ETV Bharat / bharat

हिजाब विवाद पर बोले उमर अब्दुल्ला, किसी को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का हक नहीं

author img

By

Published : Apr 27, 2022, 8:02 PM IST

Updated : Apr 27, 2022, 10:14 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्कूल में हिजाब पर बैन लगाने के फैसले की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि आज के माहौल में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला हो रहा है.

Omar Abdullah
Omar Abdullah

श्रीनगर ( जम्मू-कश्मीर) : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हिजाब मुसलमानों के लिए धार्मिक दायित्व है, इसलिए किसी को भी धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के एक स्कूल में शिक्षकों के लिए हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले एक सर्कुलर पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश में सभी को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है. भारत एक सेक्युलर देश है, जिसका मतलब है कि हर धर्म को एक नजर से देखा जाएगा.

बता दें कि 25 अप्रैल को एनजीओ के सहयोग से भारतीय सेना की ओर से संचालित बारामूला जिले के डागर फैमिली स्कूल ने अपने कर्मचारियों के हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी थी. स्कूल ने अपने सर्कुलर में दलील दी थी कि हिजाब के कारण छात्रों को शिक्षकों के साथ बातचीत करने में असहजता होती है. इससे पहले 15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा था. हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है और इस प्रकार इसे मौलिक अधिकार के तहत संरक्षित नहीं किया जा सकता है. बारामूला के स्कूल की आलोचना करते हुए उमर ने कहा कि क्या हिजाब पर पाबंदी से पहले स्टूडेंट टीचरों के साथ बातचीत नहीं कर रहे थे. यह कोई नया स्कूल नहीं है. अगर हिजाब से एजुकेशन प्रभावित हो रही थी तो यह फैसला कर्नाटक से पहले क्यों नहीं लिया गया?

श्रीनगर में उमर अब्दुल्ला ने कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के ऑफिस में बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने लाउडस्पीकर से अजान और हलाल मीट के नाम पर हो रहे विवाद पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अपने धर्म के हिसाब से कपड़े पहनने और प्रार्थना करने की आजादी मिलनी चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि कर्नाटक को कश्मीर में लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को रोक दिया जाएगा. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि मामला सिर्फ हिजाब का नहीं है. हमें कहा जा रहा है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करें. अगर सभी जगहों पर लाउडस्पीकर लगाए गए हैं तो मस्जिदों में क्यों नहीं? दिन में पांच बार नमाज पढ़ना क्या यह पाप है? बीजेपी शासन की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि आप कहते हैं कि हलाल का मांस नहीं बेचा जाना चाहिए, क्यों? हलाल मीट खाना हमारे धर्म में है. आप इसे हमारे लिए प्रतिबंधित क्यों कर रहे हैं? हम आपको खाने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं. हम आपको यह नहीं कहते हैं कि मंदिरों में माइक नहीं लगाएं.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन विवादों के जरिये नफरत फैलाया जा रहा है. यह वह भारत नहीं है, जिसके साथ जम्मू और कश्मीर ने विलय किया था. हमें बताया गया कि हर धर्म को एक समान नजरिए से देखा जाएगा. हमें नहीं बताया गया कि एक धर्म का दमन होगा. अगर कहा होता तो हमारा फैसला कुछ और होता. हम भाईचारे की बात कर रहे हैं. हमारा मुकाबला उनसे है, जो इस भाईचारे को बर्बाद करना चाहते हैं और हम इसकी अनुमति नहीं देंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार पर मुसलमानों को जान-बूझकर परेशान करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि सरकार सहरी और इफ्तार के समय बिजली कटौती करा रही है. जब नमाज का समय खत्म हो जाता है तो बिजली आ जाती है. उन्होंने पीएजीडी को सलाह दी है कि बीजेपी और उसकी टीमों को दूर रखने के लिए जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ना चाहिए.

पढ़ें : केसीआर ने दिए राष्ट्रीय पार्टी के संकेत, कहा-देश को वैकल्पिक एजेंडे की जरूरत

श्रीनगर ( जम्मू-कश्मीर) : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हिजाब मुसलमानों के लिए धार्मिक दायित्व है, इसलिए किसी को भी धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के एक स्कूल में शिक्षकों के लिए हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले एक सर्कुलर पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश में सभी को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है. भारत एक सेक्युलर देश है, जिसका मतलब है कि हर धर्म को एक नजर से देखा जाएगा.

बता दें कि 25 अप्रैल को एनजीओ के सहयोग से भारतीय सेना की ओर से संचालित बारामूला जिले के डागर फैमिली स्कूल ने अपने कर्मचारियों के हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी थी. स्कूल ने अपने सर्कुलर में दलील दी थी कि हिजाब के कारण छात्रों को शिक्षकों के साथ बातचीत करने में असहजता होती है. इससे पहले 15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा था. हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है और इस प्रकार इसे मौलिक अधिकार के तहत संरक्षित नहीं किया जा सकता है. बारामूला के स्कूल की आलोचना करते हुए उमर ने कहा कि क्या हिजाब पर पाबंदी से पहले स्टूडेंट टीचरों के साथ बातचीत नहीं कर रहे थे. यह कोई नया स्कूल नहीं है. अगर हिजाब से एजुकेशन प्रभावित हो रही थी तो यह फैसला कर्नाटक से पहले क्यों नहीं लिया गया?

श्रीनगर में उमर अब्दुल्ला ने कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के ऑफिस में बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने लाउडस्पीकर से अजान और हलाल मीट के नाम पर हो रहे विवाद पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अपने धर्म के हिसाब से कपड़े पहनने और प्रार्थना करने की आजादी मिलनी चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि कर्नाटक को कश्मीर में लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को रोक दिया जाएगा. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि मामला सिर्फ हिजाब का नहीं है. हमें कहा जा रहा है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करें. अगर सभी जगहों पर लाउडस्पीकर लगाए गए हैं तो मस्जिदों में क्यों नहीं? दिन में पांच बार नमाज पढ़ना क्या यह पाप है? बीजेपी शासन की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि आप कहते हैं कि हलाल का मांस नहीं बेचा जाना चाहिए, क्यों? हलाल मीट खाना हमारे धर्म में है. आप इसे हमारे लिए प्रतिबंधित क्यों कर रहे हैं? हम आपको खाने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं. हम आपको यह नहीं कहते हैं कि मंदिरों में माइक नहीं लगाएं.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन विवादों के जरिये नफरत फैलाया जा रहा है. यह वह भारत नहीं है, जिसके साथ जम्मू और कश्मीर ने विलय किया था. हमें बताया गया कि हर धर्म को एक समान नजरिए से देखा जाएगा. हमें नहीं बताया गया कि एक धर्म का दमन होगा. अगर कहा होता तो हमारा फैसला कुछ और होता. हम भाईचारे की बात कर रहे हैं. हमारा मुकाबला उनसे है, जो इस भाईचारे को बर्बाद करना चाहते हैं और हम इसकी अनुमति नहीं देंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार पर मुसलमानों को जान-बूझकर परेशान करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि सरकार सहरी और इफ्तार के समय बिजली कटौती करा रही है. जब नमाज का समय खत्म हो जाता है तो बिजली आ जाती है. उन्होंने पीएजीडी को सलाह दी है कि बीजेपी और उसकी टीमों को दूर रखने के लिए जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ना चाहिए.

पढ़ें : केसीआर ने दिए राष्ट्रीय पार्टी के संकेत, कहा-देश को वैकल्पिक एजेंडे की जरूरत

Last Updated : Apr 27, 2022, 10:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.