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MP: कटनी जिले में मिड-डे मील की क्वालिटी सुधारने के लिए कलेक्टर ने ढूंढा नायाब तरीका, ये है आदेश

मध्य प्रदेश के कटनी जिले के कलेक्टर ने मिडडे मील की गुणवत्ता सुधारने के लिए अनोखा कदम (MP Katni collector unique idea) उठाया है. कलेक्टर ने आदेश दिया है कि मिडडे मील स्कूलों में बच्चों को वितरित करने से पहले इसका टेस्ट वह खुद करेंगे. इसके लिए उनके पास मिडडे मील का एक सैंपल के तौर पर टिफिन आएगा. इसे वह चखेंगे. अगर खाना स्तरीय नहीं पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर के इस आदेश से मिडडे मील बनाने वाले समूहों में हड़कंप मचा हुआ है.

Kantni Collector
कटनी कलेक्टर
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Published : Jan 7, 2023, 5:45 PM IST

मिडडे मील की क्वालिटी सुधारने के लिए कलेक्टर ने ढूंढा नायाब तरीका

कटनी। छोटे बच्चों को हर दिन स्कूलों में मिलने वाले मध्याह्न भोजन में अब गड़बड़ी नहीं हो पाएगी. इसके लिए मध्य प्रदेश के कटनी जिले के कलेक्टर अवि प्रसाद ने एक फरमान जारी कर दिया है.अब आंगनबाड़ी में मिलने वाले आहार की क्वालिटी को रोज जिला कलेक्टर चेक करेंगे. इसके लिए मिड डे मिल का भोजन बनाने वाले समूह को एक टिफिन बतौर सैंपल कलेक्टर को भेजना होगा. जिसे कलेक्टर खुद चेक करेंगे, उनकी अनुपस्थिति में कोई भी अधिकारी भोजन को चेक करेगा. इसके बाद ही बच्चो को खाना परोसा जाएगा.

बच्चों के साथ किया भोजन : दरअसल, कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद को ये कदम क्यों उठाना पड़ा, उसका सबसे बड़ा कारण ये है कि 2 दिन पहले कलेक्टर अवि प्रसाद शासकीय प्राथमिक शाला कैरिन लाइन कटनी में बच्चों के साथ बैठकर मध्याह्न भोजन किया था, जिसमें भोजन गुणवत्तायुक्त नहीं पाया गया. इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए समूह के संचालक आदर्श धार्मिक परमार्थिक एवं शैक्षणिक सेवा समिति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. समिति की ओर से भेजे गए जवाब से वे असंतुष्ट दिखे और आगे कार्रवाई करते हुए कलेक्टर अवि प्रसाद ने ये लिखित निर्देश जारी कर दिया है.

Narsinghpur Midday Meal बच्चों को दिए जाने वाले मिडडे मील में मिले कीड़े, सड़ा हुआ आटा और चावल भी मिले

कलेक्टर के आदेश से हड़कंप : कलेक्टर के नए आदेश से मिडडे मील बनाने वाले समूहों में हड़कंप मच गया है. अभी तक मिडडे मील बनाने वाले मनमाना खाना स्कूलों में भेजते रहे हैं. लेकिन अब ऐसा करेंगे तो कड़ी कार्रवाई का डर उन्हें सता रहा है. बता दें कि पूरे जिले के स्कूलों में मिडडे मील को लेकर लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं. लेकिन कोई कड़ा कदम नहीं उठाने से खाना बनाने वाले मनमानी करते हैं. मिडडे मील में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है. हालांकि इन तथ्यों को सभी अधिकारी जानते हैं. इसके बाद भी अभी तक ऐसा कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया, जिससे खाना बनाने पर लगाम कसी जा सके.

मिडडे मील की क्वालिटी सुधारने के लिए कलेक्टर ने ढूंढा नायाब तरीका

कटनी। छोटे बच्चों को हर दिन स्कूलों में मिलने वाले मध्याह्न भोजन में अब गड़बड़ी नहीं हो पाएगी. इसके लिए मध्य प्रदेश के कटनी जिले के कलेक्टर अवि प्रसाद ने एक फरमान जारी कर दिया है.अब आंगनबाड़ी में मिलने वाले आहार की क्वालिटी को रोज जिला कलेक्टर चेक करेंगे. इसके लिए मिड डे मिल का भोजन बनाने वाले समूह को एक टिफिन बतौर सैंपल कलेक्टर को भेजना होगा. जिसे कलेक्टर खुद चेक करेंगे, उनकी अनुपस्थिति में कोई भी अधिकारी भोजन को चेक करेगा. इसके बाद ही बच्चो को खाना परोसा जाएगा.

बच्चों के साथ किया भोजन : दरअसल, कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद को ये कदम क्यों उठाना पड़ा, उसका सबसे बड़ा कारण ये है कि 2 दिन पहले कलेक्टर अवि प्रसाद शासकीय प्राथमिक शाला कैरिन लाइन कटनी में बच्चों के साथ बैठकर मध्याह्न भोजन किया था, जिसमें भोजन गुणवत्तायुक्त नहीं पाया गया. इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए समूह के संचालक आदर्श धार्मिक परमार्थिक एवं शैक्षणिक सेवा समिति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. समिति की ओर से भेजे गए जवाब से वे असंतुष्ट दिखे और आगे कार्रवाई करते हुए कलेक्टर अवि प्रसाद ने ये लिखित निर्देश जारी कर दिया है.

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कलेक्टर के आदेश से हड़कंप : कलेक्टर के नए आदेश से मिडडे मील बनाने वाले समूहों में हड़कंप मच गया है. अभी तक मिडडे मील बनाने वाले मनमाना खाना स्कूलों में भेजते रहे हैं. लेकिन अब ऐसा करेंगे तो कड़ी कार्रवाई का डर उन्हें सता रहा है. बता दें कि पूरे जिले के स्कूलों में मिडडे मील को लेकर लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं. लेकिन कोई कड़ा कदम नहीं उठाने से खाना बनाने वाले मनमानी करते हैं. मिडडे मील में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है. हालांकि इन तथ्यों को सभी अधिकारी जानते हैं. इसके बाद भी अभी तक ऐसा कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया, जिससे खाना बनाने पर लगाम कसी जा सके.

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