इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले ही दो बार मौका ऐसा आया, जब मुख्यमंत्री के बदलाव को लेकर राजनीति गरमाई लेकिन पार्टी संगठन ने चुनाव को प्राथमिकता देते हुए बदलाव को टाल दिया था. यही वजह रही कि भाजपा में इस बार चुनाव के दौरान पार्टी ने किसी को भी मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया. ऐसी स्थिति में जाहिर है कि मध्य प्रदेश के जिन दिग्गजों को पार्टी ने विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा, वे अब सभी मुख्यमंत्री पद को लेकर सपने संजोए हुए हैं. MP CM Face
कैलाश विजयवर्गीय का भी नाम : सीएम पद के दावेदार अपने-अपने स्तर पर राजनीतिक समीकरण बैठाने में जुटे हुए हैं. यह देखने वाली बात होगी कि विधायक दल के नेता के लिए पार्टी किसका नाम तय करती है. सीएम पद के लिए कई दिग्गज कतार में हैं. छह बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महापौर और भाजपा महासचिव जैसे पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर रहे कैलाश विजयवर्गीय की हसरत सिर्फ मुख्यमंत्री पद को लेकर है. विजयवर्गीय को उम्मीद है कि राजनीति के संघर्ष के दौर में जब अमित शाह और नरेंद्र मोदी गुजरात की जिम्मेदारी संभालते थे, उस जमाने की नजदीकियों के आधार पर उन्हें इस बार मौका मिलेगा. उन्हें उम्मीद है कि गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें जब जो जिम्मेदारी दी, उस पर वह खरे उतरने के बाद इस बार उन्हें मुख्यमंत्री के बतौर प्रोजेक्ट किया जा सकता है. MP BJP CM Face
सिंधिया भी बड़े दावेदार : एक और बड़े दावेदार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं. कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा है. माना जा रहा है कि सिंधिया को एक चेहरे के बतौर पार्टी जिम्मेदारी दे सकती है. वहीं कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में सिंधिया क्योंकि मध्य प्रदेश में पार्टी का चेहरा हो सकते हैं. इसलिए भाजपा उन पर भी दांव लगा सकती है.
सीएम की दौड़ में प्रह्लाद पटेल का भी नाम: केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल भी विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा में हैं. पटेल ओबीसी का चेहरा और अनुभवी नेता होने के कारण आगे आ सकते हैं. इसके अलावा दिल्ली में अमित शाह और मोदी से उनके करीबी रिश्तों का भी पटेल को लाभ मिल सकता है. MP BJP CM Face
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शिवराज का दावा क्यों मजबूत : वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अंदरूनी तौर पर फिर मुख्यमंत्री बने रहने को लेकर सक्रिय हैं. चुनाव में उनकी लाड़ली बहना योजना के गेम चेंजर होने का लाभ भी उन्हें मिल सकता है. इसके अलावा लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने के कारण उन्हें दिल्ली में अपने संबंधों के जरिए एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का मौका मिल सकता है.
नरेंद्र सिंह तोमर भी सीएम पद के दावेदार: इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी दावेदार हैं. वह गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय मंत्रियों में शामिल हैं. मध्य प्रदेश चुनाव के पूर्व चुनाव समिति में भी उनका महत्वपूर्ण रोल रहा है. तोमर चुनाव के पहले तक शिवराज का विकल्प माने जा रहे थे लेकिन उनके पुत्र के वीडियो वायरल होने के कारण अब उन्हें इसे लेकर राजनीतिक परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता. CM Face of Madhya Pradesh