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MP Rahmat Bano Story: तीसरी संतान होने पर सजा, रहमत बानो की छूटी नौकरी, कोर्ट पहुंचा मामला

मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले में एक मां को सिर्फ इसलिए अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा क्योंकि उसके तीन बच्चे हैं. सिविल सेवा नियम 2001 के तहत कार्रवाई करते हुए रहमत बानो को टीचर की नौकरी से निकाल दिया गया. जबकि रहमत बानो का आरोप है कि संस्थान में और भी महिलाएं हैं, जिनके 4 बच्चे हैं, लेकिन सिर्फ उन्हें ही टारगेट किया गया.

MP Rahmat Bano Story
तीसरा बच्चा होने पर सजा
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Published : Jun 13, 2023, 6:29 PM IST

रहमत बानो की छूटी नौकरी

भोपाल। रहमत बानो के लिए मां बनना न रुतबा है और न खुशी का मौका है. मां है तो अपने तीसरे बच्चे को मुसीबत भी नहीं कह सकती, लेकिन आगर-मालवा की रहने वाली सरकारी स्कूल की इस टीचर को तीसरी औलाद की वजह से अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. रहमत की सेवाएं सिविल सेवा नियम के 2001 के उस नियम के तहत गई है, जिसमें कोई भी उम्मीदवार जिसके दो या अधिक जीवित संतान हैं. जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके पश्चात हुआ है. किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा. रहमत को नियम की जानकारी थी, लेकिन उनका कहना है कि जब तक उन्हें प्रैग्नेंसी का पता चला तब अर्बाशन करवाने में जान का जोखिम था. रहमत बानो का आरोप ये भी है कि उसके ही विद्यालय में तीन संतानों की इस शर्त को तोड़ते हुए कई और कर्मचारी कार्यकरत हैं, लेकिन गाज सिर्फ उस पर ही गिरी है.

MP Rahmat Bano Story
रहमत बानो पर हुई कार्रवाई के दस्तावेज

मां ना बनती तो बच जाती नौकरी: आगर-मालवा जिले के बीजा नगरी के शासकीय मिडिल स्कूल में रहमत बानो मंसूरी टीचर थी. रहमत यहां कैमिस्ट्री की टीचर थी. 2003 में संविदा वर्ग-2 में वे शासकीय नौकरी में आई थी. वे तीन बच्चों की मां हैं. जिनमें पहली बेटी रहनुमा 2000 में हुई. उसके बाद दूसरा बेटा मुशाहिद 2006 में हुआ और तीसरा बेटा मोहम्मद मुशर्रफ 2009 में पैदा हुआ. तीसरे बेटे को जन्म देना ही रहमत को भारी पड़ गया. रहमत बताती हैं मुझे तीसरे बच्चे को लेकर 2001 का जो सरकारी प्रावधान है. उस नियम की पूरी जानकारी थी, लेकिन जब तुक मुझे पता चला, तब तक काफी देर हो चुकी थी. रहमत कहती हैं मैंने अर्बाशन के बारे में भी सोचा. डॉक्टर से भी बात की, लेकिन डॉक्टर ने इसमें मेरी और बच्चे की जान को खतरा बताया. इसी के बाद मुझे हारकर बच्चे को जन्म देने का फैसला लेना पड़ा.

MP Rahmat Bano Story
रहमत बानो द्वारा की गई शिकायत की कॉपी

यहां पढ़ें...

क्यों गई मां बनने पर नौकरी: मध्यप्रदेश राजपत्र प्राधिकार में प्रकाशित सिविल सेवा नियम 1961 नियम-6 में संशोधित प्रावधान का पालन नहीं किए जाने पर रहमत को एमपी सिविल सेवा नियम 1966 के नियम -10(9) के तहत सेवा से दण्डित किए जाने के आदेश जारी किए गए. गौरतलब है कि इस प्रावधान में कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक जीवित संतान है. जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके पश्चात हुआ है. किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा. इसी क्राइटेरिया में रहमत की सेवाएं समाप्त की गई हैं. शिकायत 2020 में की गई थी, जिस पर कार्रवाई अब हुई है.

MP Rahmat Bano Story
MP Rahmat Bano Story

मां अब कोर्ट से मांगेगी इंसाफ: रहमत बानो अब इस पूरे मामले को कोर्ट लेकर जा रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में रहमत ने कहा कि मेरी नौकरी को 20 वर्ष हो चुके हैं. 44 साल की उम्र में मरी सेवा समाप्त कर दी गई है, मैं कहां जाऊंगी. 2003 में जब मैं नौकरी में आई थी, तब मेरी एक ही संतान थी. तीसरी संतान का नियम मुझे पता था, लेकिन अबार्शन में मेरी और बच्चे की जान जा सकती थी. क्या मां बनना इतना बड़ा गुनाह है. जबकि मेरे ही विभाग में चार बच्चों वालों की मांए भी नौकरी कर रही हैं. सवाल ये है कि मुझे ही क्यों टारगेट किया गया. संगठनों को शिक्षकों के हक में आना चाहिए. मैंने एमएससी केमिस्ट्री के साथ एमए और बीएड किया. सिर्फ मां बनना इतना बड़ा गुनाह हो गया कि मेरी रोजी रोटी छीन ली जाए.

रहमत बानो की छूटी नौकरी

भोपाल। रहमत बानो के लिए मां बनना न रुतबा है और न खुशी का मौका है. मां है तो अपने तीसरे बच्चे को मुसीबत भी नहीं कह सकती, लेकिन आगर-मालवा की रहने वाली सरकारी स्कूल की इस टीचर को तीसरी औलाद की वजह से अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. रहमत की सेवाएं सिविल सेवा नियम के 2001 के उस नियम के तहत गई है, जिसमें कोई भी उम्मीदवार जिसके दो या अधिक जीवित संतान हैं. जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके पश्चात हुआ है. किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा. रहमत को नियम की जानकारी थी, लेकिन उनका कहना है कि जब तक उन्हें प्रैग्नेंसी का पता चला तब अर्बाशन करवाने में जान का जोखिम था. रहमत बानो का आरोप ये भी है कि उसके ही विद्यालय में तीन संतानों की इस शर्त को तोड़ते हुए कई और कर्मचारी कार्यकरत हैं, लेकिन गाज सिर्फ उस पर ही गिरी है.

MP Rahmat Bano Story
रहमत बानो पर हुई कार्रवाई के दस्तावेज

मां ना बनती तो बच जाती नौकरी: आगर-मालवा जिले के बीजा नगरी के शासकीय मिडिल स्कूल में रहमत बानो मंसूरी टीचर थी. रहमत यहां कैमिस्ट्री की टीचर थी. 2003 में संविदा वर्ग-2 में वे शासकीय नौकरी में आई थी. वे तीन बच्चों की मां हैं. जिनमें पहली बेटी रहनुमा 2000 में हुई. उसके बाद दूसरा बेटा मुशाहिद 2006 में हुआ और तीसरा बेटा मोहम्मद मुशर्रफ 2009 में पैदा हुआ. तीसरे बेटे को जन्म देना ही रहमत को भारी पड़ गया. रहमत बताती हैं मुझे तीसरे बच्चे को लेकर 2001 का जो सरकारी प्रावधान है. उस नियम की पूरी जानकारी थी, लेकिन जब तुक मुझे पता चला, तब तक काफी देर हो चुकी थी. रहमत कहती हैं मैंने अर्बाशन के बारे में भी सोचा. डॉक्टर से भी बात की, लेकिन डॉक्टर ने इसमें मेरी और बच्चे की जान को खतरा बताया. इसी के बाद मुझे हारकर बच्चे को जन्म देने का फैसला लेना पड़ा.

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रहमत बानो द्वारा की गई शिकायत की कॉपी

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क्यों गई मां बनने पर नौकरी: मध्यप्रदेश राजपत्र प्राधिकार में प्रकाशित सिविल सेवा नियम 1961 नियम-6 में संशोधित प्रावधान का पालन नहीं किए जाने पर रहमत को एमपी सिविल सेवा नियम 1966 के नियम -10(9) के तहत सेवा से दण्डित किए जाने के आदेश जारी किए गए. गौरतलब है कि इस प्रावधान में कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक जीवित संतान है. जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके पश्चात हुआ है. किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा. इसी क्राइटेरिया में रहमत की सेवाएं समाप्त की गई हैं. शिकायत 2020 में की गई थी, जिस पर कार्रवाई अब हुई है.

MP Rahmat Bano Story
MP Rahmat Bano Story

मां अब कोर्ट से मांगेगी इंसाफ: रहमत बानो अब इस पूरे मामले को कोर्ट लेकर जा रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में रहमत ने कहा कि मेरी नौकरी को 20 वर्ष हो चुके हैं. 44 साल की उम्र में मरी सेवा समाप्त कर दी गई है, मैं कहां जाऊंगी. 2003 में जब मैं नौकरी में आई थी, तब मेरी एक ही संतान थी. तीसरी संतान का नियम मुझे पता था, लेकिन अबार्शन में मेरी और बच्चे की जान जा सकती थी. क्या मां बनना इतना बड़ा गुनाह है. जबकि मेरे ही विभाग में चार बच्चों वालों की मांए भी नौकरी कर रही हैं. सवाल ये है कि मुझे ही क्यों टारगेट किया गया. संगठनों को शिक्षकों के हक में आना चाहिए. मैंने एमएससी केमिस्ट्री के साथ एमए और बीएड किया. सिर्फ मां बनना इतना बड़ा गुनाह हो गया कि मेरी रोजी रोटी छीन ली जाए.

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