ग्वालियर। एमपी के ग्वालियर शहर के दौलतगंज इलाके में रहने वाली गरिमा वैश्य पेशे डॉक्टर हैं लेकिन डॉक्टर गरिमा को प्रकृति और हरियाली से इतना प्रेम है कि उन्होने अपने घर को पूरी तरह हरियाली में तब्दील कर दिया है. शहर के घनी आबादी क्षेत्र में जहां लोगों को पैर रखने तक के लिए जगह ढूंढनी पड़ती है ऐसे में डॉक्टर गरिमा वैश्य ने अपने घर की छतों को ही एक गार्डन में तब्दील कर दिया है. डॉक्टर वैश्य ने घर की छतों को मिलाकर हर कोने में 1200 से अधिक पेड़ पौधे लगे हुए हैं जो अलग अलग प्रकार के हैं. यह देखने में इतना मनोरम और मनमोहक लगता है कि इनके बीच से उठने का मन ही नहीं होता.
बच्चों जैसे पौधों की देखभाल: डॉक्टर गरिमा वैश्य होम्योपैथिक डॉक्टर हैं इसके अलावा एक होटल का भी संचालन करती हैं. जीवन के व्यस्ततम क्षणों में से भी वे अपने पौधे जिन्हें अपने बच्चे कहती हैं के लिए समय निकाल ही लेती हैं. गरिमा ने बताया कि बीते 15 वर्षों से अपने बच्चों की तरह पेड़ पौधों की देखभाल कर रही हैं क्योंकि खुले आसमान के नीचे जमीन पर पेड़-पौधे लगाना बेहद आसान होता है लेकिन बंद कमरों में छतों पर गमले में अन्य स्थानों पर पेड़ पौधे लगाना बेहद कठिन कार्य होता है. समय-समय पर उनकी धूप की देखभाल पानी की देखभाल आदि की व्यवस्था करना बहुत कठिन होता है. इसके लिए समय भी बहुत लगता है
माता-पिता से मिली प्रेरणा: उन्होंने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें अपने माता-पिता से मिली थी. जिन्होंने गरिमा से कहा था कि अगर आपको प्रकृति के नजदीक जाना है तो पेड़ पौधे लगाओ प्रकृति अपने आप नजदीक आ जाएगी. उन्होंने बताया कि जब से हमने पेड़ पौधे लगाए हैं हमारे घर के आस-पास पक्षियों का आना जाना हो गया है जिनका स्वर बेहद मनोरम सुनाई देता है.
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केसर का पौधा है खास: डॉक्टर गरिमा वैश्य ने बताया कि उनके यहां पर वर्तमान में 12 सौ से अधिक पेड़ पौधे हैं जिनमें सीजनल पौधों के अलावा सब्जियां, वाटर प्लांट एवं फ्रूट प्लांट्स और परमानेंट प्लांटेशन प्लांट, शोपीस प्लांट, फ्लावर प्लांट, मेडिसन प्लांट सहित कई विशेष पौधे है. सबसे अधिक विशेष है केसर का पौधा जो कि ग्वालियर के वातावरण में उगाना बेहद मुश्किल कार्य है क्योंकि केसर अधिकांश ठंडे प्रदेशों जैसे कश्मीर लद्दाख आदि में होता है. डॉक्टर गरिमा वैश्य का कहना है कि यदि आप समय-समय पर इसकी देखभाल और समय पर खाद पानी की व्यवस्था करें, तो यह कोई बड़ी बात नहीं है आप भी आसानी से कह सकते हैं.
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15 सालों में हजारों किस्में: डॉक्टर गरिमा ने बताया है कि 15 साल पहले उनके मन में ख्याल आया कि उनके आसपास कोई हरियाली नहीं है और ना ही बच्चों के खेलने के लिए कोई स्थान है. इसी सोच को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर गरिमा अपने घर को हरियाली में तब्दील करने के लिए ठान लिया. उसके बाद उन्होंने एक एक करके अलग अलग अलग प्रकार की किस्मों के पेड़ लगाना शुरू किए और धीरे-धीरे पिछले 15 सालों में उनके घर में 1200 से अधिक अलग-अलग प्रकार की वैरायटी की पेड़-पौधे लगे हुए हैं और सबसे खास बात यह है कि इन पेड़ों में कई ऐसी विदेशी पेड़ भी हैं जो बड़ी मुश्किल से वातावरण के अनुकूल उगते हैं लेकिन कठिन परिश्रम और लगन के आगे उन्होंने हर काम आसान कर दिया और वह पेड़ आज उनके घर में लहलहा रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री भी हुए मुरीद: डॉ. गरिमा के इस घर को देखने के लिए हर कोई वहां पर पहुंच रहा है और जब इस बात की जानकारी खुद ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को लगी तो वह खुद उनके घर पहुंचे और घर को देखकर आश्चर्यचकित हो गए. इसके साथ ही कई नेता और पर्यावरणप्रेमी गरिमा के घर को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. साथ ही ऑक्सीजन की अगर बात करें तो शहर के अन्य स्थानों से डॉक्टर गरिमा के घर सबसे अधिक ऑक्सीजन मौजूद है क्यों उनके घर में ऐसे कई पेड़ पौधे हैं जो सबसे अधिक ऑक्सीजन देते है.