नई दिल्ली : भारत ने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को खाद्य उत्पादों, दवाओं एवं अन्य जरूरी चीजों की खरीद के लिए एक अरब डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान करने की गुरुवार को घोषणा की और दोनों देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज इसकी जानकारी दी.
जयशंकर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पड़ोस प्रथम भारत, श्रीलंका के साथ खड़ा है, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिये एक अरब डॉलर की ऋण सुविधा पर हस्ताक्षर किये गए, भारत की ओर से समर्थन के पैकेज का महत्वपूर्ण तत्व...
वहीं, वित्त मंत्रालय के ट्वीट में कहा गया है कि श्रीलंका को खाद्य उत्पादों, दवाओं एवं अन्य जरूरी चीजों की खरीद के लिए एक अरब डॉलर की ऋण सुविधा के समझौते पर स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआई) और श्रीलंका सरकार ने हस्ताक्षर किये. वित्त मंत्रालय के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के साथ बैठक की. मंत्रियों ने आपसी हितों और आर्थिक सहयोग से जुड़े विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की.
राजपक्षे बुधवार को तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार को नई दिल्ली पहुंचे. उन्होंने बुधवार को ही प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे से कहा था कि भारत हमेशा एक करीबी पड़ोसी मित्र के रूप में द्वीपीय देश के साथ खड़ा रहेगा, यह जानकारी श्रीलंका के उच्चायोग ने दी. भारत की यात्रा पर आये राजपक्षे ने इस कठिन समय में श्रीलंका को भारत द्वारा प्रदान की गई सभी प्रकार की सहायता के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया.
भारत ने पिछले महीने श्रीलंका को पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद में मदद करने के लिए 50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा देने की घोषणा की थी, श्रीलंका वर्तमान में एक गंभीर विदेशी मुद्रा और ऊर्जा संकट से जूझ रहा है. श्रीलंका के उच्चायोग ने एक बयान में कहा था, 'जब श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने अपराह्न में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि भारत हमेशा एक करीबी मित्र पड़ोसी श्रीलंका के साथ खड़ा रहेगा.'
बयान में कहा गया था कि मोदी और राजपक्षे ने कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन और मत्स्य पालन के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जतायी थी कि श्रीलंका में अक्षय ऊर्जा के विकास में सहयोग पारस्परिक रूप से लाभकारी है और इसे पूरे जोश के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए. उच्चायोग ने यह भी कहा था कि मोदी और राजपक्षे ने मत्स्य पालन के मुद्दे पर व्यापक चर्चा की और इसके जटिल और बहुआयामी पहलुओं को पहचाना.
श्रीलंकाई उच्चायोग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मंत्री राजपक्षे ने दोनों देशों के बीच मत्स्य पालन के मुद्दे पर व्यापक चर्चा की और मछुआरों के मानवीय व्यवहार, आजीविका, प्रवर्तन, समुद्र की पारिस्थितिकी, गिरफ्तार मछुआरों और उनकी नौकाओं की शीघ्र रिहायी सहित इसके जटिल और बहुआयामी पहलुओं आदि की पहचान की. इसमें कहा गया है कि दोनों नेता इस जटिल मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने की तत्काल आवश्यकता पर भी सहमत हुए.
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