हमारे देश में महाशिवरात्रि का पावन पर्व गौरी-शंकर की शादी की सालगिरह के रूप में मनायी जाता है. यह दिन काफी शुभ व उत्तम माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा व आराधना के साथ ही उनके विवाह का आयोजन किया जाता हैं. इस दिन लोग व्रत रखकर पूरे दिन धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. हमारे हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पावन पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन के बारे में ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंगों में विराजमान होते हैं और पूजन से प्रसन्न हो जाते हैं.
हिन्दू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश नाम के त्रिदेवों का विशेष तौर पर उल्लेख है. इन तीनों को इस सृष्टि की रचना, संचालन एवं विनाश के लिए उत्तरदायी माना जाता है. भगवान ब्रह्मा को सृजन का, भगवान विष्णु का पालनहार व भोलेनाथ शंकर को विनाश का प्रतीक मानकर पूजा जाता है. महाशिवरात्रि का पर्व भोलेनाथ से जुड़ा हुआ है और इसी दिन भगवान शंकर का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था. इसलिए इसे महाशिवरात्रि कहते हैं. अबकी बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को मनाया जाएगा. इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को मनाया जाएगा. इस बार महाशिवरात्रि पर कई विशेष संयोग बनने से यह पर्व विशेष बन गया है. यह शुभ संयोग कई सालों के बाद बन रहा है.
30 साल बाद फलदायी सर्वार्थ सिद्धि योग
अबकी बार महाशिवरात्रि पर अत्यंत शुभ और फलदायी सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसके बारे में मान्यता है कि इस शुभ योग में धार्मिक कार्य करने से कई गुना अधिक फल मिलता है और मन की मुरादें पूरी होती हैं. धार्मिक अनुष्ठान विशेषज्ञों के मुताबिक महाशिवरात्रि पर यह संयोग लगभग 30 साल बाद बन रहा है. इस शुभ संयोग की वजह से कई जगहों पर विशेष तौर पर धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होंगे. यह योग शाम 04 बजकर 12 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. इस साल महाशिवरात्रि पर न्याय के देवता शनि कुंभ राशि में विराजमान रहने वाले हैं. शाम 04 बजकर 12 से शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा
महाशिवरात्रि 2023 पूजन समय
हमारे हिन्दू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का सर्वोत्तम तरीका चार प्रहरों में की जाने वाली पूजा है, जिससे भगवान अधिक प्रसन्न होते हैं...
पहले प्रहर की पूजा का समय- 18 फरवरी शाम 06 बजकर 45 मिनट से रात 09 बजकर 35 मिनट तक
दूसरे प्रहर की पूजा का समय-18 फरवरी रात्रि 09 बजकर 35 मिनट से 19 फरवरी मध्यरात्रि 12 बजकर 24
तीसरे प्रहर की पूजा का समय-19 फरवरी मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट से प्रातः 03 बजकर 14 मिनट तक
चौथे प्रहर की पूजा का समय-19 फरवरी प्रातः 03 बजकर 14 मिनट से सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक
महाशिवरात्रि और शनि प्रदोष साथ-साथ
साल 2023 में महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का संयोग भी बनने जा रहा है. धार्मिक पंचांगों के अनुसार 18 फरवरी दिन शनिवार को रात 8 बजे फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि होगी. इसलिए शनि प्रदोष व्रत भी 18 फरवरी को रखा जाएगा.