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MP Election 2023: साहब सास-ससुर की सालगिरह है छुट्टी दे दो... चुनावी ड्यूटी से बचने कर्मचारियों के गजब बहाने

एमपी विधानसभा चुनाव में कई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन ऐसे कई कर्मचारी हैं जो चुनाव में ड्यूटी नहीं करना चाहते. जिसके लिए वे ऐन-केन बहाने बनाने में जुटे हुए हैं. इस तरह से भोपाल में 200 तो प्रदेश में करीब 5000 आवेदन आ चुके हैं. पढ़िए ईटीवी भारत के संवाददाता ब्रजेंद्र पटेरिया की यह रिपोर्ट...

MP Election 2023
एमपी कर्मचारियों ने मांगी छुट्टी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2023, 8:10 PM IST

भोपाल। अपनी छोटी-बड़ी मांगों को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी अधिकारी अब चुनाव की ड्यूटी से पीछा छुड़ाने अफसरों के चक्कर काट रहे हैं. ड्यूटी में तैनात होने वाले कर्मचारियों की सूची से अपना नाम हटाने के लिए कर्मचारियों के अपने-अपने कारण हैं. किसी ने छुट्टी के लिए लिखा कि बीच-बीच में मेरा ब्लड प्रेशर हाई होने से मैं हाईपर हो जाता हूं. इससे कई बार याददाश्त भी कमजोर होने लगती है, इससे मेरी ड्यूटी न लगाई जाए. एक अधिकारी ने उम्र का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी से नाम हटाने की गुहार लगाई है. बताया जा रहा है कि भोपाल में ऐसे करीबन 200 आवेदन आए हैं, जबकि प्रदेश भर में 5 हजार आवेदन पहुंचे हैं.

चुनाव में करीनब पौने दो लाख कर्मचारियों की ड्यूटी: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में करीब पौने 2 लाख कर्मचारियों पर चुनाव की जिम्मेदारी है. चुनाव के लिए प्रदेश भर में कर्मचारियों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है. कर्मचारियों को मतदान कराने की प्रक्रिया से रूबरू कराया जा रहा है. साथ ही निर्वाचन आयोग के नियमों और निर्देशों की जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा ईवीएम कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपेट मशीन की बारीकियों को भी बताया जा रहा है. राजधानी भोपाल में 16 हजार कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है. इसके अलावा 4 हजार कर्मचारियों को रिजर्व में रखा गया है. उधर ट्रेनिंग के पहले ही चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारियों ने अपने आवेदन लेकर अधिकारियों के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं.

बार-बार बीपी बढ़ता है छुट्टी दे दें: चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने के लिए कर्मचारी अलग-अलग वजह लेकर अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं. उद्योग विभाग में पदस्थ एक अफसर ने चुनाव से ड्यूटी हटाने के लिए आवेदन दिया. इसमें उन्होंने कहा कि उनका बीपी बीच-बीच में बढ़ जाता है. जिससे वे कई बार हाईपर हो जाते हैं, कई बार याददाश्त भी कम हो जाती है. अधिकारी अपना आवेदन लेकर डिप्टी कलेक्टर मुनोव्वर खान के पास पहुंचे. अधिकारी ने उनसे मेडिकल डॉक्युमेंट लेकर मेडिकल बोर्ड को दिखाने के लिए कहा है.

  1. एक बुजुर्ग कर्मचारी अपना आवेदन लेकर ड्यूटी कैंसिल कराने एडीएम अंकिता धाकरे के पास पहुंचे. अपने आवेदन में उन्होंने लिखा कि उनके सास-ससुर की 50वीं सालगिरह 17 नवंबर को ही है. अधिकारी ने कहा कि सिर्फ पत्नी को भेज दें, आप ड्यूटी करें. कर्मचारी ने बेहद दुखी होकर कहा कि यदि नहीं गया तो घर में विवाद होगा, हमेशा बीबी के ताने सुनना होंगे. बाद में एडीएम ने उनके आवेदन पर साइन कर दिए.
  2. नगर निगम के एक कर्मचारी ने अपने आवेदन में कहा कि पति-पत्नी दोनों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है. बच्चा छोटा है इसलिए किसी एक की ड्यूटी कैंसिल कर दीजिए.
  3. पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने अपने आवेदन में उम्र का हवाला देते हुए चुनाव ड्यूटी से छूट देने के लिए कहा है. उन्होंने लिखा है कि उनके रिटायरमेंट को सिर्फ 4 माह ही बचे हैं, उम्र अधिक हो गई है. घुटनों में दर्द रहता है, ज्यादा चल-फिर नहीं सकते, इसलिए चुनाव में ड्यूटी न लगाई जाए.

यहां पढ़ें...

अधिकारी बोले: उधर एडीएम प्रकाश सिंह चौहान का कहना है कि "कुछ कर्मचारियों की समस्या हो सकती है, ऐसे कर्मचारियों के साथ सहानुभूति रखी जा सकती है, लेकिन कई कर्मचारी चुनाव में ड्यूटी ही नहीं करना चाहते. ऐसे कर्मचारियों के आवेदन पर विचार न हीं किया जाएगा. इन्हें समझना चाहिए कि चुनाव हर समय नहीं आते, उन्हें चुनाव की ड्यूटी करनी ही होगी. बेवजह स्वास्थ्य समस्याएं बताने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच मेडिकल बोर्ड करेगा. इसके लिए तीन डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है.

भोपाल। अपनी छोटी-बड़ी मांगों को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी अधिकारी अब चुनाव की ड्यूटी से पीछा छुड़ाने अफसरों के चक्कर काट रहे हैं. ड्यूटी में तैनात होने वाले कर्मचारियों की सूची से अपना नाम हटाने के लिए कर्मचारियों के अपने-अपने कारण हैं. किसी ने छुट्टी के लिए लिखा कि बीच-बीच में मेरा ब्लड प्रेशर हाई होने से मैं हाईपर हो जाता हूं. इससे कई बार याददाश्त भी कमजोर होने लगती है, इससे मेरी ड्यूटी न लगाई जाए. एक अधिकारी ने उम्र का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी से नाम हटाने की गुहार लगाई है. बताया जा रहा है कि भोपाल में ऐसे करीबन 200 आवेदन आए हैं, जबकि प्रदेश भर में 5 हजार आवेदन पहुंचे हैं.

चुनाव में करीनब पौने दो लाख कर्मचारियों की ड्यूटी: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में करीब पौने 2 लाख कर्मचारियों पर चुनाव की जिम्मेदारी है. चुनाव के लिए प्रदेश भर में कर्मचारियों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है. कर्मचारियों को मतदान कराने की प्रक्रिया से रूबरू कराया जा रहा है. साथ ही निर्वाचन आयोग के नियमों और निर्देशों की जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा ईवीएम कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपेट मशीन की बारीकियों को भी बताया जा रहा है. राजधानी भोपाल में 16 हजार कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है. इसके अलावा 4 हजार कर्मचारियों को रिजर्व में रखा गया है. उधर ट्रेनिंग के पहले ही चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारियों ने अपने आवेदन लेकर अधिकारियों के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं.

बार-बार बीपी बढ़ता है छुट्टी दे दें: चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने के लिए कर्मचारी अलग-अलग वजह लेकर अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं. उद्योग विभाग में पदस्थ एक अफसर ने चुनाव से ड्यूटी हटाने के लिए आवेदन दिया. इसमें उन्होंने कहा कि उनका बीपी बीच-बीच में बढ़ जाता है. जिससे वे कई बार हाईपर हो जाते हैं, कई बार याददाश्त भी कम हो जाती है. अधिकारी अपना आवेदन लेकर डिप्टी कलेक्टर मुनोव्वर खान के पास पहुंचे. अधिकारी ने उनसे मेडिकल डॉक्युमेंट लेकर मेडिकल बोर्ड को दिखाने के लिए कहा है.

  1. एक बुजुर्ग कर्मचारी अपना आवेदन लेकर ड्यूटी कैंसिल कराने एडीएम अंकिता धाकरे के पास पहुंचे. अपने आवेदन में उन्होंने लिखा कि उनके सास-ससुर की 50वीं सालगिरह 17 नवंबर को ही है. अधिकारी ने कहा कि सिर्फ पत्नी को भेज दें, आप ड्यूटी करें. कर्मचारी ने बेहद दुखी होकर कहा कि यदि नहीं गया तो घर में विवाद होगा, हमेशा बीबी के ताने सुनना होंगे. बाद में एडीएम ने उनके आवेदन पर साइन कर दिए.
  2. नगर निगम के एक कर्मचारी ने अपने आवेदन में कहा कि पति-पत्नी दोनों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है. बच्चा छोटा है इसलिए किसी एक की ड्यूटी कैंसिल कर दीजिए.
  3. पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने अपने आवेदन में उम्र का हवाला देते हुए चुनाव ड्यूटी से छूट देने के लिए कहा है. उन्होंने लिखा है कि उनके रिटायरमेंट को सिर्फ 4 माह ही बचे हैं, उम्र अधिक हो गई है. घुटनों में दर्द रहता है, ज्यादा चल-फिर नहीं सकते, इसलिए चुनाव में ड्यूटी न लगाई जाए.

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अधिकारी बोले: उधर एडीएम प्रकाश सिंह चौहान का कहना है कि "कुछ कर्मचारियों की समस्या हो सकती है, ऐसे कर्मचारियों के साथ सहानुभूति रखी जा सकती है, लेकिन कई कर्मचारी चुनाव में ड्यूटी ही नहीं करना चाहते. ऐसे कर्मचारियों के आवेदन पर विचार न हीं किया जाएगा. इन्हें समझना चाहिए कि चुनाव हर समय नहीं आते, उन्हें चुनाव की ड्यूटी करनी ही होगी. बेवजह स्वास्थ्य समस्याएं बताने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच मेडिकल बोर्ड करेगा. इसके लिए तीन डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है.

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