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MP Gurjar movement: एमपी के चुनावों में गुर्जर आंदोलन की एंट्री, ग्वालियर में जेल भरो आंदोलन को लेकर अलर्ट पर प्रशासन - ग्वालियर जेल भरो आंदोलन

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में गुर्जर आंदोलन की भी एंट्री हो गई है. गुर्जर समाज ने 12 अक्टूबर को जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है. जिसको लेकर प्रशासन ग्वालियर जिले में अलर्ट मोड पर है. जिले में करीब 3 हजार पुलिस बल तैनात किया गया है.

MP Gurjar movement
अलर्ट पर प्रशासन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 11, 2023, 9:41 PM IST

Updated : Oct 11, 2023, 10:03 PM IST

गुर्जर आंदोलन को लेकर अलर्ट पर प्रशासन

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में गुर्जर आंदोलन ने सरकार की नींद उड़ा कर रख दी. सोशल मीडिया पर 12 अक्टूबर को ग्वालियर में जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है. जिसके कारण सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं. सोशल मीडिया के जरिए लगातार आंदोलन का ऐलान किया जा रहा है. जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है. वहीं इस गुर्जर आंदोलन की चेतावनी को लेकर सरकार भी चिंतित है कि इस चुनावी मौसम में अगर माहौल बिगड़ा तो उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है.

12 अक्टूबर को गुर्जर समाज का जेल भरो आंदोलन: दरअसल, मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव से पहले राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में गुर्जर समाज आर पार की लड़ाई के मूड में उतर आया है. यही कारण है कि पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर यह कैंपेन चलाया जा रहा है कि ग्वालियर में 12 अक्टूबर को गुर्जर समाज का बड़ा जेल भरो आंदोलन है. इसी दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट किया कि ' गुर्जरों के सम्मान में, 12 तारीख को मेला मैदान में' और इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश से गुर्जर समाज के लोग हजारों की संख्या में एकजुट होने का दावा शोशल मीडिया पर किया जा रहा है. बता जा रहा है कि 12 तारीख को मेला मैदान में राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति के लेटरपैड पर जेल भरो आंदोलन की सूचना का पत्र कलेक्टर के पास पहुंचा. उसके बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम की मंजूरी न होने व शांति सौहार्द बिगड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.

MP Gurjar movement
ग्वालियर में गुर्जर समाज ने मचाया था उत्पात

ग्वालियर में 3 हजार बल तैनात: वहीं 12 अक्टूबर को गुर्जर आंदोलन की संभावना को लेकर पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. आंदोलन की संभावना को लेकर एसएएफ और एसटीएफ की पांच कंपनी व मुख्यालय संभाग के बल सहित लगभग 3000 का बल सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है. वहीं शहर के सभी चेकिंग नाको पर आज रात से ही टू लेयर चेकिंग की व्यवस्था तैनात की है. पुलिस चेकिंग नाको पर बाहर से आने वाले वाहनों की सघन चेकिंग करेगी और संदेहियों पर नजर रखेगी, शहर में की ओर जाने वाले मार्गों पर भी अतिरिक्त बल तैनात रहेगा.

अलर्ट मोड पर ग्वालियर प्रशासन: एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने बताया है कि "शहर के वरिष्ठ जन और गुर्जर समाज के वरिष्ठ लोगों से बातचीत हुई है. उनको बताया गया है कि आचार संहिता में ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति नहीं है. साथ ही ऐसे कार्यक्रमों से शांति व्यवस्था भंग होती है. साथ ही गुर्जर समाज के लोगों की बातों को भी सुना और उनकी जो मांगे हैं, उन पर भी गौर किया जा रहा है. उन्होंने भी आश्वासन दिया है कि वह ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे. साथ ही एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने कहा है कि 12 अक्टूबर को गुर्जर आंदोलन की संभावना को देखते हुए हम पूरी तरह अलर्ट है. साथ ही पुलिस बल भी पूरे शहर भर के इलाकों में तैनात किया गया है. अगर इस तरह की कोई घटना सामने आती है, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया पर कुछ उपद्रवी आपत्तिजनक पोस्ट भी डाल रहे हैं. उनकी भी जांच की जा रही है, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की.

बचती नजर आ रही शिवराज सरकार: मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में गुर्जर आंदोलन को लेकर सरकार से लेकर से लेकर राजनीतिक पार्टियां चुप्पी साधे हुए है, क्योंकि अगर गुर्जर आंदोलन को थोड़ी सी भी हवा लगी, तो यह पूरे मध्य प्रदेश में उग्र हो सकता है. जिसके कारण राजनीतिक पार्टियों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. यही कारण है कि सरकार की तरफ से अभी कोई भी इसको लेकर बयानबाजी नहीं हुई है और शिवराज सरकार खुद इसमें बचती हुई नजर आ रही है.

यहां पढ़ें...

एमपी में गुर्जर का अच्छा वर्चस्व: मध्य प्रदेश में गुर्जर समाज का काफी अच्छा खासा वर्चस्व है. प्रदेश में लगभग 50 लाख से अधिक वोटर्स हैं. जो प्रदेश की लगभग 35 से अधिक विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं. यही कारण है कि इस मामले में न तो बीजेपी बोल रही है और नहीं कांग्रेस सामने आ रही है, क्योंकि अगर यह मामला तूल पकड़ा तो इस विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक बीजेपी को नुकसान झेलना पड़ेगा. इसका कारण यह है कि ग्वालियर में अभी हाल में ही गुर्जर महाकुंभ के दौरान हुए उपद्रव में पुलिस ने सांसद विधायक सहित 700 लोगों पर मामला दर्ज किया था. जिनमें से दो दर्जन से अधिक लोगों की और नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है. उसके बाद गुर्जर समाज शिवराज सरकार को लेकर आक्रोशित हैं. वह लगातार आंदोलन की चेतावनी दे रहा है.

MP Gurjar movement
ग्वालियर में मिहिर भोज की प्रतिमा

कुछ दिन पहले भी ग्वालियर में उठाया था उत्पात: बता दें ग्वालियर में कुछ दिन पहले गुर्जर महाकुंभ के दौरान ज्ञापन देने पहुंचे गुर्जर समाज के लोगों ने जमकर उत्पात मचाया. इसके साथ ही उपद्रवियों ने जमकर एसपी कलेक्टर सहित आधार संख्या से अधिक अधिकारियों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की थी. वहीं इस पूरी घटना में लगभग दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए. घटना के बाद पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही सांसद विधायक सहित 700 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया. गिरफ्तारी और मामला दर्ज होने के बाद गुर्जर समाज के लोगों ने 12 अक्टूबर को ग्वालियर में ही जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है. इसके साथ ही उनकी मांग है कि ग्वालियर में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के चारों तरफ लगी टीन सेट को हटाया जाए. अगर प्रशासन नहीं हटाएगा तो वह खुद हटाने के लिए पहुंचेंगे. हालांकि अभी इस मामले को लेकर मामला हाईकोर्ट में लंबित है और हाईकोर्ट ने ही प्रतिमा के चारों तरफ ही टीन सेट लगाने का आदेश दिया था.

गुर्जर आंदोलन को लेकर अलर्ट पर प्रशासन

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में गुर्जर आंदोलन ने सरकार की नींद उड़ा कर रख दी. सोशल मीडिया पर 12 अक्टूबर को ग्वालियर में जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है. जिसके कारण सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं. सोशल मीडिया के जरिए लगातार आंदोलन का ऐलान किया जा रहा है. जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है. वहीं इस गुर्जर आंदोलन की चेतावनी को लेकर सरकार भी चिंतित है कि इस चुनावी मौसम में अगर माहौल बिगड़ा तो उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है.

12 अक्टूबर को गुर्जर समाज का जेल भरो आंदोलन: दरअसल, मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव से पहले राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में गुर्जर समाज आर पार की लड़ाई के मूड में उतर आया है. यही कारण है कि पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर यह कैंपेन चलाया जा रहा है कि ग्वालियर में 12 अक्टूबर को गुर्जर समाज का बड़ा जेल भरो आंदोलन है. इसी दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट किया कि ' गुर्जरों के सम्मान में, 12 तारीख को मेला मैदान में' और इस आंदोलन में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश से गुर्जर समाज के लोग हजारों की संख्या में एकजुट होने का दावा शोशल मीडिया पर किया जा रहा है. बता जा रहा है कि 12 तारीख को मेला मैदान में राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति के लेटरपैड पर जेल भरो आंदोलन की सूचना का पत्र कलेक्टर के पास पहुंचा. उसके बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम की मंजूरी न होने व शांति सौहार्द बिगड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.

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ग्वालियर में गुर्जर समाज ने मचाया था उत्पात

ग्वालियर में 3 हजार बल तैनात: वहीं 12 अक्टूबर को गुर्जर आंदोलन की संभावना को लेकर पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. आंदोलन की संभावना को लेकर एसएएफ और एसटीएफ की पांच कंपनी व मुख्यालय संभाग के बल सहित लगभग 3000 का बल सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है. वहीं शहर के सभी चेकिंग नाको पर आज रात से ही टू लेयर चेकिंग की व्यवस्था तैनात की है. पुलिस चेकिंग नाको पर बाहर से आने वाले वाहनों की सघन चेकिंग करेगी और संदेहियों पर नजर रखेगी, शहर में की ओर जाने वाले मार्गों पर भी अतिरिक्त बल तैनात रहेगा.

अलर्ट मोड पर ग्वालियर प्रशासन: एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने बताया है कि "शहर के वरिष्ठ जन और गुर्जर समाज के वरिष्ठ लोगों से बातचीत हुई है. उनको बताया गया है कि आचार संहिता में ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति नहीं है. साथ ही ऐसे कार्यक्रमों से शांति व्यवस्था भंग होती है. साथ ही गुर्जर समाज के लोगों की बातों को भी सुना और उनकी जो मांगे हैं, उन पर भी गौर किया जा रहा है. उन्होंने भी आश्वासन दिया है कि वह ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे. साथ ही एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने कहा है कि 12 अक्टूबर को गुर्जर आंदोलन की संभावना को देखते हुए हम पूरी तरह अलर्ट है. साथ ही पुलिस बल भी पूरे शहर भर के इलाकों में तैनात किया गया है. अगर इस तरह की कोई घटना सामने आती है, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही उन्होंने कहा है कि सोशल मीडिया पर कुछ उपद्रवी आपत्तिजनक पोस्ट भी डाल रहे हैं. उनकी भी जांच की जा रही है, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की.

बचती नजर आ रही शिवराज सरकार: मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में गुर्जर आंदोलन को लेकर सरकार से लेकर से लेकर राजनीतिक पार्टियां चुप्पी साधे हुए है, क्योंकि अगर गुर्जर आंदोलन को थोड़ी सी भी हवा लगी, तो यह पूरे मध्य प्रदेश में उग्र हो सकता है. जिसके कारण राजनीतिक पार्टियों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. यही कारण है कि सरकार की तरफ से अभी कोई भी इसको लेकर बयानबाजी नहीं हुई है और शिवराज सरकार खुद इसमें बचती हुई नजर आ रही है.

यहां पढ़ें...

एमपी में गुर्जर का अच्छा वर्चस्व: मध्य प्रदेश में गुर्जर समाज का काफी अच्छा खासा वर्चस्व है. प्रदेश में लगभग 50 लाख से अधिक वोटर्स हैं. जो प्रदेश की लगभग 35 से अधिक विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं. यही कारण है कि इस मामले में न तो बीजेपी बोल रही है और नहीं कांग्रेस सामने आ रही है, क्योंकि अगर यह मामला तूल पकड़ा तो इस विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक बीजेपी को नुकसान झेलना पड़ेगा. इसका कारण यह है कि ग्वालियर में अभी हाल में ही गुर्जर महाकुंभ के दौरान हुए उपद्रव में पुलिस ने सांसद विधायक सहित 700 लोगों पर मामला दर्ज किया था. जिनमें से दो दर्जन से अधिक लोगों की और नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है. उसके बाद गुर्जर समाज शिवराज सरकार को लेकर आक्रोशित हैं. वह लगातार आंदोलन की चेतावनी दे रहा है.

MP Gurjar movement
ग्वालियर में मिहिर भोज की प्रतिमा

कुछ दिन पहले भी ग्वालियर में उठाया था उत्पात: बता दें ग्वालियर में कुछ दिन पहले गुर्जर महाकुंभ के दौरान ज्ञापन देने पहुंचे गुर्जर समाज के लोगों ने जमकर उत्पात मचाया. इसके साथ ही उपद्रवियों ने जमकर एसपी कलेक्टर सहित आधार संख्या से अधिक अधिकारियों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की थी. वहीं इस पूरी घटना में लगभग दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए. घटना के बाद पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही सांसद विधायक सहित 700 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया. गिरफ्तारी और मामला दर्ज होने के बाद गुर्जर समाज के लोगों ने 12 अक्टूबर को ग्वालियर में ही जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है. इसके साथ ही उनकी मांग है कि ग्वालियर में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के चारों तरफ लगी टीन सेट को हटाया जाए. अगर प्रशासन नहीं हटाएगा तो वह खुद हटाने के लिए पहुंचेंगे. हालांकि अभी इस मामले को लेकर मामला हाईकोर्ट में लंबित है और हाईकोर्ट ने ही प्रतिमा के चारों तरफ ही टीन सेट लगाने का आदेश दिया था.

Last Updated : Oct 11, 2023, 10:03 PM IST
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