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नागपुर से निर्वासित व्यक्ति तालिबान में शामिल हुआ, बंदूक थामे तस्वीर सामने आई: पुलिस

भारत में अवैध रूप से रह रहे जिस अफगानी नागरिक को इस साल नागपुर से निर्वासित किया गया था, वह तालिबान में शामिल हो गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह शहर के डिगोरी इलाके में किराए के एक मकान में रहता था. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की. अंतत: उसे पकड़कर 23 जून को अफगानिस्तान निर्वासित कर दिया गया.

नागपुर से निर्वासित व्यक्ति तालिबान में शामिल हुआ
नागपुर से निर्वासित व्यक्ति तालिबान में शामिल हुआ
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Published : Aug 20, 2021, 4:34 PM IST

नागपुर : भारत में अवैध रूप से रह रहे जिस अफगानी नागरिक को इस साल नागपुर से निर्वासित किया गया था, वह तालिबान में शामिल हो गया है और राइफल थामे उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

तालिबान ने रविवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद काबुल पहुंचकर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था.

अधिकारी ने कहा, 'नूर मोहम्मद अजीज मोहम्मद (30) बीते दस साल से अवैध रूप से नागपुर में रह रहा था. वह शहर के डिगोरी इलाके में किराए के एक मकान में रहता था. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की. अंतत: उसे पकड़कर 23 जून को अफगानिस्तान निर्वासित कर दिया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि वह निर्वासन के बाद तालिबान में शामिल हो गया. बंदूक थामे उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है.'

इससे पहले, जांच के दौरान पुलिस ने पाया था कि वह 2010 में छह महीने के पर्यटक वीजा पर नागपुर आया था. बाद में उसने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में शरणार्थी का दर्जा देने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसका आवेदन खारिज कर दिया गया. उसकी अपील को यूएनएचआरसी ने भी ठुकरा दिया. तब से वह नागपुर में अवैध रूप से रह रहा था.

पढ़ें- तालिबान ने महिला पत्रकारों से कहा- तुम महिला हो, घर जाओ, पढ़ें खबर

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि नूर मोहम्मद का असली नाम अब्दुल हक है और उसका भाई तालिबान के साथ काम करता था. पिछले साल नूर ने धारदार हथियार के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था.

नागपुर : भारत में अवैध रूप से रह रहे जिस अफगानी नागरिक को इस साल नागपुर से निर्वासित किया गया था, वह तालिबान में शामिल हो गया है और राइफल थामे उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

तालिबान ने रविवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद काबुल पहुंचकर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था.

अधिकारी ने कहा, 'नूर मोहम्मद अजीज मोहम्मद (30) बीते दस साल से अवैध रूप से नागपुर में रह रहा था. वह शहर के डिगोरी इलाके में किराए के एक मकान में रहता था. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की. अंतत: उसे पकड़कर 23 जून को अफगानिस्तान निर्वासित कर दिया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि वह निर्वासन के बाद तालिबान में शामिल हो गया. बंदूक थामे उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है.'

इससे पहले, जांच के दौरान पुलिस ने पाया था कि वह 2010 में छह महीने के पर्यटक वीजा पर नागपुर आया था. बाद में उसने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में शरणार्थी का दर्जा देने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसका आवेदन खारिज कर दिया गया. उसकी अपील को यूएनएचआरसी ने भी ठुकरा दिया. तब से वह नागपुर में अवैध रूप से रह रहा था.

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एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि नूर मोहम्मद का असली नाम अब्दुल हक है और उसका भाई तालिबान के साथ काम करता था. पिछले साल नूर ने धारदार हथियार के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था.

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