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Karmajhiri Sanctuary Seoni: पेंच टाइगर रिजर्व से सटे कर्मझिरी बना अभयारण्य, सीएम शिवराज ने की घोषणा

मध्य प्रदेश सरकार ने देश का एक नई वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी का तोहफा दिया है. इसके साथ ही एमपी में अब एक नया टाइगर जोन भी अस्तित्स में आ जाएगा. पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के सीमावर्ती वन क्षेत्र को शामिल कर नया कर्मझिरी अभयारण्य बनाया गया है जिसकी घोषणा सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की है. (Pench Tiger Reserve) (Karmajhiri Sanctuary Seoni) (madhya pradesh announces new wild life sanctuary)

Karmajhiri sanctuary madhya pradesh
कर्मझीरी अभयारण्य मध्य प्रदेश
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Published : Jul 27, 2022, 9:36 PM IST

सिवनी। राज्य शासन द्वारा प्रसिद्ध पेंच टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती वन क्षेत्र को शामिल करते हुए नवीन कर्माझिरी अभयारण्य का गठन किया गया है. वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने सिवनी जिले में पेंच टाइगर रिजर्व से सटे एक लोकप्रिय सफारी क्षेत्र कर्मझीरी को एक नए अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया है. उन्होंने कहा कि इस कदम से बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन को मजबूती मिलेगी और यह भी जानवरों के लिए वन क्षेत्र का विस्तार करेंगे. (New Karmajhiri Sanctuary)

संरक्षित क्षेत्र के रकबे में वृद्धि: सिवनी का 1410.420 हेक्टेयर वन क्षेत्र नए कर्मझिरी अभयारण्य में शामिल है. यह बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन को मजबूत करेगा क्योंकि मांसाहारी और शाकाहारी दोनों जानवरों को रहने के लिए अतिरिक्त जगह मिलेगी. मुख्य वन संरक्षक जे.एस चौहान ने कहा कि, प्रदेश में वन्य-प्राणी बहुल क्षेत्र को शामिल करते हुए संरक्षित क्षेत्र के रकबे में वृद्धि होगी. पेंच टाइगर रिजर्व भारत के प्रमुख बाघ अभयारण्यों में से एक है, और दो राज्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला पहला बाघ अभयारण्य है.

एमपी में 24 अभयारण्य: वर्तमान में मध्यप्रदेश में 24 अभयारण्य है. शिवपुरी के करेरा अभयारण्य को डिनोटिफाई किया गया है. इस प्रकार कर्मझिरी अभयारण्य के गठन के बाद संख्या कुल 24 ही रहेगी. चौहान ने कहा कि हाल ही में केंद्र ने स्थानीय लोगों की मांग के अनुसार करेरा अभयारण्य को डीनोटिफाई किया था. सरकारी अधिसूचना के अनुसार, स्थानीय आबादी की मांग पर 202.21 वर्ग किमी में फैले करेरा वन्यजीव अभयारण्य को डीनोटिफाई किया गया है.

Sonchiriya sanctuary close : एक थी सोनचिरैया..सरकार नहीं बढ़ाएगी इस पक्षी का वंश, अभ्यारण्य पर लगा ताला

1992 के बाद से सोनचिरैया नहीं दिखी: करेरा वन्यजीव अभयारण्य का गठन 1981 में सोनचिरैया के संरक्षण के लिए किया गया था, जो पक्षी की एक दुर्लभ प्रजाति थी. यह एक अधिसूचित क्षेत्र था, इसलिए इस क्षेत्र में जमीन की बिक्री-खरीद पर प्रतिबंध था. अधिकारी ने कहा कि लोग इसे गैर अधिसूचित करने की मांग कर रहे थे, क्योंकि 1992 के बाद से सोनचिरैया को इस क्षेत्र में कभी नहीं देखा गया था. अधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र को अधिसूचित करने के लिए एक गैजट अधिसूचना जारी की गई है.(New Karmajhiri Sanctuary in front of Pench Tiger Reserve)

सिवनी। राज्य शासन द्वारा प्रसिद्ध पेंच टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती वन क्षेत्र को शामिल करते हुए नवीन कर्माझिरी अभयारण्य का गठन किया गया है. वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने सिवनी जिले में पेंच टाइगर रिजर्व से सटे एक लोकप्रिय सफारी क्षेत्र कर्मझीरी को एक नए अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया है. उन्होंने कहा कि इस कदम से बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन को मजबूती मिलेगी और यह भी जानवरों के लिए वन क्षेत्र का विस्तार करेंगे. (New Karmajhiri Sanctuary)

संरक्षित क्षेत्र के रकबे में वृद्धि: सिवनी का 1410.420 हेक्टेयर वन क्षेत्र नए कर्मझिरी अभयारण्य में शामिल है. यह बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन को मजबूत करेगा क्योंकि मांसाहारी और शाकाहारी दोनों जानवरों को रहने के लिए अतिरिक्त जगह मिलेगी. मुख्य वन संरक्षक जे.एस चौहान ने कहा कि, प्रदेश में वन्य-प्राणी बहुल क्षेत्र को शामिल करते हुए संरक्षित क्षेत्र के रकबे में वृद्धि होगी. पेंच टाइगर रिजर्व भारत के प्रमुख बाघ अभयारण्यों में से एक है, और दो राज्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला पहला बाघ अभयारण्य है.

एमपी में 24 अभयारण्य: वर्तमान में मध्यप्रदेश में 24 अभयारण्य है. शिवपुरी के करेरा अभयारण्य को डिनोटिफाई किया गया है. इस प्रकार कर्मझिरी अभयारण्य के गठन के बाद संख्या कुल 24 ही रहेगी. चौहान ने कहा कि हाल ही में केंद्र ने स्थानीय लोगों की मांग के अनुसार करेरा अभयारण्य को डीनोटिफाई किया था. सरकारी अधिसूचना के अनुसार, स्थानीय आबादी की मांग पर 202.21 वर्ग किमी में फैले करेरा वन्यजीव अभयारण्य को डीनोटिफाई किया गया है.

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1992 के बाद से सोनचिरैया नहीं दिखी: करेरा वन्यजीव अभयारण्य का गठन 1981 में सोनचिरैया के संरक्षण के लिए किया गया था, जो पक्षी की एक दुर्लभ प्रजाति थी. यह एक अधिसूचित क्षेत्र था, इसलिए इस क्षेत्र में जमीन की बिक्री-खरीद पर प्रतिबंध था. अधिकारी ने कहा कि लोग इसे गैर अधिसूचित करने की मांग कर रहे थे, क्योंकि 1992 के बाद से सोनचिरैया को इस क्षेत्र में कभी नहीं देखा गया था. अधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र को अधिसूचित करने के लिए एक गैजट अधिसूचना जारी की गई है.(New Karmajhiri Sanctuary in front of Pench Tiger Reserve)

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