भोपाल। देश की आजादी के लिए किस तरह वीरों ने अपने प्राण न्यौछावर किए और किस तरह से देश का तिरंगा अपने स्वरूप में आया. यह सभी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामा की पाठशाला मे दी. भोपाल के मॉडल स्कूल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूली बच्चों के लिए इस पाठशाला का आयोजन किया. इसमें वह टीचर बनकर बच्चों को पढ़ाते हुए नजर आए. स्कूल के हॉल में मुख्यमंत्री मंच पर खड़े हुए और कॉर्डलेस माइक लगाते हुए बच्चों को पढ़ाना शुरू किया.
क्रांतिकारियों की वीर गाथाएं सुनाईं : सीएम शिवराज ने सबसे पहले वीर क्रांतिकारियों की गाथाओं के बारे में बच्चों को बताया. उन्होंने बताया कि किस तरह से महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, लक्ष्मी बाई आदि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश की आजादी के लिए भूमिका निभाई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने तिरंगे को लेकर भी बच्चों को पाठ पढ़ाया. शिवराज ने बताया कि 1905 में कोलकाता में निवेदिता कॉलेज की छात्राओं ने पहली बार ध्वज बनाया था और उसके बाद लगातार यह सिलसिला चलता रहा और 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा में इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों से संवाद भी किया.
सीएम शिवराज ने बच्चों के सवालों के जवाब दिए : सीहोर की छात्रा सलोनी ने पूछा कि आपको राजनीति और स्वतंत्रता की प्रेरणा कहां से मिली तो सीएम शिवराज ने बताया कि जब वह स्कूल में थे तब बालसभाएं होती थीं और रामचरितमानस की चौपाइयां हम पढ़ते थे. मॉडल स्कूल का जिक्र करते हुए भी शिवराज ने बताया कि तब यहां पर हम आकर छात्र राजनीति करते थे. स्कूल के समय जब मजदूरों को मजदूरी कम मिलती थी. ऐसे में उन्होंने मजदूरों को लेकर आंदोलन किया, लेकिन जब जुलूस घर के सामने से गांव में गुजरा तो चाचा ने उनकी पिटाई लगा दी. इसके बाद वह आंदोलन खत्म हुआ. इसके बाद वह भोपाल आ गए.
स्टूडेंट्स ने ये सवाल पूछे : मॉडल स्कूल के छात्र और छात्राओं ने सीएम से पूछा कि स्कूल के टाइम के समय स्वतंत्रता दिवस की कोई याद हो तो बताएं. वहीं एक अन्य छात्र ने पूछा कि पहले कुछ लोग ही झंडा फहराते थे, लेकिन अब सभी के लिए यह लागू कर दिया गया है. इसके जवाब भी शिवराज ने दिए. इधर, इन बच्चों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने क्या सवाल किया और मामा ने उनके कैसे जवाब दिए. शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान बच्चों से आह्वान किया कि वह अपने माता-पिता से कहें कि वह अपने खून पसीने की कमाई से तिरंगा लें और अपने घर पर लहराएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी आन और शान का प्रतीक है. ऐसे में सभी को इसे अपने घर के बाहर 15 अगस्त पर लगाना चाहिए. (CM Shivraj took class in school) (tell Incidents of freedom struggle) ( CM Shivraj answered of students)