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Sagar Gulabi Gang: शिवराज सरकार को घेरने उतरी गुलाबी गैंग, जानें कौन है इस गैंग की लीडर जो मांग रही रोजी-राशन का हिसाब

MP Assembly Election 2023: एक तरफ एमपी की सत्ताधारी पार्टी भाजपा अपने सबसे वरिष्ठ विधायक और कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव के क्षेत्र को विकास मॉडल बताकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, तो दूसरी तरफ मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र में चुनावी साल में गुलाबी गैंग सक्रिय हो गई है. चुनावी साल में बुंदेलखंड की गुलाबी गैंग अब राशन वितरण से लेकर शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी. अभियान की शुरुआत मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र से होने रही है. ये गुलाबी गैंग इसके पहले शराबबंदी को लेकर अभियान छेड़ चुकी है.

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Published : Feb 22, 2023, 5:04 PM IST

शिवराज सरकार को घेरने उतरी गुलाबी गैंग

सागर। रहली विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ शराबबंदी को लेकर ही नहीं, बल्कि राशन माफिया, रोजगार का अभाव शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर गुलाबी गैंग ने मोर्चा खोला है. यह गैंग सागर जिला पंचायत की सदस्य ज्योति पटेल की अगुवाई में काम कर रही है. गैंग के लोग क्षेत्र का दौरा कर महिलाओं को जागरूक कर रही हैं. ज्योति पटेल का कहना है कि, मंत्री गोपाल भार्गव पिछले 40 साल से विधायक और 20 साल से मंत्री हैं, लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र में रोजगार के अभाव में लोग पलायन कर रहे हैं. एक तरफ मुफ्त राशन का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन लोगों को राशन नहीं मिल रहा है. हालांकि गुलाबी गैंग की सक्रियता पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं. क्योंकि, गुलाबी के चुनावी साल में ही सक्रिय होती है.

बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष: वर्ष 2017-18 की तरह अब 2023 में रहली विधानसभा क्षेत्र में गुलाबी गैंग एक बार फिर सक्रिय हुई है. इस बार गुलाबी गैंग सिर्फ शराबबंदी को लेकर नहीं, बल्कि बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी सक्रिय है. इसमें शराबबंदी के साथ-साथ राशन माफिया, शिक्षा की गुणवत्ता, रोजगार के लिए पलायन और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं को प्रमुख रखा गया है. गुलाबी गैंग की अगुवाई कर रही जिला पंचायत सदस्य ज्योति पटेल का कहना है कि, आज जो हमारे क्षेत्र में गुलाबी गैंग के द्वारा जन अधिकार यात्रा निकाली जा रही है. ये चुनावी मौसम में या चुनावी साल में नहीं, बल्कि लगातार 5-6 साल से शराबबंदी के माध्यम से चलाई जा रही है. पिछली बार हमने केवल शराबबंदी के लिए मुहिम चलाई थी. अब पूरे क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए हमारी गुलाबी गैंग की जन अधिकार यात्रा में शराबबंदी के अलावा उच्च गुणवत्ता शिक्षा, नियमित राशन वितरण, रोजगार की समस्या, महंगाई को लेकर हम पूरे क्षेत्र में जन अधिकार यात्रा के जरिए घरों में महिलाओं से संपर्क करके जन जागरूकता का काम कर रहे हैं.

Sagar Gulabi Gang
रहली में गुलाबी गैंग सक्रिय

नहीं मिल रहा लोगों को सुविधाओं का लाभ: गुलाबी गैंग के जरिए जन जागरूकता का काम कर रही जिला पंचायत सदस्य ज्योति पटेल का कहना है कि, जिस विधानसभा क्षेत्र को विकास का मॉडल कहा जाता है, वहां कई तरह की बुनियादी समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं. आज जब हम लोगों के घर जा रहे हैं, हर परिवार से पूछ रहे हैं, तो हर परिवार में एक नहीं अनेकों समस्याएं हैं। कई जगह जब हम हरिजन बस्तियों में जाते हैं, तो वहां की पूरी की पूरी बस्ती में खाली रहती हैं. वहां के लोग रोजगार की तलाश में दिल्ली, मुंबई और पूना जा रहे हैं. तो आप बताइए कि 20 साल से मंत्री हैं. लगातार 40 साल से विधायक गोपाल भार्गव है. परंतु आज तक रोजगार की व्यवस्था पूरे क्षेत्र में नहीं कर पाए. क्या केवल सड़कों के माध्यम से लोगों का पेट भर रहे हैं. वह सिर्फ अपने लोगों का पेट भर रहे हैं. आज जिस गांव में हम खड़े हैं,यह गांव चंद्रपुरा है. यहां पर एक भी घर में नल जल का कनेक्शन नहीं है. एक ही घर में पानी नहीं पहुंच रहा है. रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है.इस गांव में एक भी कुटीर आवंटित नहीं की गई है. विकास केवल चंद लोगों का होता है. हर गांव में उनके तीन चार लोग होते हैं और उनको करोड़पति बनाने का काम हो रहा है.

Sagar Gulabi Gang
गुलाबी गैंग शराबबंदी अभियान

समस्याओं से भरा बुंदेलखंड: चुनावी साल में जिला पंचायत सागर की दो बार सदस्य रह चुकी ज्योति पटेल की सक्रियता को लेकर माना जा सकता है कि यह चुनावी अभियान है. क्योंकि 2018 में ज्योति पटेल कांग्रेस से टिकट की दावेदार थी और 2017-18 में भी उन्होंने इसी तरह का अभियान चलाया था. अब गुलाबी गैंग के नाम पर 2022-23 में फिर अभियान चलाया जा रहा है. सीधे तौर पर माना जा सकता है कि ज्योति पटेल गुलाबी गैंग के नाम पर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर भी सक्रिय हैं. उनसे जब यह सवाल पूछा गया कि, बुंदेलखंड के दूसरे इलाकों या सागर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्र में यही समस्याएं हैं, तो गुलाबी गैंग वहां सक्रिय क्यों नहीं हैं, तो ज्योति पटेल का कहना है कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता रहली विधानसभा क्षेत्र की है. क्योंकि मैं इसी इलाके से जनप्रतिनिधि हूं और रहली विधानसभा में आने वाले 12 वार्ड से जिला पंचायत सदस्य हूं. हमें दो बार रहली विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने जिला पंचायत सदस्य बनाया है. इसके पहले 10 वार्ड से जिला पंचायत सदस्य रही हूं. यहां के लोगों ने मुझे जो प्यार और स्नेह दिया है,उसका कर्ज चुकाने के लिए निकली हूं. सागर जिले और बुंदेलखंड के दूसरे क्षेत्रों में जहां जरूरत होगी गुलाबी गैंग वहां जाएगी.

बुंदेलखंड और गुलाबी गैंग का इतिहास: जहां तक बुंदेलखंड में गुलाबी गैंग के इतिहास की बात करें तो गुलाबी गैंग का इतिहास उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़े बुंदेलखंड से हुआ है. गुलाबी गैंग की मुखिया का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा में हुआ था. बुंदेलखंड में प्रचलित बाल विवाह की प्रथा के चलते महज 12 साल की आयु में संपत लाल का विवाह चित्रकूट के रानीपुर में हुआ था. यहां की संपत लाल गुलाबी गैंग बनाकर खासकर शराब खोरी को लेकर मोर्चा खोला था. 2006 में गुलाबी गैंग एक एसडीएम की पिटाई को लेकर सुर्खियों में आई थी. 2011 में गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल को द गार्जियन अखबार ने 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था.

Sagar Gulabi Gang
सागर गुलाबी गैंग

MP: बुंदेलखंड का दशरथ मांझी, 70 साल की उम्र में उठाई कुदाल और कर दिया कमाल

विधानसभा क्षेत्र में मोर्चा खोला: धीरे-धीरे संपत लाल मशहूर हुई और उत्तर प्रदेश से मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में उनका प्रभाव बड़ा. कई महिलाओं ने संपत लाल को आदर्श मानकर मध्यपदेश के बुंदेलखंड इलाके में गुलाबी गैंग का गठन किया. इसी तरह मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर जिले की रैली में ज्योति पटेल ने गुलाबी गैंग का गठन किया जो सागर जिला पंचायत की सदस्य भी हैं. करीब 5 साल पहले 2017 में जिला पंचायत सदस्य ज्योति पटेल ने शराबबंदी को लेकर रहली विधानसभा क्षेत्र में मोर्चा खोला था.

शिवराज सरकार को घेरने उतरी गुलाबी गैंग

सागर। रहली विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ शराबबंदी को लेकर ही नहीं, बल्कि राशन माफिया, रोजगार का अभाव शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर गुलाबी गैंग ने मोर्चा खोला है. यह गैंग सागर जिला पंचायत की सदस्य ज्योति पटेल की अगुवाई में काम कर रही है. गैंग के लोग क्षेत्र का दौरा कर महिलाओं को जागरूक कर रही हैं. ज्योति पटेल का कहना है कि, मंत्री गोपाल भार्गव पिछले 40 साल से विधायक और 20 साल से मंत्री हैं, लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र में रोजगार के अभाव में लोग पलायन कर रहे हैं. एक तरफ मुफ्त राशन का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन लोगों को राशन नहीं मिल रहा है. हालांकि गुलाबी गैंग की सक्रियता पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं. क्योंकि, गुलाबी के चुनावी साल में ही सक्रिय होती है.

बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष: वर्ष 2017-18 की तरह अब 2023 में रहली विधानसभा क्षेत्र में गुलाबी गैंग एक बार फिर सक्रिय हुई है. इस बार गुलाबी गैंग सिर्फ शराबबंदी को लेकर नहीं, बल्कि बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी सक्रिय है. इसमें शराबबंदी के साथ-साथ राशन माफिया, शिक्षा की गुणवत्ता, रोजगार के लिए पलायन और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं को प्रमुख रखा गया है. गुलाबी गैंग की अगुवाई कर रही जिला पंचायत सदस्य ज्योति पटेल का कहना है कि, आज जो हमारे क्षेत्र में गुलाबी गैंग के द्वारा जन अधिकार यात्रा निकाली जा रही है. ये चुनावी मौसम में या चुनावी साल में नहीं, बल्कि लगातार 5-6 साल से शराबबंदी के माध्यम से चलाई जा रही है. पिछली बार हमने केवल शराबबंदी के लिए मुहिम चलाई थी. अब पूरे क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए हमारी गुलाबी गैंग की जन अधिकार यात्रा में शराबबंदी के अलावा उच्च गुणवत्ता शिक्षा, नियमित राशन वितरण, रोजगार की समस्या, महंगाई को लेकर हम पूरे क्षेत्र में जन अधिकार यात्रा के जरिए घरों में महिलाओं से संपर्क करके जन जागरूकता का काम कर रहे हैं.

Sagar Gulabi Gang
रहली में गुलाबी गैंग सक्रिय

नहीं मिल रहा लोगों को सुविधाओं का लाभ: गुलाबी गैंग के जरिए जन जागरूकता का काम कर रही जिला पंचायत सदस्य ज्योति पटेल का कहना है कि, जिस विधानसभा क्षेत्र को विकास का मॉडल कहा जाता है, वहां कई तरह की बुनियादी समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं. आज जब हम लोगों के घर जा रहे हैं, हर परिवार से पूछ रहे हैं, तो हर परिवार में एक नहीं अनेकों समस्याएं हैं। कई जगह जब हम हरिजन बस्तियों में जाते हैं, तो वहां की पूरी की पूरी बस्ती में खाली रहती हैं. वहां के लोग रोजगार की तलाश में दिल्ली, मुंबई और पूना जा रहे हैं. तो आप बताइए कि 20 साल से मंत्री हैं. लगातार 40 साल से विधायक गोपाल भार्गव है. परंतु आज तक रोजगार की व्यवस्था पूरे क्षेत्र में नहीं कर पाए. क्या केवल सड़कों के माध्यम से लोगों का पेट भर रहे हैं. वह सिर्फ अपने लोगों का पेट भर रहे हैं. आज जिस गांव में हम खड़े हैं,यह गांव चंद्रपुरा है. यहां पर एक भी घर में नल जल का कनेक्शन नहीं है. एक ही घर में पानी नहीं पहुंच रहा है. रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है.इस गांव में एक भी कुटीर आवंटित नहीं की गई है. विकास केवल चंद लोगों का होता है. हर गांव में उनके तीन चार लोग होते हैं और उनको करोड़पति बनाने का काम हो रहा है.

Sagar Gulabi Gang
गुलाबी गैंग शराबबंदी अभियान

समस्याओं से भरा बुंदेलखंड: चुनावी साल में जिला पंचायत सागर की दो बार सदस्य रह चुकी ज्योति पटेल की सक्रियता को लेकर माना जा सकता है कि यह चुनावी अभियान है. क्योंकि 2018 में ज्योति पटेल कांग्रेस से टिकट की दावेदार थी और 2017-18 में भी उन्होंने इसी तरह का अभियान चलाया था. अब गुलाबी गैंग के नाम पर 2022-23 में फिर अभियान चलाया जा रहा है. सीधे तौर पर माना जा सकता है कि ज्योति पटेल गुलाबी गैंग के नाम पर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर भी सक्रिय हैं. उनसे जब यह सवाल पूछा गया कि, बुंदेलखंड के दूसरे इलाकों या सागर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्र में यही समस्याएं हैं, तो गुलाबी गैंग वहां सक्रिय क्यों नहीं हैं, तो ज्योति पटेल का कहना है कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता रहली विधानसभा क्षेत्र की है. क्योंकि मैं इसी इलाके से जनप्रतिनिधि हूं और रहली विधानसभा में आने वाले 12 वार्ड से जिला पंचायत सदस्य हूं. हमें दो बार रहली विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने जिला पंचायत सदस्य बनाया है. इसके पहले 10 वार्ड से जिला पंचायत सदस्य रही हूं. यहां के लोगों ने मुझे जो प्यार और स्नेह दिया है,उसका कर्ज चुकाने के लिए निकली हूं. सागर जिले और बुंदेलखंड के दूसरे क्षेत्रों में जहां जरूरत होगी गुलाबी गैंग वहां जाएगी.

बुंदेलखंड और गुलाबी गैंग का इतिहास: जहां तक बुंदेलखंड में गुलाबी गैंग के इतिहास की बात करें तो गुलाबी गैंग का इतिहास उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़े बुंदेलखंड से हुआ है. गुलाबी गैंग की मुखिया का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा में हुआ था. बुंदेलखंड में प्रचलित बाल विवाह की प्रथा के चलते महज 12 साल की आयु में संपत लाल का विवाह चित्रकूट के रानीपुर में हुआ था. यहां की संपत लाल गुलाबी गैंग बनाकर खासकर शराब खोरी को लेकर मोर्चा खोला था. 2006 में गुलाबी गैंग एक एसडीएम की पिटाई को लेकर सुर्खियों में आई थी. 2011 में गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल को द गार्जियन अखबार ने 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था.

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सागर गुलाबी गैंग

MP: बुंदेलखंड का दशरथ मांझी, 70 साल की उम्र में उठाई कुदाल और कर दिया कमाल

विधानसभा क्षेत्र में मोर्चा खोला: धीरे-धीरे संपत लाल मशहूर हुई और उत्तर प्रदेश से मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में उनका प्रभाव बड़ा. कई महिलाओं ने संपत लाल को आदर्श मानकर मध्यपदेश के बुंदेलखंड इलाके में गुलाबी गैंग का गठन किया. इसी तरह मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर जिले की रैली में ज्योति पटेल ने गुलाबी गैंग का गठन किया जो सागर जिला पंचायत की सदस्य भी हैं. करीब 5 साल पहले 2017 में जिला पंचायत सदस्य ज्योति पटेल ने शराबबंदी को लेकर रहली विधानसभा क्षेत्र में मोर्चा खोला था.

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