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Clean Air Survey 2023: इंदौर की 'हवा' भी सबसे साफ, स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में 187 अंकों के साथ हासिल की नंबर वन पोजीशन

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में इंदौर पहली पोजीशन पर आया है. इंदौर ने 187 अंकों के साथ यह मुकाम हासिल किया है.

Cleanliness Air Survey 2023 ranking released
इंदौर के सिर सजा एक और ताज
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 7:37 AM IST

इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर अब स्वच्छ आबो हवा के मामले में भी नंबर वन है (Cleanliness Air Survey 2023 Ranking). हाल ही में हुए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में 10 लाख के ऊपर आबादी वाले शहरों में इंदौर 187 अंकों के साथ पहले नंबर पर रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए सर्वे में इंदौर का पर्यावरण अन्य शहरों की तुलना में उपयुक्त पाया गया है.

इंदौर में प्रदूषण सबसे कम: दरअसल शहर में चले स्वच्छता अभियान के चलते लगातार सफाई और बारिश के सीजन में हरियाली बढ़ने और धूल के कारण जमीन में बैठने के फल स्वरुप शहर का वायु प्रदूषण तुलनात्मक रूप से कम प्रदूषित है. जिसके तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्वच्छता वायु सर्वेक्षण 2023 की जारी रैंकिंग (10 लाख आबादी से ऊपर शहरो) में इंदौर 187 अंक के साथ देश में प्रथम स्थान पर रहा.

स्वच्छता वायु सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग जारी: महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं आयुक्त हर्षिका सिंह ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्वच्छता वायु सर्वेक्षण 2023 की जारी रैंकिंग में इंदौर के प्रथम स्थान पर रहने पर इंदौर वासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही वायु गुणवत्ता सुधार में निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों में नागरिकों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया. नगर निगम आयुक्त धरती का सिंह के मुताबिक ''नगर निगम इंदौर द्वारा इंदौर शहर की वायु गुणवत्ता सुधार हेतु लगातार कार्य किया जा रहा है तथा वायु गुणवत्ता सुधार हेतु कार्य निरंतर जारी रहेगा.''

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इन प्रयासों के कारण मिला पहला स्थान
1) सड़कों की मैकेनाइज्ड स्वीपिंग पद्धति से निरंतर सफाई, जिससे धूल के कण वातावरण में मिलने से रोकने में मदद मिलती है.
2) निर्माण एवं विद्यवंश अपशिष्ट का संग्रहण, निपटान एवं परिवहन हेतु सभी वाहनों को तारपोलिन से ढककर ले जाना अनिवार्य किया.
3) सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ग्रीन नेट से कवर करना अनिवार्य किया.
4) पारंपरिक कोयले व लकड़ी से जलने वाले तंदूर पर नियंत्रण कर उनके स्वच्छ/ग्रीन ईंधन से परिवर्तित किया.
5) विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रम जैसे कि "रेड लाइट on इंजन off" व "भट्टी free मार्केट" का संचालन कर आमजन को वायु प्रदूषण के प्रभावों के प्रति जागृत किया.
6) निर्माण सामग्री का परिवहन करने वाले वाहनों को शहर सीमा में रात के समय आवागमन हेतु प्रेरित किया गया.

इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर अब स्वच्छ आबो हवा के मामले में भी नंबर वन है (Cleanliness Air Survey 2023 Ranking). हाल ही में हुए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में 10 लाख के ऊपर आबादी वाले शहरों में इंदौर 187 अंकों के साथ पहले नंबर पर रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए सर्वे में इंदौर का पर्यावरण अन्य शहरों की तुलना में उपयुक्त पाया गया है.

इंदौर में प्रदूषण सबसे कम: दरअसल शहर में चले स्वच्छता अभियान के चलते लगातार सफाई और बारिश के सीजन में हरियाली बढ़ने और धूल के कारण जमीन में बैठने के फल स्वरुप शहर का वायु प्रदूषण तुलनात्मक रूप से कम प्रदूषित है. जिसके तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्वच्छता वायु सर्वेक्षण 2023 की जारी रैंकिंग (10 लाख आबादी से ऊपर शहरो) में इंदौर 187 अंक के साथ देश में प्रथम स्थान पर रहा.

स्वच्छता वायु सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग जारी: महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं आयुक्त हर्षिका सिंह ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्वच्छता वायु सर्वेक्षण 2023 की जारी रैंकिंग में इंदौर के प्रथम स्थान पर रहने पर इंदौर वासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही वायु गुणवत्ता सुधार में निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों में नागरिकों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया. नगर निगम आयुक्त धरती का सिंह के मुताबिक ''नगर निगम इंदौर द्वारा इंदौर शहर की वायु गुणवत्ता सुधार हेतु लगातार कार्य किया जा रहा है तथा वायु गुणवत्ता सुधार हेतु कार्य निरंतर जारी रहेगा.''

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1) सड़कों की मैकेनाइज्ड स्वीपिंग पद्धति से निरंतर सफाई, जिससे धूल के कण वातावरण में मिलने से रोकने में मदद मिलती है.
2) निर्माण एवं विद्यवंश अपशिष्ट का संग्रहण, निपटान एवं परिवहन हेतु सभी वाहनों को तारपोलिन से ढककर ले जाना अनिवार्य किया.
3) सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ग्रीन नेट से कवर करना अनिवार्य किया.
4) पारंपरिक कोयले व लकड़ी से जलने वाले तंदूर पर नियंत्रण कर उनके स्वच्छ/ग्रीन ईंधन से परिवर्तित किया.
5) विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रम जैसे कि "रेड लाइट on इंजन off" व "भट्टी free मार्केट" का संचालन कर आमजन को वायु प्रदूषण के प्रभावों के प्रति जागृत किया.
6) निर्माण सामग्री का परिवहन करने वाले वाहनों को शहर सीमा में रात के समय आवागमन हेतु प्रेरित किया गया.

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