ग्वालियर। मध्य प्रदेश की खंडपीठ ग्वालियर हाईकोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया है. हाईकोर्ट में एक सरपंच ने अपनी ग्राम पंचायत में नेटवर्क सुधरवाने के लिए एक याचिका दायर की है. भिंड जिले के दोहई ग्राम पंचायत के सरपंच ने अपनी याचिका में कहा है कि "उसके ग्राम पंचायत के 5 गांव बीहड़ में बसे हुए हैं. इस कारण मोबाइल के नेटवर्क में काफी परेशानी आती है. इसके चलते मनरेगा का काम प्रभावित हो रहा है. मोबाइल नेटवर्क ना आने के कारण ग्राम पंचायत में कई विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं." सरपंच ने पहले इसकी शिकायत दूरसंचार विभाग को की थी, लेकिन कोई हल न निकलने के कारण उसने अब हाईकोर्ट में दरवाजा खटखटाया है.
सरपंच ने नेटवर्क ठीक कराने लगाई हाईकोर्ट में गुहार: मध्यप्रदेश के भिंड जिले में स्थित रोन तहसील की दोहई ग्राम पंचायत प्रदीप कुशवाह ग्राम पंचायत में मोबाइल नेटवर्क ना आने से काफी परेशान है. यही कारण है कि जब उसने अधिकारियों के चक्कर काटे और उसका हल नहीं निकला तो सरपंच ने हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुए इस समस्या का हल करने के लिए निवेदन किया है. सरपंच प्रदीप कुशवाहा ने बताया है कि "उसकी ग्राम पंचायत में मोबाइल नेटवर्क ना आने के कारण पंचायत के कई विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. सबसे बड़ी परेशानी मनरेगा के कार्यों में हो रही है. क्योंकि मनरेगा में मजदूरों को वर्क साइट पर स्पोर्ट हाजिरी और जियो टैग फोटो के साथ लेने का प्रावधान है, लेकिन मोबाइल नेटवर्क न रहने के कारण सभी विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं."
अगले हफ्ते में कोर्ट में होगी सुनवाई: सरपंच प्रदीप कुशवाहा ने अपनी याचिका में बताया है कि मोबाइल नेटवर्क बाधित रहने के चलते मनरेगा के कई काम अटके पड़े हैं. इसके साथ ही मजदूरों को बुलाने के लिए मोबाइल भी काम नहीं कर रहे हैं. वहीं मोबाइल नेटवर्क ना मिलने के कारण उनकी हाजिरी नहीं लग पा रही है. इस कारण सरपंच ने हाईकोर्ट से गुजारिश की है कि जब तक गांव में नेटवर्क नहीं आ रहे हैं. तब तक मजदूरों की हाजिरी मैनुअल की जाए. सरपंच प्रदीप शर्मा ने बताया है कि "उसकी ग्राम पंचायत बिहार के काफी नजदीक है. इस कारण नेटवर्क आने में काफी परेशानी है. वह इसकी शिकायत कई बार स्थानीय दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. अब सरपंच प्रदीप कुशवाहा की याचिका पर हाईकोर्ट में अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है.