भोपाल। मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा का आखिरी सत्र मंगलवार यानी आज से शुरू होने जा रहा है. पांच दिवसीय मॉनसून सत्र में पांच बैठकें होंगी. पहली बार होगा कि विधानसभा की एक बैठक शनिवार को भी होगी, जबकि हर बार शनिवार को अवकाश रखा जाता है. उधर विधानसभा सत्र को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने और सत्ता पक्ष ने पलटवार की भरपूर तैयारियां की है. सत्र में सरकार वर्तमान वित्तीय साल का पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी. कहा जा रहा है कि हुक्का पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी विधेयक आ सकता है. इसके साथ ही 5 विधेयक और ला रही है, निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक भी पेश होगा. उधर सत्र के पहले विधानसभा अध्यक्ष ने पक्ष और विपक्ष को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि सदन जनता की समस्याओं को सरकार के सामने रखने और उनके निराकरण का सबसे अच्छा फोरम है, इसलिए उन्हें इसका बेहतर तरीके से उपयोग करना चाहिए.
शराब बंदी को लेकर सरकार ने उठाए कदम: प्रदेश में शराबबंदी को लेकर सरकार ने कदम उठाए, उसका असर आने वाले सत्र में भी दिखाई देगा, सरकार नशाखोरी के खिलाफ मुहिम चला रही है , वहीं अब विधानसभा में नशाखोरी और खास तौर बच्चों में नशा की प्रवृत्ति को रोकने के लिए हुक्का बार प्रतिबंध के साथ सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार व वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन संशोधन विधेयक लाया जाएगा, जिससे विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए जायेंगे और फिर वो कानून बन जायेंगे.
यूसीसी पर भी चर्चा संभव: पीएम मोदी ने अपने भोपाल दौरे में यूसीसी को लेकर खुलकर कह दिया कि केंद्र सरकार जल्दी यूसीसी यानी युनिफॉर्म सिविल कोड लाने वाली है, वहीं मध्यप्रदेश ने भी इसकी तैयारी पूरी कर ली है और इस विधानसभा में हो सकता है इस पर चर्चा हो सकती है, क्योंकि सरकार ने इसकी ड्राफ्टिंग तैयार कर ली है.
इस सत्र में 5 विधेयक होंगे पेश: 11 जुलाई से शुरू होने जा रहे मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में पांच नए विधेयक ला रही है, निजी विश्वविद्यालय प्रदेश में खुलने हैं. इस संबंध में निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा, मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय संशोधन और मध्य प्रदेश निवेश संवर्धन संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे.
विधानसभा में सर्वदलीय बैठक: विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मंगलवार यानी आज से शुरू हो रहे सत्र के सुचारू संचालन के लिए सोमवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह शामिल हुए. बैठक के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन सार गर्भित चले इसके लिए दोनों ही दल की बैठक हुई. विपक्ष मुद्दों पर चर्चा करें. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि यह अंतिम और महत्वपूर्ण सत्र है, इसलिए सभी विषयों पर चर्चा हो. इसके लिए बैठक में चर्चा हुई, लेकिन सत्र छोटा है, सरकार चर्चा से बचना चाहती है, इसलिए इतने कम दिन का रखा है.
अध्यक्ष बोले, पता नहीं फिर कौन लौटकर आएगा: मॉनसून सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि सत्र को लेकर हमारी तैयारी वैसी ही है, जैसी हर बार होती है, लेकिन इस बार विषेश यह है कि यह 15वीं विधानसभा का आखिरी सत्र है. पता नहीं कौन लौटकर आएगा और कौन नहीं? सदन में विपक्ष के हंगामे को लेकर अध्यक्ष ने कहा कि "उन्होंने हंगामा कब नहीं किया. वे खुद आरोप लगाते हैं और खुद ही हंगामा करते हैं. कई बार तो यह होता है कि वे अपने ही सवाल को छोड़कर चले जाते हैं. मैं यह बात इसलिए नहीं कर रहा कि मैं आसंदी पर बैठा हूं. मैं बड़ी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि विधानसभा चलाने की जितनी जवाबदेही सरकार की है, उतनी प्रतिपक्ष की भी है कि वे विधानसभा चलाएं.
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि, मेरा मानना है कि सरकार का काम बिना विधानसभा चलाए भी चल जाएगा, लेकिन विपक्ष का काम नहीं चलेगा. विधानसभा विपक्ष को एक अवसर प्रदान करता है कि इस फोरम के माध्यम से वे अपनी मांगों और बातों को जनता के सामने ले जा सकते हैं, उन्हें यह करना चाहिए. उनसे हर बार आग्रह करते हैं और इस बार भी किया है कि सदन को अच्छे से चलाने में मदद करें. हमारी कोशिश भी यही होती है. यही वजह है कि 5 दिवसीय सत्र मंगलवार से शुरू होना है, लेकिन यह सोमवार न जाए, इसलिए पहली बार शनिवार को सत्र चलेगा.
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कमलनाथा ने ली बैठक: पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर सोमवार शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इसमें विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर पार्टी की रणनीति तैयार की गई. कमलनाथ ने विधायकों से जनता के मुद्दे पुरजोर ढंग से सदन में उठाने के निर्देश दिए. कमलनाथ ने सभी विधायकों को शुभकामनाएं दी और आशा जताई कि आगामी विधानसभा चुनाव में सभी विधायक दोबारा जीतकर आएंगे और नई विधानसभा की विधायक दल की बैठक में भी शामिल होंगे.
सत्र को लेकर विपक्ष की तैयारी: सदन में सत्ता पक्ष को घेरने के लिए विपक्ष ने भरपूर तैयारी की है. बैठक के बाद पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि कांग्रेस सत्र में उज्जैन हुए महाकाल लोक घोटाले, सतपुड़ा भवन में लगी आग और हाल ही में सीधी में आदिवासी युवक के साथ अत्याचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी. तरुण भनोत ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी और कुशासन से त्रस्त है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिर्फ झूठे वादे करते हैं और जनता की आकांक्षाओं पर यह सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है. भनोत ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने को लेकर किए सवाल पर कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है.
इन मुद्दों पर गरमाएगी सदन: सीधी के पेशाब विसर्जन कांड की गूंज सदन में भी सुनाई देगी. इसके अलावा प्रदेश में आदिवासियों को लेकर हो रहे अपराध, बिगड़ती कानून व्यवस्था, सतपुड़ा अग्निकांड, महंगाई, भर्तियों में गड़बडियों जैसे तमाम मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार पर सवाल उठाएगी.
इसके लिए कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, बाला बच्चन, विनय सक्सेना, कमलेश्वर पटेल, प्रियव्रत सिंह, जयवर्धन सिंह, हीरालाल अलावा आदि कांग्रेस विधायकों ने कई सवाल लगाए हैं. विधानसभा सचिवालय के पास अब तक 1642 सवाल पहुंच चुके हैं. इसके अलावा 22 स्थगन, 185 ध्यानाकर्षण, शून्यकाल की 23 सूचनाएं, चार याचिकाएं और सत्रह अशासकीय संकल्प पहुंचे हैं. जो सवाल आए हैं, उनमें 841 तारांकित और 801 अतारांकित सवाल आए हैं. इस पर 817 ऑनलाइन सवाल आए हैं, जबकि ऑफ लाइन सवाल 825 लगाए गए हैं.