पुणे: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि इतिहास का इस्तेमाल गलती ढूंढ़ने के बजाय बेहतर समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए किया जाना चाहिए. हमारी संस्कृति महान है और इसका इतिहास और विरासत जीवन मूल्यों की गहराई से जुड़ी हुई है. एक समान दर्शन स्वामी विवेकानंद द्वारा रखा गया था. विवेकानंद ने शिकागो धर्म सम्मेलन में भी कहा था कि भगवान महावीर, भगवान बुद्ध, रामायण और भगवद गीता के दर्शन में समानता है . केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि लेकिन यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमने इतिहास का उपयोग दोष-खोज के लिए किया है. हम (बेहतर) भविष्य, समाज और देश के निर्माण के लिए इतिहास का उपयोग करने में विफल रहे, विवाद से कोई कल्याण प्राप्त नहीं होता है,
गौर है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली के प्रसिद्ध तीन मूर्ति भवन में बने नए प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया, जिसमें सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन और कार्यों से जुड़ी जानकारियों संरक्षित की गई हैं. प्रधानमंत्री संग्रहालय में नेहरू स्मारक पुस्तकालय और संग्रहालय है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित कहा कि कांग्रेस को पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनकी उपलब्धियों का बखान करने में कोई समस्या नहीं है, दिक्कत इस बात की है कि सरकार की ऐसी किसी भी परियोजना में कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में क्या दिखाना है, यह तय करने वाली सरकार कौन होती है. मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को नहीं समझती है, अन्य प्रधानमंत्रियों को तो छोड़ दें. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप ने आगे कहा कि पिछले वर्षों में तीन मूर्ति भवन पर्यटन स्थल के रूप में सिमट कर रह गया था और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह स्थान भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास के बारे में जानने का स्थान बने.
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पीटीआई