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गुजरात चुनाव के बाद यूपी पर फोकस करेगी कांग्रेस, खड़गे करेंगे नई घोषणा - गुजरात चुनाव

गजुरात और हिमाचल चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस पार्टी यूपी के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करेगी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि खड़गे ने यूपी के लिए अलग योजना बनाई है. प्रियंका गांधी भी यहां पर फिर से कुछ नया कर सकती हैं. पार्टी का सारा ध्यान संगठन को मजबूत करने पर है. इसी कड़ी में खड़गे ने आज पार्टी की सभी समितियों को भंग कर दिया है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की एक रिपोर्ट. Kharge dissolves UP assembly poll panels .

mallikarjun kharge, priyanka gandhi
मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी
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Published : Nov 17, 2022, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में गठित पार्टी की सभी समितियों को गुरुवार को भंग कर दिया और पार्टी की राज्य इकाई का पुनगर्ठन किए जाने की संभावना है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के नेतृत्व में ही पदाधिकारियों की नियुक्ति और संगठन में फेरबदल होगा. कांग्रेस के अनुसार, खड़गे ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बनी सभी समितियों को भंग करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है. उत्तर प्रदेश में इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव हुआ था. कांग्रेस को 403 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ दो सीटें और 2.33 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. Kharge dissolves UP assembly poll panels .

सूत्रों के अनुसार खड़गे गुजरात और महाराष्ट्र चुनाव परिणाम आने के बाद यूपी के लिए अपनी योजना का खुलासा करेंगे. यूपी में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. सूत्रों के अनुसार खड़गे ने इसे तीन कैटेगरी में बांटने की एक योजना बनाई है. इन्हें 'कठिन', 'कम कठिन' और 'आसान', इस तरह से बांटे जाने की उम्मीद है. आसान यानी इसमें 20 सीटों को रखे जाने की संभावना है, जहां पार्टी उम्मीद कर रही है कि उसकी जीत आसान होगी. वहां पर पार्टी उम्मीदवारों के नाम और संगठन को पहले ही मजबूत कर लेगी. इसी तरह से अन्य दो कैटेगरी के लिए पार्टी अलग रणनीति बनाएगी.

खबरी ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दी है और वह लोकसभा चुनाव में इस बार अच्छी संख्या से सीट जीतेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के नए अध्यक्ष जल्द ही पोल पैनल की घोषणा करेंगे. कांग्रेस ने 2009 में 21 संसदीय सीटें जीती थीं. लेकिन 2014 और 2019 में पार्टी फिसड्डी साबित हुई. 2014 में दो और 2019 में पार्टी को मात्र एक सीट मिली. यहां तक कि राहुल गांधी भी अमेठी सीट से हार गए. सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं. कांग्रेस की कोशिश है कि वह कम से कम 2009 का आंकड़ा जरूर प्राप्त करे.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि गुजरात और हिमाचल चुनाव के बाद राज्य की राजनीति में बहुत कुछ बदलाव हो सकता है. उन्होंने कहा कि यूपी से नेहरु-गांधी परिवार का विशेष लगाव रहा है.

प्रियंका गांधी अभी यूपी की प्रभारी हैं. इससे पहले वह रायबरेली और अमेठी सीट को मैनेज करती थीं. कोरोना की वजह से कांग्रेस दो सालों तक बहुत कुछ कार्यान्वित नहीं कर सकी. इसकी वजह से संगठन प्रभावित हुआ है. कई कार्यकर्ताओं ने इसकी भी शिकायत की कि प्रियंका दिल्ली में रहती हैं, वह लखनऊ में नहीं रहती हैं, इसलिए पार्टी के सामने कई समस्याएं आ जाती हैं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि 2022 विधानसभा चुनाव के परिणाम से प्रियंका निराश हो गईं थीं, क्योंकि उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए बहुत काम किया था. इसके बावजूद उन्होंने नए सिरे से पार्टी के लिए काम करना शुरू किया है. इसी कड़ी में बृजलाल खबरी की नियुक्ति की गई है. खबरी पहले बसपा में थे. उन्होंने यह भी बताया कि पूरे यूपी को छह जोन में बांटा जाना है. पार्टी दलित समुदाय को फिर से भरोसा में लेने का प्रयास कर रही है. पार्टी नेताओं ने बताया कि गुजरात चुनाव के बाद प्रियंका फिर से यूपी में सक्रिय हो जाएंगी.

ये भी पढे़ं : डिंपल के खिलाफ कांग्रेस ने क्यों नहीं उतारा अपना उम्मीदवार, ये है इसकी वजह

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में गठित पार्टी की सभी समितियों को गुरुवार को भंग कर दिया और पार्टी की राज्य इकाई का पुनगर्ठन किए जाने की संभावना है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के नेतृत्व में ही पदाधिकारियों की नियुक्ति और संगठन में फेरबदल होगा. कांग्रेस के अनुसार, खड़गे ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बनी सभी समितियों को भंग करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है. उत्तर प्रदेश में इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव हुआ था. कांग्रेस को 403 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ दो सीटें और 2.33 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. Kharge dissolves UP assembly poll panels .

सूत्रों के अनुसार खड़गे गुजरात और महाराष्ट्र चुनाव परिणाम आने के बाद यूपी के लिए अपनी योजना का खुलासा करेंगे. यूपी में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. सूत्रों के अनुसार खड़गे ने इसे तीन कैटेगरी में बांटने की एक योजना बनाई है. इन्हें 'कठिन', 'कम कठिन' और 'आसान', इस तरह से बांटे जाने की उम्मीद है. आसान यानी इसमें 20 सीटों को रखे जाने की संभावना है, जहां पार्टी उम्मीद कर रही है कि उसकी जीत आसान होगी. वहां पर पार्टी उम्मीदवारों के नाम और संगठन को पहले ही मजबूत कर लेगी. इसी तरह से अन्य दो कैटेगरी के लिए पार्टी अलग रणनीति बनाएगी.

खबरी ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दी है और वह लोकसभा चुनाव में इस बार अच्छी संख्या से सीट जीतेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के नए अध्यक्ष जल्द ही पोल पैनल की घोषणा करेंगे. कांग्रेस ने 2009 में 21 संसदीय सीटें जीती थीं. लेकिन 2014 और 2019 में पार्टी फिसड्डी साबित हुई. 2014 में दो और 2019 में पार्टी को मात्र एक सीट मिली. यहां तक कि राहुल गांधी भी अमेठी सीट से हार गए. सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं. कांग्रेस की कोशिश है कि वह कम से कम 2009 का आंकड़ा जरूर प्राप्त करे.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि गुजरात और हिमाचल चुनाव के बाद राज्य की राजनीति में बहुत कुछ बदलाव हो सकता है. उन्होंने कहा कि यूपी से नेहरु-गांधी परिवार का विशेष लगाव रहा है.

प्रियंका गांधी अभी यूपी की प्रभारी हैं. इससे पहले वह रायबरेली और अमेठी सीट को मैनेज करती थीं. कोरोना की वजह से कांग्रेस दो सालों तक बहुत कुछ कार्यान्वित नहीं कर सकी. इसकी वजह से संगठन प्रभावित हुआ है. कई कार्यकर्ताओं ने इसकी भी शिकायत की कि प्रियंका दिल्ली में रहती हैं, वह लखनऊ में नहीं रहती हैं, इसलिए पार्टी के सामने कई समस्याएं आ जाती हैं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि 2022 विधानसभा चुनाव के परिणाम से प्रियंका निराश हो गईं थीं, क्योंकि उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए बहुत काम किया था. इसके बावजूद उन्होंने नए सिरे से पार्टी के लिए काम करना शुरू किया है. इसी कड़ी में बृजलाल खबरी की नियुक्ति की गई है. खबरी पहले बसपा में थे. उन्होंने यह भी बताया कि पूरे यूपी को छह जोन में बांटा जाना है. पार्टी दलित समुदाय को फिर से भरोसा में लेने का प्रयास कर रही है. पार्टी नेताओं ने बताया कि गुजरात चुनाव के बाद प्रियंका फिर से यूपी में सक्रिय हो जाएंगी.

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