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MP Caste Discrimination Case: विदिशा में दलित सरपंच से नहीं फहरवाया तिरंगा, कांग्रेस का MP सरकार से सवाल, दलितों से इतनी नफरत क्यों

MP Caste Discrimination Case: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एमपी के विदिशा से शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां स्कूल की प्रिसिंपल ने एक दलित सरपंच से झंडा नहीं फहरवाया. सरपंच का आरोप है "दलित होने के चलते स्कूल की मेडम ने ऐसा किया."

MP Caste Discrimination Case:
दलित सरपंच से नहीं फहरवाया तिरंगा
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Published : Aug 15, 2023, 8:30 PM IST

Updated : Aug 15, 2023, 8:51 PM IST

विदिशा में दलित सरपंच से नहीं फहरवाया तिरंगा

विदिशा। 15 अगस्त दिन मंगलवार को पूरा देश आजादी के 76 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है. देश के लाल किले से लेकर तमाम सरकारी-प्राइवेट दफ्तरों, स्कूलों और भवनों में तिरंगा शान के साथ लहराया गया. बच्चों से लेकर बूढ़े तक आजादी के जश्न में डूबे नजर आए. भारत को आजाद हुए 77 वर्ष हो गए हैं, लेकिन देश में आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो अपनी रूढ़िवादी और छोटी मानसिकता से आजादी नहीं पा सके हैं. यह सवाल इसलिए क्योंकि ऐसी ही सोच से जुड़ा एक मामला मध्यप्रदेश के विदिशा जिले से सामने आया है. जहां भगवन्तपुर ग्राम पंचायत के सरपंच को तिरंगा नहीं फहराने दिया गया, क्योंकि...

विदिशा में दलित सरपंच से नहीं कराया गया झंडा वंदन: विदिशा के सिरोंज में स्वतंत्रता दिवस पर सनसनीखेज मामला सामने आया है. भगवन्तपुर ग्राम पंचायत के सरपंच को इसलिए तिरंगा नहीं फहराने दिया गया क्योंकि वो दलित हैं. सरपंच बारेलाल अहिरवार का कहना है कि "स्कूल की मेडम मुझसे हरिजन होने के कारण चिढ़ती हैं. वो कहती हैं कि तुम दलित हो तुम क्या जानो. आज स्वतंत्रता दिवस पर मुझे स्कूल में नहीं बुलाया. मेडम ने किसी दूसरे व्यक्ति यानि की जनपद सदस्य से तिरंगा फहरवाया. जबकि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराने का अधिकार है."

Vidisha Dalit sarpanch
सरपंच और स्कूल टीचर की हुई बहस

एसडीएम ने कही जांच की बात: इस मामले में सिरोंज एसडीएम हर्षल चौधरी ने संज्ञान लिया है. सिरोंज एसडीएम ने जांच करारकर कार्रवाई करने की बात कही है." मौके पर मौजूद पंचायत सचिव अमीर हमजा ने कहा कि "अभी तक ऐसा होता रहा है कि पंचायत भवन में सरपंच झंडा फहराते हैं, फिर उसके बाद स्कूल में जाकर झंडा फहराते हैं. इसके लिये सरपंच को विधिवत सूचना दी जाती है. मगर सरपंच का कहना है कि उन्हें इस बार सूचना नहीं दी गई. स्कूल प्रिंसिपल ने किसी ओर से झंडा रोहण करा दिया. सरपंच बारेलाल पंचायत भवन में बैठे रह गए." इस घटना से आहत बारेलाल ने "कहा कि यह मेरे पद और जाति का अपमान है. मध्य प्रदेश में ऐसा आम हो गया है, जब दलितों के साथ अन्याय होता है. उनको उनका हक नहीं मिल पा रहा है."

यहां पढ़ें...

  • दलित विरोधी शिवराज सरकार :

    शिवराज सरकार में स्वतंत्रता दिवस पर्व पर दलित सरपंच बारेलाल अहिरवार जी को झंडा वंदन कार्यक्रम में शामिल नहीं किया और झंडा फहराने से रोका गया।

    शिवराज जी,
    दलितों से इतनी नफरत करते हो❓ pic.twitter.com/HXOtrTlLp6

    — MP Congress (@INCMP) August 15, 2023 " '="" class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस ने पूछा दलितों से नफरत करते हो?: विदिशा में सरपंच द्वारा झंडा रोहण नहीं करवाने को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. एमपी कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि "दलित विरोधी शिवराज सरकार, शिवराज सरकार में स्वतंत्रता दिवस पर्व पर दलित सरपंच बारेलाल अहिरवार को झंडा वंदन कार्यक्रम में शामिल नहीं किया और झंडा फहराने से रोका गया. शिवराज जी, दलितों से इतनी नफरत करते हो?"

विदिशा में दलित सरपंच से नहीं फहरवाया तिरंगा

विदिशा। 15 अगस्त दिन मंगलवार को पूरा देश आजादी के 76 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है. देश के लाल किले से लेकर तमाम सरकारी-प्राइवेट दफ्तरों, स्कूलों और भवनों में तिरंगा शान के साथ लहराया गया. बच्चों से लेकर बूढ़े तक आजादी के जश्न में डूबे नजर आए. भारत को आजाद हुए 77 वर्ष हो गए हैं, लेकिन देश में आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो अपनी रूढ़िवादी और छोटी मानसिकता से आजादी नहीं पा सके हैं. यह सवाल इसलिए क्योंकि ऐसी ही सोच से जुड़ा एक मामला मध्यप्रदेश के विदिशा जिले से सामने आया है. जहां भगवन्तपुर ग्राम पंचायत के सरपंच को तिरंगा नहीं फहराने दिया गया, क्योंकि...

विदिशा में दलित सरपंच से नहीं कराया गया झंडा वंदन: विदिशा के सिरोंज में स्वतंत्रता दिवस पर सनसनीखेज मामला सामने आया है. भगवन्तपुर ग्राम पंचायत के सरपंच को इसलिए तिरंगा नहीं फहराने दिया गया क्योंकि वो दलित हैं. सरपंच बारेलाल अहिरवार का कहना है कि "स्कूल की मेडम मुझसे हरिजन होने के कारण चिढ़ती हैं. वो कहती हैं कि तुम दलित हो तुम क्या जानो. आज स्वतंत्रता दिवस पर मुझे स्कूल में नहीं बुलाया. मेडम ने किसी दूसरे व्यक्ति यानि की जनपद सदस्य से तिरंगा फहरवाया. जबकि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराने का अधिकार है."

Vidisha Dalit sarpanch
सरपंच और स्कूल टीचर की हुई बहस

एसडीएम ने कही जांच की बात: इस मामले में सिरोंज एसडीएम हर्षल चौधरी ने संज्ञान लिया है. सिरोंज एसडीएम ने जांच करारकर कार्रवाई करने की बात कही है." मौके पर मौजूद पंचायत सचिव अमीर हमजा ने कहा कि "अभी तक ऐसा होता रहा है कि पंचायत भवन में सरपंच झंडा फहराते हैं, फिर उसके बाद स्कूल में जाकर झंडा फहराते हैं. इसके लिये सरपंच को विधिवत सूचना दी जाती है. मगर सरपंच का कहना है कि उन्हें इस बार सूचना नहीं दी गई. स्कूल प्रिंसिपल ने किसी ओर से झंडा रोहण करा दिया. सरपंच बारेलाल पंचायत भवन में बैठे रह गए." इस घटना से आहत बारेलाल ने "कहा कि यह मेरे पद और जाति का अपमान है. मध्य प्रदेश में ऐसा आम हो गया है, जब दलितों के साथ अन्याय होता है. उनको उनका हक नहीं मिल पा रहा है."

यहां पढ़ें...

  • दलित विरोधी शिवराज सरकार :

    शिवराज सरकार में स्वतंत्रता दिवस पर्व पर दलित सरपंच बारेलाल अहिरवार जी को झंडा वंदन कार्यक्रम में शामिल नहीं किया और झंडा फहराने से रोका गया।

    शिवराज जी,
    दलितों से इतनी नफरत करते हो❓ pic.twitter.com/HXOtrTlLp6

    — MP Congress (@INCMP) August 15, 2023 " '="" class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस ने पूछा दलितों से नफरत करते हो?: विदिशा में सरपंच द्वारा झंडा रोहण नहीं करवाने को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. एमपी कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि "दलित विरोधी शिवराज सरकार, शिवराज सरकार में स्वतंत्रता दिवस पर्व पर दलित सरपंच बारेलाल अहिरवार को झंडा वंदन कार्यक्रम में शामिल नहीं किया और झंडा फहराने से रोका गया. शिवराज जी, दलितों से इतनी नफरत करते हो?"

Last Updated : Aug 15, 2023, 8:51 PM IST
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