भोपाल। एमपी के जबलपुर में 15 दिन पहले यदि NIA ने छापा मारकर ISIS से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार नहीं किया होता तो शायद जबलपुर में एक बड़ा धमाका हो चुका होता. ये खुलासा एनआईए की पूछताछ में हुआ है. दरअसल एनआईए ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद तीसरी बार भोपाल स्थित एनआईए स्पेशल कोर्ट में पेश किया. यहां से इन तीनों को 30 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया गया है. अब यदि कोई भी पूछताछ करनी होगी तो ज्यूडिशियल कस्टडी में ही हो सकेगी लेकिन इसके पहले जो पूछताछ हुई उसमें एक बड़ा खुलासा यह हुआ है कि तीनों ही आरोपी मिलकर जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में एक बड़े धमाके की तैयारी में थे. न केवल ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बल्कि कई और सुरक्षा से जुड़े संस्थान इन तीनों के निशाने पर थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री, आयुध फैक्ट्री खमरिया, ग्रे आयरन फाउंड्री व व्हीकल फैक्ट्री में भी धमाके की तैयारी थी हालांकि अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि यह तीनों किस तकनीक के माध्यम से धमाके करने की तैयारी में थे और इनका विस्फोटक कहां से आना था.
थ्री लेयर सुरक्षा में पेश किया: एनआईए ने जबलपुर से जिन तीन आरोपियों को 27 मई को गिरफ्तार किया था. उनमें सैयद महमूद अली कामा मोहम्मद आदिल खान व मोहम्मद शाहिद शामिल है. तीनों को ही कोर्ट में पेश करने के लिए 3 लेयर सिक्योरिटी बनाई गई थी. कोर्ट में किस समय पेश किया जाना है यह जानकारी लोकल थाने को ही नहीं दी गई. एनआईए के कमांडो की निगरानी में इन्हें कोर्ट तक लाया गया. चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल की श्रीमती रीना वर्मा ने बताया कि अगली पेशी 8 जुलाई को है तब तक तीनों भोपाल के सेंट्रल जेल में रहेंगे.
ISIS से पहले कनेक्शन आदिल खान का हुआ था हिंदू संगठन थे निशाने पर: नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (national investigation agency) ने तीनों संदिग्धों के खिलाफ भादवि की धारा 120 बी, 95A और 16, 17, 18 के अंतर्गत मामला दर्ज्र किया गया है. इसी के तहत इन्हें गिरफ्तार किया है। इनके ऊपर आरोप है कि इनके द्वारा हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं. धर्म के खिलाफ की गई कमेंट का यह लोग व्हाटस एप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम आदि पर प्रसार करते थे. इनके पास से तलाशी के दौरान भारी मात्रा में धारदार हथियार, गोला-बारूद (प्रतिबंधित बोर सहित), आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए.
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भारत में हिंसक वारदात कराने की फिराक में थे संदिग्ध: अगस्त 2022 में मोहम्मद आदिल खान का कनेक्शन आईएसआईएस से जुड़ा मिला था. इसके खिलाफ आईएसआईएस के समर्थन में गतिविधियां करने का मामला एनआईए ने 24 मई को दर्ज किया था. वहीं सैयद मामूर अली ने 'फिसाबिलिल्लाह' के नाम से एक स्थानीय समूह/तंजीम बनाया था और इसी नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी संचालित कर रहा था. वह अपने साथियों के साथ पिस्तौल खरीदने की कोशिश कर रहा था और इस उद्देश्य के लिए जबलपुर स्थित एक अवैध हथियार सप्लायर के संपर्क में था. आदिल ने जबलपुर में अपने जैसी कट्टरपंथी विचार वाले युवाओं का एक समूह तैयार कर लिया था. भारत में हिंसक वारदात कराने की फिराक में था. आदिल ने युवाओं को जोड़ने के लिए और आईएसआईएस में भर्ती करने के लिए कई सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर कई चैनल बनाकर रखे थे. यह चैनल यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाटसएप पर चलाता था. वहीं शाहिद ने पिस्तौल तक खरीदने की तैयारी कर ली थी. यहां तक कि ग्रेनेड और आईईडी भी खरीदने की फिराक में थे.