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MP अजब है! 872 दवाओं की कीमत 10 फीसदी बढ़ी, शराब 20 फीसदी सस्ती - एमपी में दवा महंगी

मध्यप्रदेश में अब शराब खरीदना सस्ता पड़ेगा लेकिन बुखार, इंफेक्शन जैसी आम बीमारियों से जुड़ी दवाएं 10 फीसदी तक महंगी हो गई है. जिसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना. (rate of liquor decreased by 20 percent) साथ ही उमा भारती ने कहा कि वे इस बात से शर्मिंदा हुई हैं.(medicine became expensive in mp)

madhya pradesh medicine became expensive in mp
MP अजब है! 872 दवाओं की कीमत 10 फीसदी बढ़ी, शराब 20 फीसदी सस्ती
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Published : Apr 2, 2022, 7:54 AM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में अब शराब खरीदना सस्ता पड़ेगा, लेकिन यदि आप बीमार हो जाएं, तो उसके लिए ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. स्थिति अजीब है, लेकिन प्रदेश में सच्चाई यही है. प्रदेश में 1 अप्रैल से शराब की कीमतों में 20 फीसदी तक की कमी हो गई है, जबकि अब बुखार, इंफेक्शन जैसी आम बीमारियों से लेकर हृदय रोग जैसे गंभीर बीमारी से जुड़ी दवाएं 10 फीसदी तक महंगी हो गई है. इसके अलावा प्रदेश में शराब बंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तेवर उग्र हैं, उन्होंने एक बार फिर प्रदेश की नई शराब नीति को लेकर शिवराज सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

अब 20 फीसदी कम दाम पर शराब: मध्यप्रदेश में अब शराब की कीमतों में 20 फीसदी की कमी हो गई है. (rate of liquor decreased by 20 percent in mp) प्रदेश में 1 अप्रैल से लागू हुई नई शराब नीति के तहत प्रदेश में विदेशी शराब पर एक्साइज ड्यूटी में तीन फीसदी की कमी कर दी गई है, देसी और विदेशी शराब की एमआरपी यानी मैक्सीमम रिटेल प्राइज से 20 फीसदी कम रेट पर मिलेगी. इसके चलते अब प्रदेश में विदेशी का जो पौवा पहले 200 रुपए में मिलता था वह अब 160 रुपए में मिलेगा. इसी तरह देसी पौवे के दाम घटकर 85 रुपए हो गए हैं. नई आबकारी नीति में सरकार ने घर पर शराब रखने की लिमिट भी बढ़ा दी गई है. (medicine became expensive in mp)

एमपी में दवा महंगी, दारू सस्ती

ऑफर के चलते खूब बिकी शराब: नए ठेकों के पहले, ऑफर में शराब की जमकर बिक्री हुई. शराब ठेकेदारों ने स्टाॅक निकालने के लिए एक के साथ एक बोतल का ऑफर दिया, हालांकि नई शराब नीति के तहत राजधानी भोपाल सहित चार बड़े शहरों में करीबन 150 से ज्यादा दुकानों की नीलामी नहीं हो सकी. अब इन दुकानों पर आबकारी विभाग और होमगार्ड के जवान बैठकर लोगों को शराब बेचेंगे. ऐसी तमाम दुकानों पर शुक्रवार को शराब की बिक्री बंद रही, शनिवार से नई व्यवस्था के तहत यहां आबकारी के कर्मचारी बैठेंगे.

शराब सस्ती हुई, लेकिन दवा हुई महंगी: प्रदेश में शराब के रेट घटने से शौकीन तो खुश हैं, लेकिन अब इलाज कराना महंगा पड़ेगा. दवाओं की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की बढोत्तरी हो गई है, नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथाॅरिटी ऑफ इंडिया ने दवाओं के दामों में 10.7 फीसदी की बढोत्तरी कर दी है. इसके चलते बुखार, इंफेक्शन जैसी आम बीमारी से जुड़ी दवाओं से लेकर हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों तक की दवाओं की कीमतों में बढोत्तरी हो गई है. कुल मिलाकर करीब 872 प्रकार की दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं. जाहिर है इलाज के लिए हाॅस्पिटल पहुंचने वाले लोगों की जेब पर भार बढ़ेगा, इसी तरह पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, खाद्य तेल जैसी जरूरी चीजों के लगातार बढ़ रहे दाम आम लोगों की कमर तोड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- क्या मोदी-योगी की राह पर निकल पड़े शिवराज ?

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना: शराब की घटती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि सरकार को सिर्फ शराब की कीमतों की चिंता थी, जिसकी कीमतें नई आबकारी नीति के बाद प्रदेश में कम हो गई हैं, जबकि रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर सरकार चुप्पी साधे हुए है.(new liquor policy of MP)

शर्मिंदा हुईं उमा भारती: इधर उमा भारती प्रदेश में शराब को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि, वे शर्मिंदा हैं, क्योंकि लोगों की इज्जत और जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे हैं. उन्होंने लिखा कि वे मध्यप्रदेश की महिलाओं और बेटियों के साथ हैं, शराबखोरी के शिकार हो गए बेटों के लिए भी वे चिंतित हैं. उमा भारती ने लिखा कि आज हमने प्रदेश में नई शराब नीति लागू की है, इसमें लोगों को ज्यादा शराब कैसे पिलाई जा सके, अहातों से ज्यादा शराब कैसे परोसी जा सके, इस व्यवस्था को निश्चित किया है.(Uma Bharti Embarrassed on new liquor policy)

भोपाल: मध्यप्रदेश में अब शराब खरीदना सस्ता पड़ेगा, लेकिन यदि आप बीमार हो जाएं, तो उसके लिए ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. स्थिति अजीब है, लेकिन प्रदेश में सच्चाई यही है. प्रदेश में 1 अप्रैल से शराब की कीमतों में 20 फीसदी तक की कमी हो गई है, जबकि अब बुखार, इंफेक्शन जैसी आम बीमारियों से लेकर हृदय रोग जैसे गंभीर बीमारी से जुड़ी दवाएं 10 फीसदी तक महंगी हो गई है. इसके अलावा प्रदेश में शराब बंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तेवर उग्र हैं, उन्होंने एक बार फिर प्रदेश की नई शराब नीति को लेकर शिवराज सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

अब 20 फीसदी कम दाम पर शराब: मध्यप्रदेश में अब शराब की कीमतों में 20 फीसदी की कमी हो गई है. (rate of liquor decreased by 20 percent in mp) प्रदेश में 1 अप्रैल से लागू हुई नई शराब नीति के तहत प्रदेश में विदेशी शराब पर एक्साइज ड्यूटी में तीन फीसदी की कमी कर दी गई है, देसी और विदेशी शराब की एमआरपी यानी मैक्सीमम रिटेल प्राइज से 20 फीसदी कम रेट पर मिलेगी. इसके चलते अब प्रदेश में विदेशी का जो पौवा पहले 200 रुपए में मिलता था वह अब 160 रुपए में मिलेगा. इसी तरह देसी पौवे के दाम घटकर 85 रुपए हो गए हैं. नई आबकारी नीति में सरकार ने घर पर शराब रखने की लिमिट भी बढ़ा दी गई है. (medicine became expensive in mp)

एमपी में दवा महंगी, दारू सस्ती

ऑफर के चलते खूब बिकी शराब: नए ठेकों के पहले, ऑफर में शराब की जमकर बिक्री हुई. शराब ठेकेदारों ने स्टाॅक निकालने के लिए एक के साथ एक बोतल का ऑफर दिया, हालांकि नई शराब नीति के तहत राजधानी भोपाल सहित चार बड़े शहरों में करीबन 150 से ज्यादा दुकानों की नीलामी नहीं हो सकी. अब इन दुकानों पर आबकारी विभाग और होमगार्ड के जवान बैठकर लोगों को शराब बेचेंगे. ऐसी तमाम दुकानों पर शुक्रवार को शराब की बिक्री बंद रही, शनिवार से नई व्यवस्था के तहत यहां आबकारी के कर्मचारी बैठेंगे.

शराब सस्ती हुई, लेकिन दवा हुई महंगी: प्रदेश में शराब के रेट घटने से शौकीन तो खुश हैं, लेकिन अब इलाज कराना महंगा पड़ेगा. दवाओं की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की बढोत्तरी हो गई है, नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथाॅरिटी ऑफ इंडिया ने दवाओं के दामों में 10.7 फीसदी की बढोत्तरी कर दी है. इसके चलते बुखार, इंफेक्शन जैसी आम बीमारी से जुड़ी दवाओं से लेकर हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों तक की दवाओं की कीमतों में बढोत्तरी हो गई है. कुल मिलाकर करीब 872 प्रकार की दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं. जाहिर है इलाज के लिए हाॅस्पिटल पहुंचने वाले लोगों की जेब पर भार बढ़ेगा, इसी तरह पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, खाद्य तेल जैसी जरूरी चीजों के लगातार बढ़ रहे दाम आम लोगों की कमर तोड़ रहे हैं.

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कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना: शराब की घटती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि सरकार को सिर्फ शराब की कीमतों की चिंता थी, जिसकी कीमतें नई आबकारी नीति के बाद प्रदेश में कम हो गई हैं, जबकि रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर सरकार चुप्पी साधे हुए है.(new liquor policy of MP)

शर्मिंदा हुईं उमा भारती: इधर उमा भारती प्रदेश में शराब को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि, वे शर्मिंदा हैं, क्योंकि लोगों की इज्जत और जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे हैं. उन्होंने लिखा कि वे मध्यप्रदेश की महिलाओं और बेटियों के साथ हैं, शराबखोरी के शिकार हो गए बेटों के लिए भी वे चिंतित हैं. उमा भारती ने लिखा कि आज हमने प्रदेश में नई शराब नीति लागू की है, इसमें लोगों को ज्यादा शराब कैसे पिलाई जा सके, अहातों से ज्यादा शराब कैसे परोसी जा सके, इस व्यवस्था को निश्चित किया है.(Uma Bharti Embarrassed on new liquor policy)

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