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जैन संत विमद सागर महाराज का शव पंखे से लटका मिला

मध्य प्रदेश के इंदौर में चातुर्मास के लिए आए दिगंबर जैन संत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हालांकि पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

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Published : Oct 30, 2021, 11:43 PM IST

जैन संत विमद सागर महाराज
जैन संत विमद सागर महाराज

इंदौर : संत, संसार की मोह-माया और परेशानियों को छोड़कर वैराग्य का रास्ता दिखाते हैं, लेकिन संत ही आत्महत्या जैसा कदम उठा ले तो काफी अचरज होता है. ऐसा ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है. इंदौर में जैन संत विमद सागर महाराज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है.

नंदा नगर में जैन मंदिर के पास एक धर्मशाला में दिगंबर जैन संत आचार्य 108 विमद सागर महाराज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. विमद सागर महाराज मूल रूप से सागर के रहने वाले थे. जब वे काफी देर तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकले तो वहीं रहने वाले कुछ संतों ने उनके कमरे में जाकर देखा, जहां उनका शव पंखे से लटका हुआ पाया गया.

चातुर्मास के लिए आए थे इंदौर

परदेशीपुरा थाना प्रभारी पंकज द्विवेदी ने बताया कि 'महाराज विमद सागर सागर के रहने वाले थे और चातुर्मास के लिए इंदौर आए हुए थे. चातुर्मास के दौरान वह इंदौर के ही एरोड्रम थाना क्षेत्र स्थित लीडस बिल्डिंग में गए हुए थे. वहां से 3 दिन पहले ही वापस नंदा नगर स्थित मंदिर में लौटे थे. फिलहाल जिस कक्ष में उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की उसमें किसी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. कमरे का दरवाजा भी अंदर से ही बंद था.मामले की जांच की जा रही है.'

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कई सालों पहले ली थी दीक्षा

संत विमद सागर महाराज ने कई साल पहले दीक्षा ली थी. उसके बाद वे आचार्य बन गए. विमद सागर मूल रूप से सागर के रहने वाले थे. उनके पिता वहीं पर मलेरिया इंस्पेक्टर के रूप में पदस्थ थे. विमद सागर महाराज के परिवार में उनके अलावा 3 बहनें और एक भाई है. उनका भाई बैंक में मैनेजर है. विमद सागर महाराज के बारे में बताया जाता है कि वे स्पोर्ट्स में काफी रुचि रखते थे, साथ ही अपने अनुयायियों के प्रति उनका व्यवहार भी काफी मिलनसार था. दिगंबर जैन संत की आत्महत्या की खबर सुनकर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग इकट्ठा हो गए हैं. जैन संत के अनुयायियों का कहना है कि वे काफी हसमुख और मिलनसार थे, उन्होंने ऐसा कदम कैसा उठा लिया.

इंदौर : संत, संसार की मोह-माया और परेशानियों को छोड़कर वैराग्य का रास्ता दिखाते हैं, लेकिन संत ही आत्महत्या जैसा कदम उठा ले तो काफी अचरज होता है. ऐसा ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है. इंदौर में जैन संत विमद सागर महाराज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है.

नंदा नगर में जैन मंदिर के पास एक धर्मशाला में दिगंबर जैन संत आचार्य 108 विमद सागर महाराज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. विमद सागर महाराज मूल रूप से सागर के रहने वाले थे. जब वे काफी देर तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकले तो वहीं रहने वाले कुछ संतों ने उनके कमरे में जाकर देखा, जहां उनका शव पंखे से लटका हुआ पाया गया.

चातुर्मास के लिए आए थे इंदौर

परदेशीपुरा थाना प्रभारी पंकज द्विवेदी ने बताया कि 'महाराज विमद सागर सागर के रहने वाले थे और चातुर्मास के लिए इंदौर आए हुए थे. चातुर्मास के दौरान वह इंदौर के ही एरोड्रम थाना क्षेत्र स्थित लीडस बिल्डिंग में गए हुए थे. वहां से 3 दिन पहले ही वापस नंदा नगर स्थित मंदिर में लौटे थे. फिलहाल जिस कक्ष में उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की उसमें किसी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. कमरे का दरवाजा भी अंदर से ही बंद था.मामले की जांच की जा रही है.'

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कई सालों पहले ली थी दीक्षा

संत विमद सागर महाराज ने कई साल पहले दीक्षा ली थी. उसके बाद वे आचार्य बन गए. विमद सागर मूल रूप से सागर के रहने वाले थे. उनके पिता वहीं पर मलेरिया इंस्पेक्टर के रूप में पदस्थ थे. विमद सागर महाराज के परिवार में उनके अलावा 3 बहनें और एक भाई है. उनका भाई बैंक में मैनेजर है. विमद सागर महाराज के बारे में बताया जाता है कि वे स्पोर्ट्स में काफी रुचि रखते थे, साथ ही अपने अनुयायियों के प्रति उनका व्यवहार भी काफी मिलनसार था. दिगंबर जैन संत की आत्महत्या की खबर सुनकर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग इकट्ठा हो गए हैं. जैन संत के अनुयायियों का कहना है कि वे काफी हसमुख और मिलनसार थे, उन्होंने ऐसा कदम कैसा उठा लिया.

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