नई दिल्ली: भारत के ग्रामीण इलाकों में पिछले ढाई वर्षों में नल से घरों में पानी पहुंचाने का दायरा काफी बढ़ा है. इस दौरान यह आंकड़ा 17 प्रतिशत से बढ़कर 47% से अधिक हो गया है. इस तरह नल का पानी प्राप्त करने वाले ग्रामीण परिवारों की संख्या 9 करोड़ से अधिक पहुंच गई है. यह जानकारी सरकार ने दी है.
राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में, जल शक्ति राज्य मंत्री, प्रह्लाद सिंह पटेल ने सदस्यों को बताया कि देश में 18.93 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से लगभग आधे, 9.16 करोड़ ग्रामीण परिवार तक नल से पानी पहुंचायी जाती है, जो कुल ग्रामीण परिवारों का 47.42% है. भारत सरकार ने अगस्त, 2019 से राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन (JJM) - हर घर जल योजना को लागू की है, ताकि 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन गुणवत्तापूर्ण (बीआईएस: 10500) जल नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके.
केंद्र सरकार योजना के कुल परिव्यय का लगभग 58% वहन करेगी. केंद्र सरकार कुल 3.60 लाख करोड़ रुपये में से 2.08 लाख करोड़ रुपये देगी, जबकि बाकी हिस्सा राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत राज्यों के साथ साझेदारी में, केंद्र ने देश में जल आपूर्ति और स्वच्छता प्रणाली में सुधार पर 8 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है.
19 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पानी
2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत की 1.21 अरब की कुल आबादी का 69% ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहा था. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि देश के लगभग 19 करोड़ (18.93 करोड़) ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के समय नल के पानी का पहुंच था.
योजना के शुरू होने के 30 महीनों के भीतर, ग्रामीण घरों में नल के पानी का कवरेज 5.93 करोड़ ग्रामीण घरों में बढ़ गया है. हालांकि, इस बीच ग्रामीण परिवारों की संख्या भी 18.93 करोड़ से बढ़कर 19.31 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंच गई है. जल शक्ति मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 30 महीनों में 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों के मुकाबले 9.16 करोड़ ग्रामीण घरों तक नल से पानी की पहुंच हो गयी है.
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केंद्र ने ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता का दायरा बढ़ाने के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए राज्यों के साथ विस्तृत दिशा-निर्देश साझा किए हैं. इनमें ग्राम पंचायतों (ग्राम कांग्रेस) और वीडब्ल्यूएससी (VWSCs) को ग्रामीण परिवारों, आंगनवाड़ी केंद्रों, आश्रम और स्कूलों सहित अन्य लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश दिये गये हैं.