डिंडोरी। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के शहपुरा ब्लॉक की एसडीएम काजल जावला को अवैध उत्खनन करने वालों ने ऑनलाइन चैट प्लेटफॉर्म WhatsApp पर धमकी दी है. SDM काजल जावला ने हाल ही में एक सड़क निर्माण कंपनी के अवैध उत्खनन पर नकेल कसी है और कई लोगों पर माइनिंग को लेकर एक्शन लिया है. अब आरोपी उन्हें मैसेज कर के धमकी दे रहे हैं. फिलहाल एसडीएम ने धमकी देने के मामले की पुलिस से शिकायत की है और FIR के लिए आवेदन दे रही हैं. डिंडोरी मैं IAS काजल जावला बतौर SDM काम कर रही हैं. इसी इलाके में शाहपुरा से कुंडम फोरलेन सड़क निर्माण का एक बड़ा ठेका निजी कंपनी को मिला हुआ है.
अवैध उत्तखनन रोकने पर एसडीएम को धमकी: आरोप है कि कंपनी ने कई जरूरी राजस्व अनुमतियां नहीं ली हैं. मसलन सड़क पर फीलिंग के लिए जो मुरूम लगनी है उसके लिए बकायदा खनन का एक पट्टा लेना होता है, लेकिन कंपनी ने बिना पट्टा लिए हुए ही बड़ी तादाद में मुरम की खनन की है. इसके पहले कंपनी ने बिना अनुमति के 12 हरे भरे पेड़ काट दिए थे. इन सब अनियमितताओं पर जब एसडीएम काजल जावला ने एक्शन लिया और राजस्व अमले को मौके पर भेजकर अवैध उत्खनन का पंचनामा बनाया तो कर्मचारियों ने पंचनामा स्वीकार करने से मना कर दिया. इस पर हस्ताक्षर नहीं किए और बाद में एसडीएम काजल जावला ने इस पूरी साइट का काम रुकवा दिया. अब उनके ऑफिस में ताला लगाकर चाबी स्थानीय थाने को सौंप दी है.
हमारे काम में हस्तक्षेप मत करिए: एसडीएम काजल जावला को रविवार के दिन व्हाटस एप पर मैसेज आया कि "आप हमारे काम में हस्तक्षेप मत करिए. जिस तरह से काम चल रहा है, चलने दीजिए. मिल कर देख लेंगे. "बता दें कि जिस नंबर से व्हाटस मैसेज किए गए, उसी नंबर से पहले फोन भी किए गए थे. मैसेज भेजने से पहले डिसअपेयरिंग मैसेज (disappearing message) ऑन किया गया, जिससे रिकार्ड सुरक्षित नहीं रहे. जब काजल जावला ने यह मैसेज देखे तो उन्होंने तत्काल डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा को पूरा मामला बताया. इसके बाद इस मामले की एक शिकायत शहपुरा थाने में की गई.
दर्ज होगी एफआईआर: फिलहाल एसडीएम काजल जावला की शिकायत के बाद थाना प्रभारी अखिलेश दायिहा खुद इस मामले की जांच कर रहे हैं. थाना प्रभारी दाहिया ने ईटीवी को बताया कि "शिकायत मिली है और जांच कर रहे हैं." वहीं कलेक्टर डिंडोरी विकास मिश्रा से ईटीवी ने बात की तो बोले कि "धमकी मिली है और आज उसकी एफआईआर दर्ज करवाएंगे."
12000000 का जुर्माना: एसडीएम काजल जावला ने 12000000 रुपए का जुर्माना भी इस कंपनी पर लगाया है. काजल का कहना है कि यह राशि बतौर रॉयल्टी शासन में जमा होनी थी जिसकी चोरी कंपनी ने की है. काजल जावला का कहना है कि "बिना डायवर्सन के कंपनी एक क्रेशर चला रही है जब जुर्माने की यह कार्यवाही की गई तो कंपनी के एमडी ने आईएएस काजल जावला यानि मुझे पहले फोन लगाकर धमकाने की कोशिश की, लेकिन जब उन्होंने फोन नहीं उठाया तो व्हाट्सएप पर मैसेज लिख कर धमकी दी है". काजल जावला का कहना है कि उनके पास सुरक्षा में मात्र एक कर्मचारी होता है जबकि ठेकेदार के पास कर्मचारियों की पूरी फौज है. इसलिए उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए और ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाए.
दरअसल शनिवार को शहपुरा एसडीएम काजल जावला ने शहपुरा से कुंडम तक सड़क निर्माण करने वाली कंपनी का क्रेशर सील कर दिया था, क्योंकि कंपनी के कर्मचारी बिना पट्टा और डायवर्जन के अवैध उत्खनन करते हुए मौके पर मिले थे. जांच के दौरान 4 हजार मीटर से अधिक क्षेत्र में अवैध उत्खनन होना पाया गया था, जिस जगह पर क्रेशर मशीन को संचलित किया जा रहा था, उस भूमि का न तो पट्टा लिया गया था और ना ही जिला प्रशासन से कोई अनुमति. इतना ही नहीं इसी इलाके में बिना जिला प्रशासन की अनुमति के जबलपुर अमरकंटक नेशनल हाइवे के किनारे लगे पेड़ों की कटाई भी की गई थी. इसके अलावा जबलपुर के कुंडम से डिंडौरी जिले के शहपुरा तहसील तक सड़क निर्माण कर रही कंपनी के खिलाफ शिकायत मिली थी कि वह बिना जिला प्रशासन की अनुमति लिए अवैध उत्खनन कर रही है, जिस पर एक्शन लेते हुए एसडीएम काजल जावला ने कार्रवाई की थी.
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सिर्फ एक पट्टे का कराया था डायवर्जन: जानकारी के अनुसार कंपनी छिंदवाड़ा के दल्का खमरिया गांव में खसरा क्रमांक 154/1, 154/2, 154/3, 154/4, रकबा क्रमांक 0.38, 1.80, 0.38, 0.37 पर स्थित है. क्रेशर और ग्राम टिकरा खमरिया स्थित खसरा क्रमांक 1/1, 1/2, 1/3 के रकबा क्रमांक 0.40 पर उत्खनन की जांच की गई, कार्रवाई 1 अप्रैल को की गई थी. मौके पर अकाउंटेंट एवं प्रोजेक्ट मैनेजर द्वारा उक्त स्थल पर क्रेशर लगाने के कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दिखाए गए. माइनिंग के रीजनल ऑफिस जबलपुर द्वारा अनुमोदित खनिज योजना की एक प्रति दिखाई गई, लेकिन कलेक्टर कार्यालय खनिज शाखा डिंडोरी द्वारा प्रदान किए गए उत्खनन पट्टे की प्रति उक्त जमीनों का कृषि से हटकर विभिन्न प्रयोजनों के लिए किए जाने वाला डायवर्जन नहीं दिखाया गया और ना ही मध्य प्रदेश राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA), प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी आदि कोई भी दस्तावेज दिखाए गए. कंपनी ने केवल एक खसरा 154/1 का डायवर्सन कराया था, इसीलिए अवैध खनन परिवहन तथा भंडारण का निवारण नियम 2022 के नियम 18(2) के अनुरूप कुल जुर्माना 12000000 प्रस्तावित कर कलेक्टर खनिज शाखा डिंडोरी को प्रकरण भेज दिया गया. इसके बाद जब टीम कार्रवाई करने के लिए मौके पर गई तो मौजूद कंपनी के कर्मचारियों के ने पंचनामा पर हस्ताक्षर करने एवं सुपुर्दगी लेने से मना कर दिया. इतना ही नहीं मौके पर उपस्थित अकाउंटेंट एवं सुपरवाइजर ने राजस्व अमले के साथ अभद्रता भी की, इसके बाद मौके पर एसडीएम को जो भी सामग्री मिली, उसे सील करके तालाबंदी करा दी.