेयर
श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज का कहना है कि राम मंदिर के खिलाफ बयानबाजी करने वालों को भी तनखैया घोषित कर देना चाहिए और ऐसे लोगों से एक दिन मंदिर में सेवा करानी चाहिए, उसी के बाद इस तरह के लोगों को राम मंदिर दर्शन के लिए जाने के देने की अनुमति देनी चाहिए. इसको लेकर वो पूरे देश में अभियान चलाएंगे.
श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि यदि ऐसे लोगों को सजा दी जाएगी तो वो भविष्य में कोई भी कभी भगवान राम को विरोध नहीं करेंगे. श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज का कहना है कि देखने में आ रहा है कि कई संत भी इस समय प्रधानमंत्री मोदी और सनातन का विरोध कर रहे है, ऐसे संतों को बायलाज में लाना बहुत जरूरी है.
श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज का कहना है कि जितने भी संत राम विरोध और मोदी का विरोध कर रहे है, भगवान कृष्ण का विरोध करते है, उनका समाज के बहिष्कार करना बहुत जरूरी है.